वैसे तो हर बच्चे का प्रारंभिक आहार उसकी मां का दूध ही होता है जो कि उसके लिए बहुत ही गुणकारी और पौष्टिक होता है। मां के दूध से बच्चे की सारी जरूरतें पूरी होती है परंतु जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है तो उसके संपूर्ण विकास के लिए मां के दूध के साथ-साथ अन्य आहार देने की भी आवश्यकता होती है ताकि बच्चे के शरीर के विकास में कोई कमी ना रहे।
बच्चे के 6 महीने के होते ही आप उसे अन्य आहार देना शुरू कर सकती है लेकिन आप उसे ऐसे आहार ना दे जो चबाने वाले हो। आप उन्हें जूस, फ्यूरी, दलिया, खिचड़ी आदि के रूप में उन्हें आहार देना शुरू कर सकती है। आप कोशिश करें कि शुरुआत के 12 महीने में आपके शिशु को जरूरी पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में मिल सके। आइयें जानते हैं ऐसे दस प्रारंभिक आहार (First Solid Food Ideas for Babies) जो छह माह के बाद बच्चों को दिए जा सकते हैं।
आप इस बात का भी ध्यान रखें कि आप शिशु को कोई भी नई चीज 2 से 3 दिन में एक बार ही खिलाए ताकि आपको यह पता चल सके कि शिशु उसे सही से पचा रहे हैं अथवा नहीं। इसे करने से अगर शिशु को किसी खाने से एलर्जी भी है तो भी आपको यह चीज आसानी से पता चल जाएगी। साथ ही शिशु को खिलाते समय इस बात का भी ध्यान दें कि कोई भी चीज उसके गले में फंसे।
6 महीने तक एक शिशु मां के दूध पर ही निर्भर करते हैं लेकिन अब आप उसे फार्मूला दूध देना भी शुरू कर सकती हैं। फार्मूला दूध आपको बाजार में कई कंपनियों के मिल जाएंगे। आप सब कुछ देख कर व उसके बारें में लोगों की राय लेकर अपने शिशु के लिए सही फार्मूला दूध खरीदे। यह जरूरी नहीं है कि अन्य शिशु के लिए जो फार्मूला दूध सही हैं वह आपके शिशु के लिए भी सही रहेगा।
कई बार कुछ शिशु किसी-किसी फार्मूला दूध से एलर्जी महसूस कर सकते हैं। इसलिए अगर आपका शिशु यह महसूस कर रहा है तो आप उसका वह फॉर्मूला दूध बदल दें व किसी अन्य ब्रांड का फार्मूला दूध इस्तेमाल करें। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखें की आप अपने शिशु को स्तनपान करवाना बंद ना करें। आप अपने शिशु को दिन में दो बार स्तनपान अवश्य कराएं और एक बार फॉर्मूला दूध देना शुरू करें। यह उसे धीरे-धीरे मां का दूध पीना छुड़वाने के लिए और अन्य आहारों के लिए सहज बनाने में मदद करेगा।
शिशु के 6 महीने के बाद आप उसे चावल की प्यूरी या चावल का पानी बना कर दे सकती है। अन्य अनाज जैसे कि गेहूं, जौं आदि आप धीरे-धीरे देना शुरू करें। चावल को बनाने के लिए आप उसे दूध और पानी के साथ दलिया बनाएं। यह शिशु के लिए दोपहर का या फिर रात का खाना हो सकता है। चावल को देने से पहले उसे अच्छी तरह से मैश अवश्य कर ले व उसे पका लें। इसे आप अपने दूध या फार्मूला दूध के साथ मिला कर दे सकती है।
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आप उन्हें ऐसे फलों का सेवन करवाना शुरू कर सकती है जिसमें बीच ना हो। आप फलों का जूस निकालकर या उसकी प्यूरी बनाकर उन्हें देना शुरू करें। जैसे कि आप उन्हें केला मैश करके दे सकती है। आप एक केला लेकर उसे अच्छे से मैश करके उसमें थोड़ा दूध मिला कर फिर इसे अपने शिशु को खिलाएं।
आप अपने शिशु को सब्जियों को उबालकर, उनका सूप बनाकर या उन्हें मैश करके शिशु को दे सकती हैं। आप अपने शिशु को ठोस आहार बिल्कुल भी ना दें। सब्जियों को मैश करते समय यह ध्यान रखें कि उसमें कोई गांठ या अन्य चीज ना हो। यह पूरी तरह से नरम हो व उसमें कोई बीज भी ना हो। आप मैश की हुई सब्जियों में उन्हें गाजर, पंपकिन, फाइबर से भरपूर सब्जियां जैसे कि आलू, शकरकंद इत्यादि दे सकती है।
यह आपके शिशु के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। यह मुख्यतया शिशु के लिए ही बनाया जाता है। यह आसानी से पचने वाला व शिशु के पेट को साफ रखने वाला होता है। इससे आपके शिशु का पेट भी भरा रहता है। इसमें सभी प्रकार के पोषक तत्व होते हैं। इसे बनाने के लिए आप 1/4 कप ओट्स लेकर उसे उबले हुए 1/3 कप पानी में मिलाए और उसमें दो चम्मच मां का दूध या फॉर्मूला दूध मिलाकर अपने बच्चे को दें।
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टोफू प्रोटीन का एक मुख्य स्रोत है जो आपके शिशु के आहार में शामिल किया जा सकता है। चूँकि टोफू सूखा होता है जिसकी वजह से आप इसे अपने शिशु को सीधा नहीं दे सकती है। इसलिए आप इसे कद्दूकस करके शिशु के आहार में या प्यूरी में मिलाकर उन्हें दे सकती हैं।
ज्यादातर शिशु मां के दूध से या फार्मूला दूध से ही पानी की कमी पूरी कर लेते हैं परंतु ज्यादा गर्मी वाले मौसम के होने पर पानी की कमी महसूस हो सकती है। इसलिए आप शिशु को दिन में आधा से एक कप पानी पिला सकती है। इससे शिशु में निर्जलीकरण की समस्या भी नहीं रहेगी। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि पानी को पहले गर्म करके फिर ठंडा करके ही अपने शिशु को दे।
आप बच्चों को दाल का पानी बना कर भी दे सकती हैं। यह शिशु को आवश्यक प्रोटीन प्रदान करेगा। इसके लिए आप दाल को पानी में उबालें व उसका पानी छानकर शिशु को दें। आप चाहे तो दाल को भी मैश करके पानी के साथ उन्हें दे सकती हैं।
आप शिशु के प्रारंभिक आहार के रूप में दलिया बनाकर भी दे सकती हैं। आप उन्हें पतला दलिया बनाकर खिलाएं जिससे उनका पेट भी भरा रहेगा व साफ रहेगा।
आप अपने बच्चे को फलियों को उबालकर व उसे मैश करके पेस्ट के रूप में दे सकती हैं। फलियों का पानी में तब तक उबले जब तक कि वह अच्छे से पिघल ना जाए। अब उसका पेस्ट बनाकर उसमे फार्मूला दूध या पानी मिलाकर प्यूरी के रूप में अपने शिशु को दें। इससे उन्हें कई तरह के पोषक तत्व प्राप्त होते हैं।
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