गर्मियों के मौसम में अक्सर बच्चों को रैशेज हो जाते हैं जिस कारण से उन्हें समस्या होने लगती है। रैशेज के कारण लाल चकते होना या फिर शरीर पर दाने होना आम हो जाता है। बच्चों के शरीर पर रैशेज (Heat Rashes) होने के कई कारण होते हैं जैसे गर्मी, पसीने से इन्फेक्शन, गन्दे हाथ लगना, सूरज की रोशनी लगना आदि।
रैशेज से कैसे बचे? (How to Prevent Heat Rashes in Hindi)
बच्चो को सूती के कपड़े पहनाये, सिंथेटिक कपड़ो को पहनाने से बचे, ज्यादा तंग कपड़े भी ना पहनाये, धूप में बच्चो को ज्यादा बाहर न भेजे, समय-समय पर पानी पिलाते रहे, धूप से सीधा एसी में ना बिठाये, तले-भुने आहार का सेवन करवाने से भी बचे।
मुल्तानी मिट्टी
मुल्तानी मिट्टी में गुलाब जल व पानी मिलाकर पेस्ट बना ले व इसे बच्चे की रैशेष वाली जगह पर लगा दे। 10-15 मिनट इसे लगे रहने दे व जब ये सूख जाए तब इसे पानी से धो ले। यह अन्दर से ठंडी होती हैं जो बच्चो की त्वचा को ठंडा करती हैं
खीरा
खीरे को काटकर उनको मिक्सी में घुमाकर पेस्ट बना ले। अब इसे बच्चे की त्वचा पर लगाकर सूखने के लिए रख दे, इसके बाद इसे धो ले, यह गर्मियों में शरीर व आँखों दोनों को ठंडक प्रदान करता हैं।
एलोविरा जेल
एलोविरा की एक पत्ती ले व उसे बीच में से काटकर उसकी जेल निकाल ले। अब इसे बच्चे की त्वचा पर लगाकर 15-20 मिनट के लिए रहने दे। उसके बाद इसे सूती कपड़े से साफ कर दे। यह बच्चे की त्वचा को ठंडक देने के साथ-साथ रैशेष से आराम भी देता हैं।
जई का आटाएक कप जई के आटे को अपने बच्चे के नहाने की बाल्टी में अच्छे से मिला दे। अब उस पानी से अपने बच्चे को अच्छे से नहलाकर सूती कपड़े से पूछे। इसमें गर्मी को दूर करने के तत्त्व पाए जाते हैं जो आपके बच्चे की त्वचा को राहत देंगे।
ध्यान रखे
गर्मियों के मौसम में आजकल हर घर में एसी होना आम बात हैं। लेकिन ध्यान रखे कि आप अपने बच्चो को एक दम से एसी कमरे से बाहर लेकर ना जाए या फिर बाहर की गर्मी से एक दम से एसी वाले कमरे में ना आये। यात्रा करते समय कार में भी यह ध्यान रखे। कमरे से बाहर निकलने से 5 मिनट पहले एसी को बंद कर दे।