घर पर वेपर रब बनाने की विधि

बदलते मौसम के साथ नन्हें बच्चे बड़ी जल्दी बीमार पड़ जाते हैं। साथ ही छोटे बच्चों को बहुत ज्यादा दवाई देना भी सही नहीं है इसलिए ऐसे में कुछ घरेलू नुस्खे बड़े कामगार साबित होते हैं। वेपर रब (Vapour Rub) का इस्तेमाल उनमें से एक हैं।पर कई बार मार्किट का वेपर रब बहुत से बच्चों की त्वचा के लिए सही नहीं होता है।ऐसे में क्या किया जाए?

क्या आप जानते हैं कि आप वेपर रब घर पर भी बना सकते हैं और ये बच्चे की स्किन और सेहत दोनों के लिए ही बहुत सही होता है। आइयें जानते हैं घर पर वेपर रब कैसे बनाते हैं।

 

घर पर वेपर रब बनाने का तरीका (How to make Vicks Vapour Rub at Home in Hindi)

वेपर रब बनाने की विधि बहुत ही आसान है और मात्र 3 सामग्रियों के माध्यम से आप इसे बना सकते हैं।

सामग्री

  • शुद्ध देशी घी- 1\2 कप
  • लहसुन कलियाँ- 10-12
  • युकलिप्टस(नीलगिरी) एसेंशियल ऑयल- कुछ बूंदें

वेपर रब को घर पर बनाने की विधि:

  • एक कढ़ाई में आधा कप घी ले लें। इसे मध्यम आंच पर गर्म करें।
  • अब इसमें लहसुन की कलियाँ डाल दें और लहसुन को पूरा जल जाने तक भूने ।
  • अब लहसुन को घी से बाहर निकाल दें और घी को ठंडा होने दें।
  • घी के पूरी तरह से ठंडा होने पर इसमें युकलिप्टस(नीलगिरी) एसेंशियल ऑयल की कुछ बूंदें डाल दें।
  • सारी सामग्री को एक छोटे से डिब्बे में निकाले और डिब्बे का ढक्कन बंद कर के अलग रख लें।

तीनों सामग्रियों का क्या है महत्व

वेपर रब में प्रयोग की गयी तीनों ही सामग्रियां बच्चे की सेहत के लिए बहुत आवश्यक है।

 

  • घी इसका मुख्य पदार्थ हैं और ये जमकर साधारण वेपर रब की तरह ही हो जाता है। घी को इस्तेमाल करने का फायदा है कि ये बच्चे की त्वचा में किसी भी तरह की एलर्जी नहीं करता है और स्किन को नर्म और मुलायम बनाएं रखता है।
  • लहसुन में एलिसिन नामक तत्व पाया जाता है जो खांसी और सर्दी से आराम दिलाने में बहुत कअहम् भूमिका निभाता है। साथ ही लहसुन एंटी-बैक्टेरियल भी होता है। इस वजह से यह संक्रमण को जल्द से जल्द ख़त्म करने में भी मददगार रहता है।
  • युकलिप्टस(नीलगिरी) एसेंशियल ऑयल की कुछ ही बूदों का इस्तेमाल किया जाता है पर वही बहुत कारगर होती हैं। यह एसेंशियल ऑयल शिशु कीबंद नाक खोलने में सहायता करता है।

 

बच्चों को ठंड से कैसे बचाएं

सब दवाइयों से बेहतर है कि हम बच्चे का ध्यान रख पाएं कि वो बीमार ना हो। ठंड में कुछ चीजों का खास ख्याल रख कर बच्चों को बीमार होने से बचाया जा सकता है।

 

बच्चे के आस पास हीटर का इस्तेमाल ना करें

जितना हो सके बच्चों के कमरे में हीटर का इस्तेमाल ना करें क्योंकि हीटर कमरे से नमी को भी कम कर देता है जिससे बच्चों की तबियत खराब जल्दी होती है।साथ ही बच्चे कमरे के बाहर और अंदर तापमान कम-ज्यादा होने से भी बच्चों को जुकाम हो सकता है। कमरे में प्राकृतिक तापमान रहने दें और बच्चे को अच्छे से गर्म कपड़े पहना के रखें।

 

सुलाते हुए रखें ख़ास ध्यान

बच्चों को सोते समय सबसे ज्यादा ठंड लगने का डर रहता है। ऐसे में बच्चे को सुलाते समय ख़ास ध्यान रखें। नीचे से भी गर्म और पतली रजाई बिछा कर उसपर बच्चे को सुलाएँ। साथ ही कुछ लोगों को लगता है कि बच्चे रात को सोते हुए रजाई उतार देते हैं तो वो बच्चों को बहुत ज्यादा कपड़े पहना देते हैं। ऐसा करने से कभी कभी बच्चे को परेशानी हो सकती है।

 

मौसमी फल और सब्जियां ही खिलाएं

एक बार बच्चा जब सॉलिड फ़ूड खाने लगता है तो उसको मौसमी फल और सब्जियां ही खिलाएं।बहुत ज्यादा ठंड में बच्चे को संतरे आदि खिलाने से बचें और विटामिन सी की पूर्ति के लिए ताज़ा दही आदि खिलाएं।इसके अलावा बच्चे के 8-9 महीने के होने पर उसकी डाइट में ड्राई फ्रूट्स पाउडर आदि शामिल करें ताकि उसकी इम्युनिटी बनी रहे।

 

इस तरह से आप बच्चों को ठंड में बचा सकते हैं और बदलते मौसम का असर आपके बच्चे को नुक्सान नहीं पहुंचाएगा। आप वीडियो में भी घर पर विक्स बनाने के विधि देख सकते हैंः