मौजूदा लाइफस्टाइल में ऐसी कई बिमारियां हैं जो इंसान को परेशान कर रही हैं जिनमें से प्रमुख है बांझपन। महिलाओं में बांझपन ना केवल एक शारीरिक समस्या है बल्कि यह सामाजिक स्तर पर भी महिलाओं के उत्पीड़न का कारण बनती है। शादी के बाद बच्चा पैदा ना कर पाने (Bachha Paida Na Hone) के कारण महिलाएं अक्सर तनाव का शिकार हो जाती हैं।
बांझपन एक बीमारी है जिसका समय पर इलाज किया जाए तो यह सही भी हो सकता है लेकिन हिचक व जानकारी के अभाव में महिलाएं ऐसा नहीं करती। आज हम आपके सामने लेकर आ रहे हैं महिलाओं में बांझपन (Female Infertility in Hindi) की पूर्ण जानकारी व इसके कारणों की विस्तृत विवेचना।
बांझपन (Banjhpan) या बच्चा पैदा ना कर पाना उस स्थिति को कहते हैं जब एक महिला अपने प्रजनन काल में बच्चे को कंसीव ना कर पाए। एक साल यानि 12 महीनों तक असुरक्षित यौन संबंधों के बाद भी अगर महिला गर्भवती ना हो पाए (Pregnant Nahi Ho Pana) तो उस स्थिति को बांझपन या प्रजनन क्षमता की कमी की श्रेणी में रखा जा सकता है। हालांकि यह तथ्य हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकता है। बांझपन है या नहीं इसकी पुष्टि केवल डॉक्टरी जांच से ही संभव है।
प्रजनन क्षमता कम होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे अंडो का ना बन पाना, बच्चेदानी की कोई बीमारी, गर्भाश्य की असामान्य स्थिति आदि। आपको जानकर हैरानी होगी कि महिलाओं में बांझपन का एक बड़ा कारण तनाव व गलत खानपान भी है।
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अमूमन माना जाता है कि अगर शादी के एक साल तक बिना सुरक्षा के बाद भी आप मां नहीं बन पा रही हैं तो यह बांझपन का मुख्य लक्षण हो सकता है। हालांकि ऐसा हमेशा हो यह संभव नहीं है। आइयें एक नजर डालते हैं प्रजनन क्षमता की कमी व बांझपन (banjhpan ke lakshan) के कुछ सामान्य लक्षणों परः
#1. अनियमित पीरियड्स या पीरियड्स ना होना
सामान्य सूरतों में पीरियड्स 28 दिन के मासिक च्रक के अनुसार आते हैं। लेकिन अगर यह समय से पहले या बाद में अथवा 35 दिन के भी बाद या फिर 28 से पहले आने लगें तो यह संकेत हो सकता है फर्टिलिटी से जुड़ी किसी समस्या का। ऐसा हार्मोनल बदलावों या पीसीओएस (PCOS) के कारण भी हो सकता है।
#2. पीरियड्स में काफी दर्द होना
अगर पीरियड्स रेग्यूलर नहीं हैं और पीरियड्स के दौरान काफी दर्द रहता है तो यह भी इन्फर्टिलिटी से जुड़ी समस्या का संकेत है। पीरियड्स में दर्द रसौली या एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) के कारण भी हो सकता है। अगर इसका समय पर इलाज ना किया जाए तो भी महिलाओं की प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंचाता है।
#3. बार-बार गर्भ का गिरना
अगर बार-बार कंसीव करने के बाद दो या तीन महीने में ही मिसकैरीज (Grabhpat Hona) हो जाता है तो यह भी बांझपन का संकेत है। इस स्थिति में गर्भाश्य या बच्चेदानी के इलाज से मातृत्व का आनंद उठाया जा सकता है।
#4. चेहरे पर अनचाहे बाल आना या सर के बालों का झड़ना
अगर आपको अपने चेहरे पर एकदम से अधिक बाल आते दिखे या बालों के झड़ने की समस्या हो तो महिला गायनोक्लॉजिस्ट से संपर्क करें।
#5. सेक्स के प्रति अरूचि और सेक्स के दौरान दर्द
कुछ महिलाओं को हमेशा सेक्स के दौरान दर्द की अनुभूति होती है, इसे वह सामान्य मान लेती है। हालांकि यह एक गंभीर समस्या के लक्षण हो सकते हैं। यह किसी अंदरूनी समस्या या आपके प्रजनन क्षमता में किसी कमी का कारक भी हो सकता है।
जैसा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि महिलाओं में बांझपन एक शारीरिक समस्या है यानि एक बीमारी है जिसके कई कारण हो सकते हैं। यह हार्मोनल बदलाव, खानपान, अनियमित माहवारी आदि के कारण हो सकता है। आइयें विस्तार में समझें महिलाओं में बांझपन के मुख्य कारणः
#1. ओवेल्यूट ना कर पाना या अंडों का ना बन पाना
40% महिलाओं में बांझपन का मुख्य कारण अंडों का ना बन पाना ही होता है। अंडे ना बन पाने की समस्या ओवरी में किसी प्रकार की समस्या या फिर पीसीओएस के कारण हो सकता है। वजन कम होना या खून की कमी के कारण भी कई बार गर्भाश्य में अंडे नहीं बन पाते।
#2. फैलोपियन ट्य़ूब में होने वाली समस्या
फैलोपियन ट्यूब अगर बंद हो या उसमें कोई रुकावट हो तो यह अंडों तक स्पर्म को नहीं पहुंचने देती। सेक्स संक्रमित रोग, पेल्विक सर्जरी या एंडोमेट्रियोसिस के कारण फैलोपियन ट्यूब में समस्याएं हो सकती हैं।
#3. पॉलिसिस्टिक ऑवरी सिंड्रोम (पीसीओएस)
पीसीओएस भी काफी हद तक महिलाओं में होने वाले बांझपन का कारण होता है। अगर आपको माहवारी के दौरान काफी दर्द होता हो, लगातार मुहांसे रहते हो या फिर एकदम से आपका वजन काफी बढ़ रहा हो तो यह पीसीओएस नामक बीमारी के लक्षण हो सकते हैं।
#4. गर्भाश्य की बनावट में कोई कमी
कई बार गर्भाश्य या फैलोपियन ट्यूब की बनावट कुछ ऐसी होती है कि वह स्पर्म को अंडों तक नहीं पहुंचने देती है। महिलाओं में बांझपन के इस कारण का इलाज सर्जरी द्वारा संभव है।
#5. इंफेक्शन
गोनोरिया या क्लैमाइडिया (यौन संक्रामक बीमारी) जैसी बीमारियों का अगर समय पर इलाज ना किया जाए तो यह पेल्विक क्षेत्र को क्षतिग्रस्त कर देती हैं। इसके कारण गर्भनाल बंद हो सकती है। इसके अलावा अगर वेजाइन में कोई इंफेक्शन अधिक दिनों तक रह जाए अथवा लगातार असुरक्षित यौन संबंधों के कारण होने वाली इंफेक्शन से भी फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक हो सकती है।
#6. अंडों का सही से विकसित ना हो पाना
मोटापे, पीसीओएस, प्रोटीन की कमी या किसी मेडिकल कंडिशन के कारण कई बार अंडे सही से परिपक्व नहीं हो पाते। यह महिलाओं में प्रजनन क्षमता कम होने का एक मुख्य कारण है। अपरिपक्व अंडे सही समय पर फैलोपियन ट्यूब से बाहर नहीं आ पाते इस कारण महिलाएं गर्भवती नहीं हो पाती हैं।
#7. रसौली
यूटरस में होने वाली बीमारी या किसी घाव के कारण रसौली हो जाती है। हालांकि रसौली का मुख्य कारण अभी तक डॉक्टर समझ नहीं पाएं है। यह वंशागुनत भी होता है। 5 से 10 प्रतिशत महिलाओं में बांझपन का कारण यूटरस व रसौली की समस्या होती है।
#8. गलत जीवनशैली
मोटापा, लगातार एक ही जगह काफी देर बैठे रहना, गलत खानपान, जरूरी विटामिन को आहार का हिस्सा ना बनाना, लगातार सेक्स पार्टनर बदलना, पीरियड्स की देरी को अनदेखा करना आदि कुछ ऐसी आदते हैं जिनके कारण महिलाओं की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है।
#9. नशीली दवाइयों व ड्रग्स का सेवन
लगातार नशीली दवाइयों, गांजा, ड्रग्स आदि का सेवन करना भी गर्भाश्य में अंडे उत्पन्न करने से रोकता है। इसके अलावा कॉफी का अधिक सेवन भी इंफर्टिलीटी का एक मुख्य कारण है।
#10. तनाव
आजकल लगातार तनाव के कारण अधिकांश महिलाएं बांझपन या बच्चा पैदा करने में असमर्थता की समस्या से ग्रसित हैं। तनाव के कारण महिलाएं अपने ओवेलूशन पीरियड में कंसीव करने में असमर्थ रहती हैं। तनाव सेक्स की भावना को भी कम कर देता है।
#11. हार्मोनल असंतुलन
महिलाओं के शरीर में आवश्यक हार्मोनल बदलाव ना होने के कारण भी बच्चा पैदा करने में समस्या आती है। 40 की उम्र के बाद मैनोपॉज हो जाता है जिसके बाद बच्चा पैदा करने की उम्मीद लगभग ना के बराबर रह जाती है। पर अगर मैनोपॉज किसी बीमारी या कीमोथैरिपी के कारण समय से पहले हो जाए तो भी महिलाओं को बच्चा पैदा करने में समस्या आती है।
#12. खून की कमी (Khoon Ki Kami)
एनीमिया अथवा खून की कमी को भी महिलाओं में बच्चा पैदा ना कर पानी की वजह माना जाता है। दरअसल खून की कमी के कारण गर्भाश्य में एग्स नहीं बन पाते जो कई बार गर्भधारण में समस्या पैदा करते हैं।
महिलाओं में प्रजनन क्षमता की कमी को डॉक्टरी सलाह पर आसानी से दूर किया जा सकता है। बांझपन का इलाज निम्न तरीकों से किया जा सकता हैः
महिलाओं को बांझपन से बचने के लिए अपने शरीर का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अगर पीरियड्स में कोई देरी या असामान्य दर्द आदि हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। ऐसे अनैतिक यौन संबंधों से दूर रहें जहां आपको इंफेक्शन होने का खतरा हो और सबसे जरूरी बात तनाव से दूर रहें।
प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए अपने खान-पान का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। कुछ ऐसे आहार हैं जो आपकी प्रजनन क्षमता को काफी हद तक बढ़ा देते हैं। कुछ विशेष खाने की चीजें जिनसे महिलाओं की प्रजनन क्षमता बढ़ती है वह निम्न हैंः
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अगर आप प्रजनन क्षमता को बढ़ाना चाहती हैं तो आपको कुछ विशेष टिप्स पर अवश्य ध्यान देना चाहिए जैसेः
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