बच्चे जब 6 महीने के हो जाते हैं तो उन्हे बहुत से आहार दिये जाते है चखने के लिए जिससे बच्चे को विभिन्न प्रकार के स्वाद का पता चले। इस समय बहुत सी माँए परेशान रहती हैं कि अपने बच्चे को क्या खिलाये जिससे उनका विकास अच्छे से हो। तो वो तरह-तरह के आहार बच्चे को देना शुरू कर देती है। कुछ माए इस दौरान बिना जाने कुछ ऐसी भी चीज़े बच्चे को खिलाने लगती हैं जो बच्चे को कम से कम 1 साल तक नहीं देनी चाहिए। जिससे बच्चो को कभी-कभार नुकसान भी पहुंचता हैं जैसे कि गैस होना, अपच, पेट दर्द, सांस लेने में परेशानी इत्यादि। इसलिए जरूरी हैं कि 1 साल तक के बच्चों को कौन से आहार देने चाहिए और कौन से नहीं (1 Saal ke bachche ko kya na khilaye)।
कच्चे गाजर छोटे बच्चे के लिए चबाना थोड़ा मुश्किल होता हैं जो कि बच्चे के गले में फँसने का डर होता हैं। जब तक आपका बच्चा 1 साल से ज्यादा या अच्छे से चबाने वाला न हो जाए, उन्हे कच्चे गाजर न दे। अगर आपको उन्हे गाजर खिलानी हो तो उन्हे गाजर की प्यूरी बना कर या गाजर को मैश कर के उन्हे खिलाये।
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ये बच्चो के लिए कुरकुरा और स्वस्थ नाश्ता हैं लेकिन इसका 1 साल तक के बच्चे के गले में फँसने का डर रहता हैं जिससे उन्हे सांस लेने में परेशानी हो सकती हैं। पॉपकॉर्न का बाहरी हिस्सा मुलायम होता है पर अंदर का हिस्सा थोड़ा कड़ा होता है। कई अस्पताल में ऐसे मामले आए जिसमे बच्चे ने पॉपकॉर्न के टुकड़े के कारण उन्हे सांस लेने में परेशानी हुई और उनकी जान को खतरा हुआ हैं।
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बच्चे को अंडा खाना पसंद होता हैं लेकिन कई मामलो मे देखा गया हैं कि अंडे से बच्चो को एलर्जी हुई हैं। अगर आप बच्चे को अंडा खिलाना चाहती हैं तो उन्हे अंडे का पीला हिस्सा पका कर खिलाये और देखे की उन्हे पीले हिस्से से कोई परेशानी तो नही हो रही हैं तभी आप उन्हे आगे अंडा खिलाये।
अंगूर बच्चो के लिए बहुत ही स्वादिष्ट और पोषक तत्व से भरपूर होता हैं लेकिन जब तक बच्चे बड़े नहीं हो जाते। छोटे बच्चो का पाचन तंत्र इतना मजबूत नही होता हैं कि वो अंगूर को पचा सके। ईतना ही नहीं अंगूर छोटे बच्चे के गले में फँसने का भी डर होता है।
छोटे बच्चो को ज्यादा नमक की जरूरत नहीं होती क्योंकि 1 साल तक के बच्चे माँ का दूध या फॉर्मूला दूध पीते हैं जिसमे नमक पहले से ही पर्याप्त होता हैं। छोटे बच्चो को 1 दिन में कम से कम 1 ग्राम से ज्यादा नमक की खपत नहीं करनी चाहिए। बड़ी मात्रा में नमक खाने से बच्चे की किडनी सही से विकसित नहीं हो पाती है।
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खट्टे फल जैसे की स्ट्रौबेरी, ब्लूबेरी, रास्प्बेरी, संतरे में अधिक मात्रा में प्रोटीन होता हैं जिसे 1 साल तक के बच्चो को पचाने मे परेशानी होती है और साथ ही बच्चे को इनसे एलर्जी भी हो जाती हैं जैसे कि पीठ, पेट या चेहरे पर चकते होना। अगर आपको अपने बच्चे को यह खिलाना हो या फिर बच्चे इसकी जिद कर रहे हो तो उन्हे थोड़ा सा खिलाये और देखे इससे कोई परेशानी तो नहीं हो रही है। अगर हो रही हैं तो इसे बच्चे को न दे।
कम से कम बच्चे को 1 साल तक माँ का दूध या फॉर्मूला दूध ही दे। उन्हे बाहर का दूध जैसे की गाय का या सोया दूध न दे क्योंकि इनमे प्रोटीन और मिनरल्स होते है जिसे बच्चे को पचाने में परेशानी होती हैं और साथ ही बच्चे की किडनी पर भी असर पड़ता है। कभी-कभी बच्चो को इनसे एलर्जी भी हो जाती है। कई बार तो देखा गया हैं कि बच्चे को प्रोटीन की अधिक खपत से एनीमिया का भी खतरा हो जाता हैं।
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1 साल तक के बच्चों को शहद (1 Saal ke Bachche ko Sahabd) नहीं देना चाहिए क्योंकि शहद में क्लोस्ट्रिडीयम बोटिलीनम बीजाणुओ का स्रोत है जो बीमारी बच्चे के आतों में तेज से बढ़ती है और बच्चे के बोटुलिज़्म में विकसित हो जाती है जिससे बच्चे को कब्ज और कमजोरी भी हो जाती है। इससे बच्चे को स्तनपान और बॉटल पीने में भी परेशानी होने लगती है। बड़े बच्चो का पाचन तंत्र शहद पचाने के लिए मजबूत होता है। अगर आप अपने बच्चे को मीठा देना चाहती है तो फल खिलाये, न की शहद।
मूँगफली का मक्खन मोटा और चिपचिपा खाद्य पदार्थो का होता है जिससे बच्चे को पचाने और घोटने में परेशानी हो सकती है। अगर आपका बच्चा ये खाने की जिद भी करे तो उसे रोटी या ब्रैड पर एक पतला परत लगा कर दे और ध्यान दे की इससे कोई परेशानी न हो रही हो। अगर हो सके तो इसकी चिपचिपाहट कम करने के लिए एपल सॉस भी मिला सकते है।
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ऐसे तो मछ्ली बड़े बच्चो के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत अच्छी है। पर कुछ मछलियो आपके बच्चो के लिए अच्छी नहीं होती जैसे की शार्क, सोर्ड मछ्ली और टुयूना, शेलफिश, ओयस्टेर्स, लॉब्स्टर। मछलियो में मरकरी का स्तर ज्यादा होता है और 1 साल के बच्चो के लिए तो मरकरी का स्तर बहुत हानिकारक है। अगर आपको मछ्ली बड़े बच्चो को खिलानी हो तो कोड, हड्डोक्क या सोल मछ्ली दे सकते है पर बच्चे को देते समय मछलियो का कांटा जरूर निकाल दे और मछ्ली अपने बच्चे को हफ्ते में एक बार ही खिलाये। लेकिन ध्यान रखे 1 साल से पहले अपने बच्चे को कोई भी मछली न दे।
इनके अलावा भी बहुत से ऐसे आहार हैं जो बच्चो को नहीं (Foods to avoid for 1 Year Baby) देने चाहिए। आप जो भी अपने बच्चे को दे उससे पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले और आप इस बात का जरूर ध्यान दे की आप जो भी उन्हे खाने को दे, उन्हे उनसे कोई परेशानी या एलर्जी न हो।
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