बच्चों को अच्छे गुण और अच्छी आदतों के साथ बड़ा करना, उन्हें हर दिन कुछ ना कुछ नया सिखाना और उन छोटी बातों को अनुसरण करने के लिए प्रोत्साहित करना। यह छोटी-छोटी और ऐसी आम बातें हैं जो आपको पूरे धैर्य के साथ अपने 2 साल के बच्चों को सिखानी शुरू कर देनी चाहिए ताकि वे उम्र बढ़ने के साथ-साथ अच्छी आदतों को (Good Habits for 2 Year Kids) सीख सकें।
हर माता-पिता यही चाहते हैं कि उनके बच्चों में अच्छी आदतों को लेकर रूचि हो, ताकि बड़े होकर भी वे एक कामयाब और संस्कारी बच्चे बने। आप यह चाहते हैं कि आपके बच्चे अच्छी आदतों को सिखें तो आपको इन छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। तो आइए जानते हैं ऐसी अच्छी आदतें (Achhi Aadatein) जो आपको अपने बच्चे को छोटी उम्र में यानी 2 साल की उम्र में सिखा देनी चाहिए।
जब आपके बच्चे 2 साल के हो जाते हैं तो वह खुद खाना खाने लायक हो जाते हैं। इसलिए आप उन्हें यह आदत डाल दें कि जब भी वह खाना खाने लगे तो खाने से पहले और बाद में अच्छी तरह से साबुन से हाथ धो ले। जब भी वे खेलते हैं तो भी हाथों को अच्छे से धो लें ताकि कोई भी कीटाणु उनके हाथों के जरिए उनके पेट में ना जाए। इससे उन्हें फिर किसी भी प्रकार का संक्रमण का सामना नही करना पड़ेगा।
जब आपके बच्चे अच्छी तरह बोलना सीख जाते हैं तो उन्हें विनम्र होना सिखाएं। अगर आप सब खाना खा रहे हो और उन्हें कुछ चाहिए तो विनम्रता के साथ मांगे और फिर देने के बाद उसे धन्यवाद बोलने को कहें। आप उन्हें छोटे-छोटे शब्द जैसे कि प्लीज, सॉरी, धन्यवाद बोलना सिखाएं। कुछ जरूरत हो तो प्लीज कहना और फिर बाद में धन्यवाद कहना, यह एक साधारण होते हुए भी बहुत जरूरी और अच्छी आदत है जो बच्चों को छोटी उम्र में ही सिखा देनी चाहिए।
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बच्चों को बड़ों को नमस्कार करना व बाय करना अवश्य सिखाएं। यह बड़ों को आदर देने का एक बेहस सरल और बेहतरीन तरीका होता है। इसके साथ दो साल के छोटे बच्चों को यह सिखाएं कि वह अपनी उम्र के बच्चों के साथ झगड़ा ना करें, सबसे प्रेम से रहें।
आपको अपने बच्चों को समझाना चाहिए कि जब भी वह खांसते और छींकते हैं तो हमेशा अपना हाथ या रुमाल मुंह पर रखें। उन्हें बताएं कि ऐसा करने से उनके मुंह से निकले कीटाणु किसी और को भी परेशान कर सकते हैं और फिर उन्हें यह भी बताएं कि जब भी वे हाथ रख कर छिकंते या खांसते हैं तो अपने हाथों को अच्छी तरह से धो ले ताकि किसी भी प्रकार का कोई संक्रमण ना फैले।
अक्सर छोटे बच्चे जो जिद्दी होते हैं दूसरे बच्चों से काफी झगड़ा भी करते हैं। बच्चों को शुरु से ही सिखाएं कि हमें सबसे साथ प्यार से रहना चाहिए। खिलौनों को शेयर करना, बच्चों के साथ आराम से खेलना, किसी की चीजें ना छिनना आदि कुछ ऐसी आदतें हैं जो हमें बच्चों को जरूर सिखानी चाहिए। यह अच्छी आदतें बच्चों को भविष्य में जिद्दी या अकेले रहने से बचाने वाले हो सकते हैं\
छोटे बच्चों का मन कोरे कागज की तरह होता है। इसे जैसा आप लिखेंगे वे वैसा ही करते जाएंगे। कई बार हम बच्चों के सामने ही अपशब्दों का प्रयोग कर देते है जिसे बच्चे सीख लेते हैं। यह एक गलत आदत है। बच्चों को समझाएं कि गलत शब्दों या किसी से बदतमीजी से बात करना गलत होता है।
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छोटे बच्चे कपड़े जरूर गंदे करते हैं। खेलते समय ऐसा होना लाजिमी है। लेकिन अगर बच्चा बार बार कपड़े गंदा करता है तो आप उसे समझाएं कि बेटा कपड़े गंदे करना गलत बात होती है। बच्चों को अगर आप प्यार से समझाएंगे तो बच्चे गंदे कपडों से आसानी से दूरी बनाना सीख जाएंगे। हालांकि यह मुश्किल काम होता है क्योंकि दो साल के बच्चे अमूमन खेलते हुए या खाना खाते समय कपड़े गंदे कर ही लेते हैं।
हां माना कि अपने पूरे शरीर के साथ-साथ नाक की सफाई रखना भी जरूरी है और कुछ बच्चों में तो यह खास आदत होती है कि वह सब के बीच में नाक में उंगली मारने लग जाते हैं जो कि एक बहुत ही बुरी आदत लगती है और इसमें मां-बाप को बड़ी शर्मिंदगी महसूस होती है। इसलिए आप उन्हें बचपन में ही यह समझाएं कि वे दूसरों के सामने नाक में उंगली डालना गलत बात है। अगर नाक में खुजली वगैरह होती है तो अलग कमरे में जाएं।
छोटे बच्चों को आप शुरु से ही खाने की अहमियत सिखाएं। उन्हें एक जगह बैठकर खाना खिलाने की आदत डालें। दो साल के बच्चे खाने को लेकर काफी चूजी होते हैं इसलिए अगर आप उन्हें शुरु से ही खाने से प्यार करना सिखाएंगी तो आगे चलकर आपके लिए ही आसानी होगी। मुंह बंद करके खाना भी एक अच्छी आदत होती है जो बच्चे दो साल में सीख सकते हैं।
आप अपने बच्चों को अगर छोटी उम्र से ही सुबह जल्दी उठने की आदत डाल देते हैं तो यह एक बहुत ही अच्छी आदत है। यह अच्छी आदत उनको जीवन भर स्वस्थ भी रखेगी और उनके जिंदगी भर काम भी आएगी। वैसे दो साल के बच्चों को जल्दी जगाना और रात को जल्दी सुलाना स्कूल भेजते समय भी काफी काम आता है।
बच्चों को पूजा करना व प्रार्थना करना अवश्य सिखाएं। यह एक अच्छी आदत होती है। आप चाहे किसी भी धर्म के हों बच्चों को अपने धर्म से परिचित कराना, उसका आदर करना सिखाना एक अच्छी आदत है।
अगर आप अपने बच्चों को सफल और एक अच्छा इंसान बनाना चाहते हैं तो आप उनकी नींव को मजबूत बनाएं। जब आपका बच्चा 2 साल का हो जाए और अच्छे से बोलना, चलना और समझना सीख जाए तब आप उन्हें अच्छी आदतों को सिखाकर उनको और मजबूत और संस्कारी बनाएं ताकि बड़े होकर आप भी गर्व से कह सकें कि आप उनके माता पिता है।
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