आजकल गर्भ ना ठहरना (Garbh Ka Na Thaharne), निसंतानता यानी माँ बनने में देरी होना जैसी समस्या बहुत ही सामान्य होती जा रही है। मेरी एक सहेली को शादी के बाद कई साल बीत जाने के बाद भी जब उसे गर्भवती होने में समस्या आने लगी तो लोगों के कहने पर उसने कई उपाय किये। बहुत ही मुश्किलों के बाद वो पांच साल माँ बन सकी। यह कहानी केवल मेरी सहेली की ही नहीं बल्कि आजकल हर दस में से तीन महिलाओं की है।
अधिकतर लोग केवल महिलाओं को ही इसका कारण मानते हैं लेकिन महिला में प्रेगनेंसी के ना रुकने (Garbh Na Rukne) या गर्भ ना ठहरने का कारण केवल महिला ही नहीं बल्कि पुरुषों से सम्बन्धित समस्याएं भी हो सकती हैं। आइये आज हम आपसे कुछ ऐसे ही कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं। जानिए गर्भ न होने (Garbh Na Hone Ke Karan) के दस कारण।
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आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि केवल शारीरिक सम्बन्ध बना लेने से गर्भवती हुआ जा सकता है लेकिन ऐसा नहीं है। गर्भवती होने के लिए केवल शारीरिक सम्बन्ध बनाना आवश्यक नहीं होता लेकिन जरूरी है सही समय पर सम्बन्ध बनाना। गर्भ के ठहरने में ओवुलेशन पीरियड बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ओवुलेशन पीरियड यानी वो दिन जब महिला के गर्भवती होने की संभावना सबसे अधिक होती है। ओवुलेशन पीरियड के दौरान या इससे कुछ दिन पहले शारीरिक सम्बन्ध बनाने से गर्भ के ठहरने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है।
इसके लिए आपको केवल अपने ओवुलेशन पीरियड के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। इस दौरान बिना किसी सुरक्षा के प्रयोग से शारीरिक सम्बन्ध बनाने से आपको अच्छे परिणाम आवश्यक मिलेंगे।
गर्भ के ना ठहरने का एक कारण महिला का शरीर भी हो सकता है। अगर महिला का वजन बहुत अधिक कम या ज्यादा है तो इस स्थिति में भी गर्भवती होने में समस्या हो सकती है। दरअसल वजन के अधिक या कम होने से पीरियड का अनियमित होना बहुत ही सामान्य है जिससे महिला को अपने ओवुलेशन पीरियड के बारे में सही जानकारी नहीं हो पाती है।
यही नहीं अगर आपका वजन अधिक है तो इससे शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन भी असंतुलित हो जाते हैं जिसके कारण गर्भ के ठहरने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। अगर आपका वजन भी कम या अधिक है तो आपको अपने वजन पर नियंत्रण रखना चाहिए।
अगर महिला के गर्भाशय में कोई समस्या हो तब भी गर्भवती होने की संभावना कम (Pregnancy Ne Hone) हो जाती है। गर्भाशय में समस्या का कारण बार-बार गर्भपात होना, आपका गर्भनिरोधक या अन्य दवाओं का अधिक प्रयोग करना हो सकता है।
यही नहीं, अगर महिला के शरीर में अंडाणु सही से नहीं बन पा रहे हों तो उसके कारण भी गर्भ नहीं ठहर पाता। अंडाणु का सही से नहीं बन पाने के पीछे भी कई कारण हो सकते हैं जैसे कि महिला को कोई बीमारी हो। ऐसे में डॉक्टर की सलाह ओर उपचार के बाद आप गर्भवती हो सकती है।
आजकल महिलाएं माँ बनने को कैरियर की तुलना में कम प्राथमिकता देने लगी हैं लेकिन जब वो माँ बनने की सोचती हैं तो उन्हें कई तरह की समस्याएं सामने आने लगती हैं जिनमें से एक है उनकी उम्र। ऐसा कहा जाता है कि उम्र के बढ़ने के कारण महिला के शरीर में अंडाणु कम बनते हैं जिसके कारण उनके गर्भवती होने की संभावना भी कम हो जाती है।
हो सकता है कि कुछ लोग इस बात से सहमत न हों कि संतुलित आहार न लेना भी गर्भ न ठहरने का कारण बन सकता है लेकिन यह बिल्कुल सही है। दरअसल हमारे शरीर के हार्मोन्स का संतुलित होने गर्भ के ठहरने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है।
अगर आप संतुलित आहार का सेवन करते हैं तो शरीर के हार्मोन्स संतुलित रहते हैं और इसके साथ ही गर्भवती होने के लिए आवश्यक प्रोटीन ओर अन्य पोषक तत्व भी प्राप्त होते हैं। अगर शरीर में पोषक तत्वों जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड या एस्ट्रोजन की कमी हो तो गर्भ के ठहरने में मुश्किल हो सकती है। इसके साथ ही गर्म प्रकृति वाली चीज़ों का सेवन करना भी गर्भ के न टिक पाने का एक कारण हो सकता है।
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सुनने में हैरानी होगी लेकिन अधिक धूम्रपान या शराब आदि का सेवन करना भी गर्भ के ठहरने में एक बाधा हो सकती हैं। आजकल की महिलाएं धूम्रपान, शराब या अन्य नशों की लत से बच नहीं पाती हैं लेकिन अधिक नशा करने से महिला के अंडाणु सही से और सही मात्रा में नहीं बन पाते हैं।
जिसके साथ ही मासिक धर्म में अनियमितता, हार्मोन्स के असंतुलन के कारण ओवुएशन पीरियड का भी पता नहीं चल पता हैं जिसके कारण गर्भधारण करने में समस्या आ सकती है। यही नहीं पुरुष अगर अधिक नशे का आदि है तो उसके शुक्राणु भी नहीं बन पाते या स्वस्थ नहीं होते जिसके कारण गर्भवती होने में मुश्किल आती है।
अगर महिला तनाव या किसी अन्य मानसिक परेशानी से जूझ रही है तो इसका प्रभाव भी गर्भधारण पर पड़ सकता है। दरअसल तनाव होने से हमारे दिमाग के हिस्से जिसे पीयूष ग्रन्थि कहा जाता है उस पर असर पड़ता है। दिमाग के यह हिस्से हमारे शरीर के अन्य हिस्सों जैसे थायरॉइड व अंडाशयों को नियंत्रित करते हैं।
इसलिए अधिक तनाव होने का प्रेगनेंसी ठहरने पर भी प्रभाव पड़ता है। यही नहीं अगर आप तनाव या दिमाग की अन्य किसी समस्या का सामना कर रही है या इसकी दवाईयां ले रही हैं तब भी इसका प्रभाव आपके गर्भवती होने पर पड़ सकता है।
अगर गर्भ न ठहर रहा हो तो इसके पीछे केवल महिला में ही समस्या हो ऐसा जरूरी नहीं है बल्कि पुरुष में भी कोई समस्या हो सकती है। गर्भधारण करने में पुरुष और महिला दोनों बराबर के जिम्मेदार होते हैं।
पुरुष में शुक्राणुओं (Sperm) की संख्या का कम होना, उनका महिला के अंडाणुओं तक न पहुँचना जैसी समस्याएं भी गर्भवती होने में बाधा हो सकती है। ऐसे में अगर गर्भ न ठहर रहा (Garbh Na Ruk Raha) हो तो डॉक्टर की राय के बाद पुरुष को भी अपना चेकअप कराना चाहिए।
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फैलोपियन ट्यूब वो ट्यूब होती है जिसमें महिला के अंडाणु और पुरुष के शुक्राणु मिलते हैं और जहाँ उनका निषेचन होता है। यानी गर्भ के ठहरने में फैलोपियन ट्यूब भी महत्वपूर्ण है। लेकिन अगर महिला की फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक है या कोई और परेशानी हो तो उससे भी गर्भ के ठहरने में समस्या आ सकती है।
महिलाएं शारीरिक सम्बन्ध बनाने के बाद हाइजीन का पूरा ख़याल रखती हैं और तुरंत अपने गुप्त अंगों को धो या साफ कर देती हैं। ऐसा कहा जाता है कि ऐसा करने से महिला का गर्भवती होना मुश्किल हो जाता है क्योंकि इससे वीर्य अच्छे से महिला के शरीर के अंदर नहीं जा पाता जिसके कारण वे गर्भवती नहीं हो पाती हैं। इसके लिए आपको शारीरिक सम्बन्ध के बाद कुछ देर तक एक ही स्थिति में रहना चाहिए ताकि वीर्य महिला के शरीर में जा सके और महिला के गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाएँ।
केवल यही कारण नहीं हैं बल्कि और भी कई कारण है जो गर्भ के न ठहरने के लिए जिम्मेदार होते हैं। जैसे आजकल का आधुनिक लाइफस्टाइल, प्रदूषण, महिलाओं का कम सोना, उनके शरीर में विटामिन-डी की कमी या उनका सही से आराम न करना आदि। इन सबका प्रभाव महिला के शरीर पर पड़ता है जिससे उसके हार्मोन या प्रजनन क्षमता पर भी असर होता है।
अगर आप माँ बनना चाहती हैं तो स्वस्थ शरीर के साथ-साथ स्वस्थ जीवनशैली और सकारात्मक सोच का होना भी आवश्यक है। आजकल हमने चिकित्सा क्षेत्र में बहुत उन्नति कर ली है। ऐसे में समस्या चाहे कोई भी हो, हर समस्या का उपचार नयी तकनीकों के द्वारा संभव है जैसे आईवीएफ (IVF)।
अगर आप गर्भ न ठहरने की समस्या से गुज़र रही हैं तो अपने डॉक्टर से मिले और उनसे जानकारी प्राप्त करने के बाद सही उपचार कराएं। आपको इस समस्या से अवश्य की छुटकारा मिलेगा।
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