ऐसा माना जाता है कि गर्मी के मौसम में अगर प्रसव हो तो मुश्किलें और भी बढ़ जाती हैं। गर्मी के मौसम में धूप और कठोर गर्मी का प्रभाव प्रसव के समय और इसके बाद भी पड़ सकता है। गर्मी के मौसम में अगर ध्यान न दिया जाए तो जल्दी बीमार पड़ने की संभावना बनी रहती है वहीं लगातार पसीने की वजह से शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है। जानिए गर्मियों में डिलीवरी (Garmiyon Mein Delivery ke Liye Tips) के समय किन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए।
प्रसव के बाद महिला को यही सलाह दी जाती है कि वो जितना हो सके उतना अधिक आराम करे। हालाँकि गर्मी के मौसम में रात छोटी होती है और दिन बड़े, ऐसे में महिला को पूरा आराम नहीं मिल पाता। गर्मी के कारण भी आराम करने में मुश्किल होती है और शिशु की पूरी ज़िम्मेदारी भी आपके ऊपर होने के कारण भी आप आराम नहीं कर पाती हैं। ऐसे में परिवार के किसी अन्य सदस्य के साथ जिम्मेदारियों को बाँट लें ताकि आपको पूरा आराम मिले।
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चाहे आपका प्रसव सामान्य हुआ हो या सिजेरियन, आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिनमें से एक है मूत्र सम्बन्धी समस्याएं। प्रसव के बाद आपको मूत्र त्याग करते समय जलन महसूस हो सकती है। गर्मियों के मौसम में अधिक गर्मी होने के कारण यह समस्या और भी बढ़ जाती है। इससे बचने के लिए अधिक से अधिक पानी पीएं, कसरत करें और अगर समस्या बढ़ जाए तो डॉक्टर की राय लें।
प्रसव चाहे गर्मियों में हो या सर्दियों में, डॉक्टर की सलाह के बाद आपको कसरत या योगा अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से न केवल आप फिट रहेंगी बल्कि आप में नयी ऊर्जा का संचार भी होगा। यही नहीं प्रसव के बाद होने वाले तनाव से भी आपको छुटकारा मिलेगा। गर्मी के मौसम में सुबह और शाम के समय सैर करना न भूले।
गर्मियों के कारण प्रसव के बाद शारीरिक समस्याएं और भी अधिक बढ़ जाती है। ऐसे में प्रसव के बाद आपको हेल्थ टिप्स पता होने चाहिए। अगर आपका प्रसव सामान्य तरीके से हुआ है तब भी आपको अपने डॉक्टर के पास पोस्ट पार्टम चेकअप के लिए जाना चाहिए। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आप सही से रिकवर कर पा रही हैं या नहीं। शिशु का भी नियमित चेकअप करवाएं।
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प्रसव के बाद महिलाओं को संक्रमण होने की भी संभावना रहती है खासतौर पर अगर गर्मियों में बच्चा पैदा (garmiyon mein bachha paida) हो तो आपको इन्फेक्शन का खतरा अधिक हो सकता है। इससे बचने के लिए आपको विटामिन सी युक्त आहार का सेवन करना चाहिए जैसे कि ब्रोकली, आलू साइट्रस युक्त फल, टमाटर आदि। इससे संक्रमण से छुटकारा मिलता है।
गर्मियों में आराम पाने के लिए अपनी और अपने शिशु की मालिश करवाना न भूले। इससे न केवल आपके और आपके शिशु की त्वचा को आराम मिलेगा, नींद अच्छी आएगी बल्कि शिशु को विकास में भी मदद मिलेगी। इसके साथ ही गर्मियों में भी आपकी त्वचा हाइड्रेटेड और कूल रहेगी।
प्रसव के बाद महिला और शिशु दोनों का शरीर कमजोर होता है और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। गर्मियों में मच्छर या अन्य कीड़े के काटने से कई गंभीर रोग होने की भी संभावना रहती है। ऐसे में अपने शिशु को और खुद को मच्छरों और कीड़ों के काटने से बचाने की पूरी व्यवस्था करे।
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