पहली बार मां बनते समय दिमाग में कई सवाल आते हैं। यह एक ऐसा पड़ाव होता है जिसके हर कदम पर आपको एक सलाहकार की आवश्यकता होती है। अगर आप पहली बार मां बन रही हैं तो आपको प्रेगनेंसी टेस्ट से लेकर डिलीवरी के बाद बच्चे की देखभाल और वहां से लेकर बच्चे के वजन को लेकर तमाम प्रश्नों का उत्तर जानना होता है। ऐसे में यह संभव तो नहीं होता कि हर किसी के मन में एक ही सवाल आए लेकिन कुछ ऐसे सवाल अवश्य हैं जो लगभग लगभग हर मां के मन में आते हैं। आज हम ऐसे ही कुछ सवाल (FAQ of New Parents) व उनके उपाय लेकर आएं हैं जो पहली बार मां बनने पर सबके दिमाग में आते हैं।
पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं और नई माओं के सामान्य प्रश्न (FAQ of new Mothers in Hindi)
यहां हम आपको कुछ ऐसी बातें जिनका हर गर्भवती महिला और नई मां को पता होना चाहिए। और यह सवाल सिर्फ महिलाओं ही नहीं पुरुषों के दिमाग में भी आ सकते हैं। यह सवाल अक्सर आपके मन में उठ सकते हैं। हालांकि यह समस्याएं हो सकता है सबके लिए अलग हों, इसलिए किसी भी सलाह पर काम करने से पहले विशेषज्ञ की राय अवश्य लें।
प्रेगनेंसी किट कैसे देखूं ? (How to Read Home Pregnancy Kit)
आज विज्ञान ने इतनी कामयाबी पा ली है कि मां बनने की खुशी को आप घर बैठे ही कंफर्म कर सकती हैं। प्रेगनेंसी किट को देखने में आने वाली समस्या को सबसे आम माना जाता है। हालांकि यह बेहद आसान है। प्रेगनेंसी किट हमेशा सुबह के समय ही करें। होम प्रेगनेंसी किट में दो निशान होते हैं एक सी मतलब कंट्रोल और दूसरा टी यानि टेस्ट। अब जानिएं इसे कैसे देखेंः
- अगर आपको स्ट्रिप पर दो पिंक लाइन दिखें तो मतलब है कि टेस्ट पॉजिटिव है।
- अगर आपको होम प्रेगनेंसी किट पर एक गाढ़ी पिंक लाइन दिखे और दूसरी हल्की पिंक लाइन हो तो इसका मतलब भी है कि आप प्रेगनेंट है लेकिन एचसीजी लेवल कम है, इसलिए जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लें।
- अगर आपको स्ट्रिप पर सी के निशान के पास केवल एक लाइन दिखाई दे तो टेस्ट नेगिटिव है।
- अगर टी निशान के पास की पिंक लाइन है लेकिन सी के पास नहीं है या फिर स्ट्रिप पर कोई भी निशान नहीं आ रहा है तो इसका मतलब है कि टेस्ट आपको दोबारा करना होगा।
मॉर्निंग सिकनेस कब तक रहेगी?
यह भी एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब पहली बार मां बनने वाली माएं जानना चाहती हैं। मॉर्निंग सिकनेस का दौर हर महिला के लिए अलग-अलग हो सकता है। अमूमन यह शुरुआती दो से तीन महीनों में खत्म हो जाता है लेकिन कई महिलाओं को पूरे नौ महीने उल्टी व चक्कर आते रहते हैं। यह पूरी तरह से सामान्य है।
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प्रेगनेंसी के दौरान बल्ड स्पॉट का मतलब मिस कैरीज तो नहीं?
प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में बल्ड स्पॉट या खून के धब्बे आना बेहद सामान्य है। हालांकि अगर खून के साथ गहरे काले रंग या प्रदार्थ भी दिखे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। ऐसा होने पर पैनिक होने या घबराने से बेहतर है आप खुद पर भरोसा रखें और सबसे पहले डॉक्टर के पास ही जाएं।
प्रेगनेंसी के दौरान पांव में सूजन कब जाएगी?
प्रेगनेंसी में पांव में सूजन होना भी आम होता है। दरअसल यह पांव की धमनियों पर पड़ने वाले दबाव के कारण होता है लेकिन इससे आपको घबराने की आवश्यकता नहीं हैं।
मैं अपने बच्चे की मूवमेंट को आज महसूस नहीं कर पा रही?
खौफ का असली मतलब गर्भवती महिलाओं को तब होता है जब प्रेगनेंसी के दौरान कई बार वह कुछ देर के लिए बच्चे की मूवमेंट को महसूस नहीं कर पाती। हालांकि इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। अगर आपको कभी लगे कि बच्चे की गतिविधि को आप महसूस नहीं कर पा रही हैं तो कम से कम 12 घंटे का इंतजार करें। अगर तब भी आपको कुछ महसूस ना हो तो डॉक्टर से जाकर चेकअप कराएं।
पेट देखकर बता सकते हैं कि यह लड़का है या लड़की?
झूठ और अंधविश्वास से प्रेगनेंसी के दौरान जितना हो सके दूर रहें। पेट देखकर या पेट पर लाइन आने या खाने पीने के आदतों को देखकर कोई नहीं बता सकता है कि आपको लड़का होगा या लड़की। साथ ही मेडिक्ली इसकी जाँच करवाना भी कानूनी जुर्म है।
मुझे सी सेक्शन या ऑपरेशन करवाने से डर लगता है?
सबसे पहले तो यह कि आपको सी सेक्शन या सीजेरियन बेबी होगा या नॉर्मल डिलीवरी होगी यह सिर्फ डॉक्टर ही तय करते हैं। अगर सामान्य प्रसव से आपको और आपके बच्चे को कोई खतरा हो सकता है तो डॉक्टर इस सूरत में सी सेक्शन की सलाह दे देते हैं। पर इससे आपको घबराना नहीं चाहिए।
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नॉर्मल डिलीवरी के दर्द को मैं कैसे सहन करूंगी?
नॉर्मल डिलीवरी को सबसे सुरक्षित प्रसव माना जाता है। महिलाओं का शारीरिक ढांचा इस तरह बना होता है जिससे वह सामान्य प्रसव के दौरान खुद को बदल सके। हालांकि सामान्य प्रसव के दौरान कुछ विशेष बातों का भी ख्याल रखना जरूरी होता है।
बच्चे की गर्भनाल कब तक सूखेगी?
बच्चे के जन्म के साथ उसकी गर्भनाल भी जुड़ी होती है। जन्म के बाद डॉक्टर गर्भनाल को काटकर उस पर स्टैंप लगा देते हैं। यह अमूमन कुछ सप्ताह में खुद ब खुद सूख कर गिर जाती है। गर्भनाल की सफाई बेहद अहम होती है। अगर आपको गर्भनाल पर हल्का खून या लाल रैशेज दिखे तो ज्यादा घबराएं नहीं। पहले इसे साफ करें और फिर डॉक्टर के पास ले जाएं।
नवजात शिशु को कितना बार दूध पिलाएं?
नवजात शिशु को कितनी बार दूध पिलाना चाहिए इसका कोई सही आकंडा तो नहीं है लेकिन आपको कम से कम हर तीन से चार घंटे में बच्चे को स्तनपान अवश्य कराना चाहिए। इसके आलावा रात को जगाकर भी बच्चे को फीड कराने की कोशिश करनी चाहिए।
अगर मां का दूध ना आए तो गाय का दूध दें या फॉर्म्यूला मिल्क ?
यह सवाल डिलीवरी के बाद सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवालों में से एक है। यहां यह जान लीजिएं कि नवजात शिशु से लेकर एक साल तक के बच्चे को गाय का दूध बिल्कुल नहीं देना चाहिए। अगर किसी कारणवश मां का दूध नहीं आ रहा है तो केवल डॉक्टर की सलाह पर आप फॉर्म्यूला मिल्क अवश्य शुरु कर सकती हैं। लेकिन छह मां से पहले बच्चे को पानी, गाय का दूध या कोई अन्य चीज बिलकुल नहीं दें।
मां बनने के बाद में कब में फिर से पहले जैसी फीगर में आ पाऊंगी?
यह पूरी तरह आप पर निर्भर करता है। लेकिन छह माह तक बच्चे को ब्रेस्ट्फीड कराना होता है इसलिए इससे पहले एक्सरसाइज ना करे या खाने पीने पर भी कमी ना करें। सामान्य प्रसव में छह माह के बाद और सी सेक्शन में कुछ अधिक समय बाद आप योग व व्यायाम से खुद को वापस फीगर में ला सकती हैं। इससे पहले जीरे व अजवाइन का पानी और बैली बेल्ट लगाएं जिससे पेट की चर्बी कम होने में सहायता मिलेगी।
प्रेगनेंसी के बाद मेरे पेट से लेकर जांघों तक पर स्ट्रेच मार्क्स आ गए हैं, क्या करूं?
प्रेगनेंसी के बाद स्ट्रेच मार्च आ ही जाते हैं जिसे आप मालिश से आसानी से दूर कर सकती हैं। यह स्ट्रेच मार्क आपके उस संघर्ष की कहानी है जो आपने नौ माह तक लड़ी है। इससे परेशान ना हों।
अगर आपके मन में भी प्रेगनेंसी के दौरान या नई-नई मां बनने के बाद कोई सवाल आ रहे हों तो हमारे साथ अवश्य सांझा करें।
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