अगर आप अपने बच्चे की सेहत का ध्यान रखना चाहती हैं तो च्वयनप्राश बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए च्वयनप्राश (Chyawanprash) का नाम सबसे पहले आता है। च्वयनप्राश का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है:
च्वयन: ऋषि जिनके लिए यह सूत्रपात पहली बार किया गया था
प्राश: जिसका अर्थ है विशेष रूप से तैयार किया भोजन।
सर्दियों में हर रोज केवल एक चम्मच च्वयन प्राश लेने से ही हमारे शरीर को नरमी और पोषक तत्व की प्राप्ति होती है। इसमें आयुर्वेद का भी भरोसा होता है जो कि हमें ऊर्जा और एलमेंट्स से बचाता है। इस लेख में आप घर पर ही चवयनप्राश बनाना सीखेंगे।
यह आंवला और करौंदा से मिलकर बनता है और इसमें कई सारी जड़ी बूटियां मिलाई जाती है। जब आप बाहर से अपने बच्चे के लिए कोई पैक्ड फूड लेती है तब आपको अपने बच्चे की सेहत को लेकर चिंता रहती है। इसलिये घर पर बनाई गयी चीज़ हमेशा बेहतर होती है। आइये घर पर इसे बनाने की विधि (Ghar Par Chyawanprash Kaise Banaye) के बारे में जानते है।
च्वयनप्राश बनाने से पहले आपको इस बात का जरूर ध्यान रखना चाहिए कि इसे बनाने में धैर्य की आवश्यकता पड़ती है परंतु इसके अंतिम प्रणाम बहुत अच्छे होते हैं। इस विधि से आप 300 ग्राम च्वयनप्राश बना सकते हैं।
बनाने की तैयारी का समय- 20 मिनट
कुकिंग टाइम 40 मिनट
च्वयनप्राश बनाने की सामग्री
मसालों के पावडर
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घर पर च्वयनप्राश बनाने की विधि (Ghar Par Chyawanprash Banane Ki Vidhi)
जैसा कि आप जान गए हैं कि च्वयनप्राश कैसे बनाते हैं। अब आपका यह जानना भी जरूरी है कि इसको कैसे स्टोर करके रखना चाहिए। च्वयनप्राश को हमेशा गिलास के बर्तन में स्टोर करके रखें। इसे निकालते समय साफ और सुखी चम्मच का प्रयोग करें।
घर पर बनाए च्वयनप्राश में बहुत सारी जड़ी बूटियां और मसाले होते हैं जो कि बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के लिए आवश्यक होते हैं। इसके कुछ फायदे इस प्रकार हैं-:
इसे खाने से बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली को ताकत मिलती है। जब मौसम में बदलाव आते हैं जैसे कि सर्दी या मानसून, ऐसे में बच्चे बीमार पड़ जाते हैं लेकिन इसे खाने से बच्चों को फंगल इंफेक्शन और बैक्टीरियल इन्फेक्शन से लड़ने की ताकत मिलती है। च्यवनप्राश बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यूनिटी को बढ़ाता है।
इसे खाने से बच्चों का पाचन तंत्र मजबूत होता है। जब बच्चों में कब्ज की समस्या होती है तब आपको उन्हें एक चम्मच च्वयनप्राश गर्म पानी के साथ देनी चाहिए। इससे उनकी कब्ज की समस्या जल्दी सुलझ जाती है।
इसमें जरूरी पोषक तत्व होते हैं जो आपके बच्चे की याददाश्त को मजबूत बनाते हैं। बच्चों का पढ़ाई में ध्यान ज्यादा लगता है और वह नई चीज़ सीखने के लिए तैयार रहते हैं। जब आप रोज अपने बच्चों को इसे खिलाएंगे तो आप देखेंगे कि आपके बच्चे की दिमाग की क्षमता बढ़ रही है।
बच्चे दिन भर में बहुत सारे काम करते हैं। इसलिए उन्हें दिन भर अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है जिससे कि वह एक्टिव और खुश रह सके। यह उनके लिए एनर्जी बूस्टर का भी काम करता है।
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वैसे तो आप चाहे तो अपने बच्चे को च्वयनप्राश किसी भी समय दे सकती हैं परंतु अगर आप इन दो समय पर अपने बच्चों को च्वयनप्राश देगी तो उनके लिए यह ज्यादा फायदेमंद होगा।
च्वयनप्राश को दूध के साथ इसलिए लिया जाता है क्योंकि इसमें बहुत सारे आयुर्वेदिक मसाले होते हैं जिनसे गर्मी उत्पन्न होती है और दूध लेने से हमारे शरीर को नरमाहट मिलती है। खाना खाने से पहले गर्म दूध के साथ इसे लेने से पाचन तंत्र मजबूत रहता है। 5 साल की उम्र से शिशु को च्वयनप्राश लेना शुरू कर देना चाहिए। यदि आप अपने बच्चे को जल्दी देना चाहती है तो पहले डॉक्टर से या फिर आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लें लें।
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