गर्मी का मौसम आते ही एक-एक करके समस्याएं सामने आने लगती है। इन दिनों में मुहांसे, सनबर्न, टैनिंग, चेहरे का झुलसना, लू लगना आदि समस्या आती है। इन समस्याओं के साथ आती हैं एक और समस्या वो हैं घमौरियों की। इस मौसम में सबसे अधिक संक्रमण होने का भी खतरा बना रहता हैं| यह समस्या बड़े बच्चों में ही नहीं बल्कि नवजात शिशुओं में भी होती है। गर्मी के दिनों में घमौरी की समस्या सबसे आम समस्या है। और कई बार ये बड़ा रूप धारण कर लेती है। यह समस्या गर्म और और नर्म मौसम के कारण होती है। जिसके कारण कंधों, जांगो, कांख और शरीर के अन्य भागों में लाल दाने निकल आते हैं जिससे कि काफी जलन और खुजली होती हैं।
गर्मी के मौसम में अत्यधिक गर्मी होने के कारण शरीर से अत्यधिक पसीना बहता है। लगातार पसीना रिसने के कारण त्वचा पर मौजूद बारीक छेद जिनसे पसीना निकलता हैं, वे बंद हो जाते हैं और नतीजतन शरीर पर छोटे दाने निकल आते हैं। इन्हें ही घमौरियां के नाम से जाना जाता है। घमौरियों के इन छोटे-छोटे दानों में खुजली और जलन होती है। गर्मियों में सिर्फ घमोरियां ही नहीं, लू लगने का भी काफ़ी खतरा बना रहता है। लू लगने की वजह, शरीर में पानी की कमी का होना होता है। ऐसे में जरा सी लापरवाही त्वचा के लिए घातक सिद्ध हो सकती हैं।
#1. त्वचा पर पसीना जमा रहना।
#2. पॉलीस्टर या नायलॉन के कपड़े पहनना। सिंथेटिक फाइबर से बने कपड़े भी घमौरियों का कारण बनते हैं क्योंकि यह कपड़ा पसीने को सूखने नहीं देते।
#3. कसे हुए कपड़े पहनना|
#4. शरीर में पानी की कमी होना।
#5. तेज गर्मी में घर से खाली पेट बिना पानी के निकलना|
#6. धूप से आकर सीधे AC या कूलर में बैठना|
#7. तले-भुने आहार का सेवन करना।
#8. ज्यादा व्यायम और शारीरिक गतिविधियां करना, जिनसे बहुत उच्च स्तर पर पसीना आता हैं।
#9. तेलिय कॉस्मेटिक का प्रयोग करने से क्योंकि ये आपके त्वचा के छिद्रों को बंद करने का काम करते हैं।
#10. सर्दियों में पसीना आने पर भी अधिक गर्म कपड़े पहनना।
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ऐसे में इस समस्या से राहत पाने के लिए यहां कुछ घरेलू तरीके हैं जिनका प्रयोग करके आप घमौरियों जैसी समस्या से निजात पा सकते हैं:
कच्चा प्याज को खाने से शरीर को तेज गर्मी में भी ना तो घमोरी होती हैं और ना ही लू लगती हैं। कच्चा प्याज को आप भोजन में कई तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं। प्याज का सलाद एक अच्छा विकल्प हैं।
चित्र स्रोत: IN8LIFE
शरीर में जिस जगह घमौरियों के छोटे-छोटे दाने हो, वहां बर्फ के टुकड़ों को लगाएं, इससे घमौरियां ठीक हो जाएगी। परंतु ये उपाय छोटे बच्चों पर संभल कर करें क्योंकि इससे उन्हें जुखाम भी हो सकता हैं।
अक्सर कहा जाता हैं कि मौसमी फल और सब्जियाँ खानी चाहिए। हर मौसम के फल और सब्जियों की उस मौसम के हिसाब से कुछ विशेषताएं होती हैं। जैसे कि खीरे की विशेषता हैं कि यह गर्मियों में घमौरियों से राहत देता हैं। घमौरियों से राहत पाने के लिए एक गिलास पानी में नींबू का रस डालें और इस पानी में खीरा पतले-पतले टुकड़े काटकर डालें, खीरे के पतले टुकड़ों को अब शरीर पर घमौरियों वाली जगह पर लगाएं, इससे जलन और खुजली में तुरंत राहत मिलेगी।
एलोविरा में एंटी बैक्टीरिया और एंटी सेप्टिक गुण पाए जाते हैं जो विभिन्न तरह के स्किन रैशेज और घमौरियों से निजात दिलाने में मदद करते हैं| इसके लिए एक एलोवेरा का पत्ता ले और उसे काट लें| इसमें से जेल निकाल कर शरीर के प्रभावित हिस्सों पर लगाएं| यह त्वचा की सूजन को कम करके लालिमा को खत्म करने में भी मदद करेगा। आप चाहे तो इसकी जगह एलो रिच मॉइस्चराइजिंग लोशन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह घमौरियों को ठीक करने के साथ-साथ स्किन इन्फेक्शन में भी राहत देता हैं।
चंदन पाउडर अपने ठंडे गुणों के लिए जाना जाता है। इसमें आप पानी या गुलाब जल मिलाकर लेप बना ले और उस लेप को घमौरियों वाली जगह पर लगा ले| चंदन का लेप ठंडक भी देता हैं और घमौरियों को ठीक करने में काफी कारगर भी होता है। चंदन का प्रयोग प्राकृतिक उपचार में अनेक समस्याओं से समाधान पाने के लिए किया जाता हैं।
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मुल्तानी मिट्टी और गुलाब जल का लेप भी घमौरियों से निजात दिलाने में मदद करता हैं। मुल्तानी मिट्टी और गुलाब जल का लेप शिशु के शरीर पर लगाये, फिर 5 से 10 मिनट बाद शिशु को नहला दे।
चित्र स्रोत: health magazine
आप अपने शिशु को नहलाने से पहले पूरे शरीर पर दही लगाकर 5 मिनट तक रहने दें| इससे भी उसे काफी ठंडक मिलेगी और घमौरियों से भी राहत मिलेगी।
नींबू में अनेक गुण होते हैं। यह शरीर से विषाक्त पदार्थ को दूर करके शरीर को साफ करता है। इसके साथ ही साथ यह गर्मी से भी राहत देता है व घमोरियां और लू से बचाता है। नींबू पानी शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करता हैं।
नीम अपने एंटीबैक्टीरियल एंटीसेप्टिक और एस्ट्रिंजेंट गुणों के लिए जाना जाता है। यह त्वचा संबंधी विभिन्न समस्याओं के लिए प्रयोग में लाये जाने वाला सबसे प्रमुख उपायों में से एक है। इसके लिए नीम की पत्तियों का चूरन करके उन्हें रैशेज़ पर लगाएं और सूखने के बाद पानी से साफ कर लें या फिर नीम के तेल में कपूर का पाउडर मिलाकर एक पेस्ट बना लें और इस पेस्ट को घमौरियों पर लगा लें|
इससे त्वचा पर हल्की लालिमा जरूर आती है परंतु घमौरियों और रैशेज़ के लिए यह एक बेहतर घरेलू उपचार हैं| मेहंदी पाउडर और थोड़ा पानी मिलाकर एक पेस्ट तैयार कर ले| अब इसे त्वचा के प्रभावित हिस्सों पर लगाएं। 15 या 20 मिनट बाद इसे ठंडे पानी से धो लें।
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सन्तरे के छिलके को धूप में सुखाकर उसका मिक्सी में पाउडर बना ले। अब पाउडर में गुलाबजल मिलाकर पेस्ट बना लें| पेस्ट को शरीर में उस जगह लगाये जहां पर घमौरियों के छोटे-छोटे दाने हो, इससे घमौरियां भी ठीक होगा और गर्मी से भी राहत मिलेगी।
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अगर आप गर्मियों में लू से पीड़ित हैं या घमौरियों से परेशान हैं तो धनिए का पानी आपको राहत दे सकता हैं। धनिया को कुछ समय के लिए पानी में छोड़ दें, कुछ समय बाद पानी से निकाल कर एक चम्मच चीनी के साथ घोल ले| हर दिन सुबह शाम इसका सेवन करने से आराम मिलेगा।
घमौरियों से छुटकारा पाने के लिए दलिए का स्नान करें| शरीर पर 15 से 20 मिनट तक दलिये को लगाए रखें| आप चाहे तो प्रभावित क्षेत्रों पर दलिये के स्क्रब का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। यह आपकी त्वचा को एक्सफोलिएट करके बंद छिद्रों को साफ करेगा| घमौरियों के लिए यह सबसे बेहतर घरेलू उपचार हैं जो खुजली और सूजन से भी राहत दिलाता हैं।
तो यह है कुछ घरेलू नुस्खे जिनका इस्तेमाल कर आप तवचा संबंधी समस्या जैसे घमौरी रैशेज़ आदि से छुटकारा पा सकते हैं। इन सबके आलावा गर्मी के मौसम में बच्चों की साफ सफाई पर भी ध्यान दें क्योंकि छोटे बच्चे बहुत जल्दी इन्फेक्शन की चपेट में आ जाते हैं| इसलिए गर्मी के मौसम में उन्हें समय से नहलाएं और उन्हें साथ-सुथरा रखने की कोशिश करें| इससे घमौरी होने की समस्या से राहत मिलेगी। इसके साथ आपको अपने और अपने बच्चों के खान-पान पर भी ध्यान देना होगा क्योंकि इस समस्या को भीतरी और बाहरी दोनों ओर से ठीक करना जरूरी हैं|
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