गर्भावस्था के दौरान मालिश (pregnancy mein malish) करवाना बहुत फायदेमंद होता है| मालिश करने से गर्भवती महिलाओं का तनाव का स्तर नीचे गिरता है और उनके खून का संचार भी बढ़ता है| इससे गर्भवती महिलाओं की जो सूजन आई होती है वह भी कम होती है| कुछ मसाज एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस दौरान मसाज 12 हफ्ते बाद की जानी चाहिए| मसाज या मालिश से प्रसव का समय भी कम होता है|
मालिश (Malish) से हमारे संपूर्ण शरीर में खून का प्रवाह बढ़ता है| मालिश हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होती है| इससे पेट साफ रहता हैं व पाचन शक्ति ठीक रहती है| इसके अलावा मालिश से शरीर के कोष शरीर से बाहर निकल आते हैं और उनके स्थान पर नए कोष बनने लगते हैं जिससे पूरे शरीर में नई शक्ति भर उठती है|
कई लोग यह मानते हैं कि शरीर के किसी भी अंग पर तेल लगाकर मसल लो तो वह मालिश हो जाती है परंतु ऐसा नहीं है| यदि हम मालिश के विज्ञान को अच्छे से समझ कर और उसके नियमों का पालन करके मालिश करें तभी इसका पूरा-पूरा लाभ मिलता है| जब हम किसी अन्य व्यक्ति से मालिश करवाते हैं तो उस व्यक्ति के शरीर की शक्ति और गर्मी हमारे शरीर में पहुंचती है| मालिश किसी विशेषज्ञ से ही करवानी चाहिए|
इसे भी पढ़ें: क्या आपको पता हैं बच्चे अपनी माँ के गर्भ में भी हँसते व रोते हैं?
मालिश करने के लिए सरसों का तेल सबसे अच्छा माना जाता है| इनका अच्छा लाभ पाने के लिए इनको किसी शीशी में डालकर व बंद करके कुछ दिनों तक सूरज की रोशनी में रखना चाहिए| जिससे सूरज की किरणों का प्रभाव तेल में मिल जाता है और तेल का फायदा और अधिक बढ़ जाता है|
नारियल तेल भी मालिश में काफी फायदेमंद होता हैं| इसमें कई चमत्कारी गुण होते हैं जो शरीर की त्वचा के लिए लाभदायक होते हैं| इसको भी आप शीशी में बंद करके कुछ दिन सूरज की रोशनी में रखे|
जैतून के तेल की मालिश शरीर के लिए काफी लाभदायक होती है| बादाम रोगन तेल भी मालिश के लिए अच्छा विकल्प है|
इसे भी पढ़ें: गर्भावस्था के दौरान बालों के टूटने के कारण, बचाव व घरेलु उपाय
#1. सबसे महत्वपूर्ण बात मालिश करने के लिए मालिश का स्थान स्वच्छ व शांत होना चाहिए| यह स्थान खुला होना चाहिए जहां ताजी हवा का आवागमन होना चाहिए|
#2. मालिश करवाते समय दिमाग एक दम शांत होना चाहिए व कहा जाता है कि मालिश करने वाले का दिमाग जितना शांत और एकाग्र होगा, मालिश करवाने वाले को उतना ही फायदा मिलेगा|
#3. मालिश नीचे से शुरू करके ऊपर की ओर की जानी चाहिए|
#4. मालिश करने वाले को पहले अपने हाथ किसी क्रिया द्वारा गर्म कर लेने चाहिए क्योंकि गर्म हाथ नरम होते हैं|
#5. मनीष धीरे-धीरे व दबाव डालकर करनी चाहिए|
#6. मालिश करवाते समय यह ध्यान देना चाहिए कि यदि ठंड है तो मालिश का स्थान गर्म होना चाहिए और यदि गर्मी है तो स्थान ठंडा होना चाहिए|
#7. मालिश करने वाले का स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए|
#8. गर्भावस्था के दौरान जो महिलाएं कमजोर होती है उनकी मालिश आधे घंटे से ज्यादा समय तक नहीं करनी चाहिए| परंतु एक स्वस्थ महिला की 45 मिनट या 1 घंटे तक मालिश करनी चाहिए|
#1. गर्भावस्था के दौरान मालिश करने से आपका तनाव खत्म होता है और इससे आपको वह हार्मोन्स मिलते हैं जो आपको खुशी देते हैं| इन हारमोंस को एंडोर्समेंट कहते हैं|
#2. इससे बेचैनी कम होती है और इंसान चिंता मुक्त होता है|
#3. मालिश करने से मन शांत होता है और इससे नींद भी अच्छी आती है|
#4. गर्भावस्था के दौरान पैरों की मालिश से रक्त संचार तेज होता है और पैरों की जकड़न से राहत मिलती है|
#5. इस दौरान जोड़ों में होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है व पैरों में होने वाली सूजन की समस्या से भी मालिश करके निजात पाया जा सकता है|
#6. गर्भावस्था के दौरान कभी जी मचलने, सीने में जलन या दर्द की शिकायत होती है| परंतु पैरों और पीठ की मालिश से इन समस्याओं से छुटकारा मिलता है|
#7. मालिश से कमर में होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है|
इसे भी पढ़ें: क्या प्रेगनेंसी में पसीना आना सामान्य हैं?
गर्भावस्था के दौरान पैरों और पेट की मालिश करवानी चाहिए क्योंकि इस दौरान गर्भवती महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है परंतु मालिश से इन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है परंतु इसके लिए कुछ सावधानियां बरतनी पड़ती है जो निम्न है|
#1. जब आपका गर्भ 4 महीने का हो जाता है तो आपको पीठ के बल लेटने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है क्योंकि इससे आपकी खून कणिका पर दबाव पड़ता है| इसलिए इस दौरान आप तकिए का इस्तेमाल करें| इससे आपको पीठ के बल लेटने में दिक्कत नहीं होगी और आपको अच्छा महसूस होगा|
#2. जब आप गर्भावस्था के दौरान मालिश करवाती है तो ध्यान रहे मालिश करवाने वाला व्यक्ति अनुभवी हो क्योंकि इस दौरान पेट की कुछ मांसपेशियों पर दबाव डाला जाता है जिससे गर्भावस्था की सूजन कम होती हैं|
#3. कोई भी मसाज से पहले आपको अपने डॉक्टर से राय जरूर लेनी चाहिए|
#4. यदि गर्भवती महिला अधिक समय तक लेटकर थक जाए या फिर उसे किसी तरह की बैचेनी होने लगे तो मालिश (Malish) को तुरंत रोक देना चाहिए|
#5. जो महिलाएं ब्लड प्रेशर रोग से ग्रस्त हो उनकी मालिश ऊपर से नीचे की ओर करनी चाहिए और धीरे-धीरे और सावधानी के साथ करनी चाहिए|
क्या आप एक माँ के रूप में अन्य माताओं से शब्दों या तस्वीरों के माध्यम से अपने अनुभव बांटना चाहती हैं? अगर हाँ, तो माताओं के संयुक्त संगठन का हिस्सा बने| यहाँ क्लिक करें और हम आपसे संपर्क करेंगे|
null