पहली बार स्तनपान कराते समय क्या परेशानियां होती हैं?

पहली बार स्तनपान कराते समय क्या परेशानियां होती हैं?

शिशु के जन्म के बाद शिशु के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है वो है स्तनपान। अपने शिशु को स्तनपान कराना माँ की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है लेकिन यह इतना भी आसानी नहीं होता। पहली बार स्तनपान (pahli baar stanpan) कराते हुए माँ को कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है। इस दौरान दिमाग में कई सवाल आते हैं जैसे शिशु को स्तनपान कैसे कराना चाहिए, स्तनपान के समय शिशु की पोजीशन कैसे हो, आपकी स्थिति कैसी हो आदि। ऐसे सवाल माँ के दिमाग में आना बहुत स्वभाविक भी है। अगर आपके दिमाग में भी कुछ ऐसे सवाल हैं तो आज हम आपको आपके सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे ताकि आपको कुछ मदद मिल सके। जानिए पहली बार स्तनपान (First Time Breastfeeding) कराते समय क्या परेशानियां होती हैं।

 

पहली बार स्तनपान कराते समय क्या परेशानियां होती हैं? (Common First Time Breastfeeding issues of new mothers in Hindi)

#1. क्या स्तनपान कराना आसान है? (Is it easy to breastfeed?)

नयी माताओं के लिए शुरुआत में स्तनपान कुछ मुश्किल हो सकता है लेकिन अभ्यास और धैर्य से आप सब कुछ सीख सकती हैं। शिशु के जन्म के बाद स्तनों में एक पीला गाढ़ा पदार्थ निकलता है जिसे कोलोस्ट्रम कहते है। इस पदार्थ को शिशु को देना बेहद आवश्यक है क्योंकि इससे शिशु कई बीमारियों से बचता है। उस समय हो सकता है कि आपको इसकी जानकारी न हो लेकिन अस्पताल की नर्स या डॉक्टर आपको स्तनपान के बारे जानकारी दे सकती हैं और आपकी मदद कर सकते हैं। कुछ समय के बाद अभ्यास और अनुभव से आपको स्तनपान आसान लगने लगेगा।

#2. कितनी देर बाद स्तनपान कराना चाहिए? (How long should I breastfeed?)

नयी माँ के दिमाग में यह सवाल आता है कि शिशु को दिन में कितनी बार स्तनपान कराना चाहिए। शिशु का पेट बहुत जल्दी भर जाता है, तो उतनी ही जल्दी खाली भी हो जाता है। शिशु को लगभग दो से तीन घंटे बाद दूध पिलाना चाहिए। शिशु की दिनचर्या ही ऐसी बनाएं। थोड़ी-थोड़ी देर बाद शिशु को दूध नहीं पिलाना चाहिए बल्कि उसमे दो घंटे का अंतर अवश्य रखना चाहिए। स्तनपान करवाने में पांच से लेकर 40 मिनट तक लग सकते हैं।

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#3. क्या दोनों स्तनों से दूध पिलाना चाहिए? (Should I breastfeed with both breasts?)

शिशु को केवल एक ही स्तन से दूध नहीं पिलाना चाहिए बल्कि दोनों स्तनों से दूध पिलाना चाहिए ताकि शिशु की भूख मिट जाए और ऐसा करना आपके स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है। आप जितना अधिक दूध पिलायेंगी, आपके स्तनों में दूध का उत्पादन उतना ही अधिक होगा। जब शिशु दूध पी रहा हो तो उसे आराम से पीने देना चाहिए और उससे स्तन को जबरदस्ती नहीं छुड़ाना चाहिए। एक स्तन से दस से पंद्रह मिनट तक दूध पिलाने के बाद ही स्तन बदलें।

#4. स्तनपान कराने के लिए कैसी जगह का चुनाव करें? (Place to choose for breastfeeding)

नयी माँ के लिए स्तनपान का अनुभव बहुत अनोखा होता है। ऐसे में स्तनपान कराने को कोई काम या बोझ न समझें बल्कि इस समय का आनंद लें। स्तनपान कराने के लिए ऐसी जगह का चुनाव करें जो शांत और आरामदायक हो। जहाँ न अधिक शोर हो, न ही रोशनी। अगर अधिक शोर या रोशनी होगी तो इससे शिशु का ध्यान भटकेगा। जिससे शिशु का पेट भरने के बाद भी वो अच्छे से सो नहीं पायेगा।

#5. स्तनपान कराने की सही स्थिति कौन सी है? (Good positions for breastfeeding)

शिशु को स्तनपान कराते हुए आप ऐसी स्थिति को चुने जिसमें आप और आपका शिशु आरामदायक महसूस करे। आप बैठ कर या लेट कर भी शिशु को दूध पिला सकती हैं लेकिन अच्छे से बैठ कर और शिशु को गोद में लेकर शिशु को दूध पिलाने वाली स्थिति सबसे उपयुक्त है। इससे शिशु आराम से दूध पी लेता है।

#6. स्तनपान करते हुए अगर शिशु हिचकी ले तो क्या करें? (What to do if a child takes hiccups while breastfeeding)

अगर शिशु दूध पी रहा हो और बीच में ही उसे हिचकी आने लगे या खांसी होने लगे, तो ऐसे में शिशु को दूध न पिलायें क्योंकि इससे दूध शिशु के मुँह से बाहर निकाल सकता है या उसे उल्टी हो सकती है। जब शिशु ठीक हो जाए तो उसे दूध पिलाना फिर से शुरू करें।

#7. शिशु को दूध पिलाने का सही तरीका क्या है? (Correct Way to Feed Baby?)

शिशु को दूध पिलाते हुए ध्यान रहे कि शिशु के नाक के ऊपर आपका स्तन न आये। नहीं तो, शिशु को साँस लेने में परेशानी हो सकती है। अपनी दो उंगलियों से अपने स्तन के निप्पल को पकड़ कर निप्पल को शिशु के मुँह में डाल दें ताकि शिशु अच्छे से दूध पी सके। शिशु के मुँह में निप्पल तब डाले जब शिशु का मुँह पूरा खुला हो। इसके साथ ही बच्चे के सिर और गले को अपनी कलाई और हाथ से सहारा दें।

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#8. मैं स्तनपान के लिए क्या तैयारी करूं? (Prepartion for breastfeeding)

स्तनपान कराने के लिए आपका स्वस्थ होना बेहद जरूरी है इसके लिए आपको पौष्टिक भोजन ग्रहण करना चाहिए। आप जो भी खाएंगी, वही आपके दूध के माध्यम से आपके शिशु के शरीर तक जाएगा। स्तनपान के दौरान अधिक दूध के उत्पादन के लिए अधिक से अधिक पानी पिये। स्तनपान को लेकर जितनी अधिक हो सके जानकारी एकत्र करें। इसके साथ ही आपको अच्छे से स्तनपान कराने के लिए नर्सिंग ब्रा का चुनाव करना चाहिए क्योंकि इसे खासतौर पर स्तनपान के लिए ही बनाया जाता है। आगे से खुलने के कारण यह बच्चे के लिए भी आरामदायक होती है और आपके स्तनों को भी उचित सहारा मिलता है। नर्सिंग ब्रा को आसानी से खोला और बंद किया जा सकता है।

#9. किस उम्र तक स्तनपान कराना चाहिए? (How long should I breastfeed my baby?)

शिशु के जन्म से लेकर 6 महीने तक केवल शिशु को स्तनपान कराने की सलाह दी जाती है। 6 महीने के बाद शिशु ठोस आहार लेना शुरु कर देता है। ऐसे में माँ स्तनपान की अवधि कम कर सकती है लेकिन कम से कम एक साल तक शिशु को दूध अवश्य पिलाना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार शिशु को दो साल तक स्तनपान कराना चाहिए। अगर आप चाहे तो इससे अधिक उम्र तक भी दूध पिला सकती हैं।

 

स्तनपान कराना माँ और शिशु दोनों के लिए फायदेमंद होता है। अगर आप स्तनपान करा रही हैं तो अपने आहार में कैल्शियम, विटामिन डी (Vitamin D) और आयरन के सप्लिमेंट्स को शामिल करें। पहली बार माँ बनना और स्तनपान कराना एक सुन्दर अहसास होता है। अगर आप पहली बार स्तनपान (pahli baar stanpaan) करा रही हैं तो थोड़ा धैर्य रखें। धीरे-धीरे आपके लिए सब कुछ आसान हो जायेगा और आपके सभी सवालों के उत्तर भी आपको मिल जाएंगे।

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