अनियमित माहवारी गर्भधारण को कैसे प्रभावित करती है?

अनियमित माहवारी गर्भधारण को कैसे प्रभावित करती है?

मासिक धर्म यानी पीरियड महिलाओं के जीवन का महत्वपूर्ण भाग है जिसे वो हर महीने तीन से पांच दिनों तक महसूस करती है। पीरियडस की अवधि सभी महिलाओं के लिए अलग-अलग होती है। मासिक धर्म से महिला का प्रजनन सिस्टम अच्छे से काम करता है जिससे महिलाएं माँ बनाने और शिशु को जन्म देने के लिए शारीरिक रूप से तैयार होती हैं।

कुछ महिलाओं के लिए मासिक धर्म की अवधि केवल दो दिन तक होती है लेकिन कुछ महिलाएं इसे 6 से 7 दिनों तक महसूस करती है। ऐसे ही सामान्य मासिक धर्म का साइकिल अठाइस दिन का होता है लेकिन कुछ महिलाओं का यह साइकिल छोटा तो कुछ महिलाओं का लंबा होता है।

मासिक धर्म के साइकिल का छोटा या लंबा होना ही अनियमित मासिक धर्म कहलाता है। अनियमित मासिक धर्म के पीछे कई कारण होते हैं जैसे हार्मोन्स का असंतुलन, तनाव, थाइराइड, खानपान में गड़बड़ आदि।

हालाँकि मासिक धर्म का अनियमित होने का प्रभाव आपकी प्रेगनेंसी पर भी पड़ता है। आज हम आपको इसी से जुड़ी कुछ आवश्यक जानकारी देने वाले हैं। जानिए अनियमित मासिक धर्म के कारण किस तरह प्रेगनेंट होने में दिक्कत आती है।

 

अनियमित माहवारी के कारण प्रेगनेंट होने पर क्या असर पड़ता है? (Effect of Irregular Periods in Conceiving a Baby)

मासिक धर्म साइकिल उस दिन से शुरू होता है जिस दिन से ब्लीडिंग शुरू होती है। हालाँकि अगर आपके पीरियड अनियमित हों तब गर्भावस्था में कुछ मुश्किलें आ सकती हैं लेकिन उसके बाद भी महिला का गर्भधारण करना संभव हैं।

 

दरअसल अगर पीरियड अनियमित हों तो ऐसे में मासिक धर्म के साइकिल की लम्बाई की जानकारी नहीं होती जिसके कारण महिला के ओवुलेशन पीरियड का भी सही से पता नहीं चलता हैं।

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ओवुलेशन वो समय होता है जिस समय शारीरिक सम्बन्ध बनाने पर महिला के गर्भवती होने की संभावनाएं बढ़ जाती है और यह माना जाता है कि ओवुलेशन पीरियड के कुछ दिन पहले गर्भवती होने कि संभावना अधिक होती है।

लेकिन अगर आपके पीरियड अनियमित होंगे तो इससे ओवुलशन का भी पता नहीं चल सकता है क्योंकि इस स्थिति में हर महीने आपका ओवुलेशन पीरियड भी बदलता रहेगा जिसके कारण गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है जिसके कारण गर्भधारण पर असर पड़ता है।

अगर आपका मासिक धर्म अनियमित है तो आपको अपने ओवुलेशन पीरियड को लेकर अधिक सतर्क रहना चाहिए। अनियमित मासिक धर्म से शरीर में इस्ट्रोजन नाम के हार्मोन ज्यादा बनते हैं तो ऐसे में शरीर में लिपिड लेवल भी बढ़ जाता है। इस वजह से शरीर में फैट बढ़ती है जिससे खून की नलिकाएं संकुचित हो जाती है।

यही नहीं इससे खून सप्लाई करने वाली नलिकाएं भी बंद हो जाती है जिससे गर्भावस्था में समस्या आती है। लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि जिन महिलाओं का मासिक धर्म साइकिल छोटा होता है, उन्हें गर्भधारण में अधिक समस्या आती है।

ऐसी महिलाएं जल्दी गर्भवती तो हो जाती हैं लेकिन उन्हें गर्भपात जैसी समस्या का अधिक सामना करना पड़ता है।

अनियमित पीरियड्स में प्रेग्नेंट होने के लिए क्या करें

  • अगर आपको अनियमित मासिक धर्म की समस्या है तो सबसे पहले अपने खानपान में बदलाव करें। पोषक तत्वों का सेवन करें। फलों, सब्जियों और सलाद को अपने आहार में शामिल करें।
  • तले-भुने, जंक फ़ूड और अधिक मीठे का सेवन न करें। कम वसा वाले दूध और मेवो को अवश्य खाएं। पूरा दिन कम से कम आठ से दस गिलास पानी अवश्य पीए।
  • अगर आपका वजन बढ़ रहा है तो यह भी मासिक धर्म में असंतुलन का कारण बन सकता है। मोटापा होने पर इस्ट्रोजन नामक हार्मोन बढ़ जाता है जिसके कारण मासिक धर्म असंतुलित हो जाता है।
  • अपने वजन पर नियंत्रण रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम या योगा करें और खानपान का ध्यान रखें।
  • हार्मोन्स असंतुलित होने के कारण कई डॉक्टर प्रजनन बढ़ाने वाली दवाईयों या अन्य दवाओं का सेवन करने की सलाह देते हैं क्योंकि इनके सेवन से भी मासिक धर्म सही समय पर न आने की समस्या दूर होती है।
  • अपने मासिक धर्म को नियमित बनाये रखने के लिए योग सबसे उचित उपाय है। विपरीत-करणी, पश्चिमोत्तानासन, हस्तपादासन जैसे आसनों का प्रयोग करें और अपने इस कष्ट से छुटकारा पाएं।
  • अगर आप अपने मासिक धर्म को सामान्य करना चाहते हैं तो तनाव से मुक्ति पाएं। इसके लिए खुश रहे, व्यायाम करें और योग का सहारा लें। अपनी सोच को सकारात्मक बनाये रखें। इसके साथ ही कैफीन को भी अधिक मात्रा में न लें।
  • आपकी भावनाओं का सीधा संबंध आपके पीरियड्स से होता है। इसलिए अगर आपको अनियमित पीरियड्स की समस्या हो तो आपको योग व ध्यान लगाकर तनावमुक्त रहने की कोशिश करनी चाहिए।
  • अगर आप लंबे समय से गर्भधारण की कोशिश कर रही हैं और कंसीव करने में सफल नहीं हो पा रही हैं तो आपको डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।

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अनियमित मासिक धर्म किसे कहते हैं (What is Irregular Menstruation)

मासिक धर्म को तभी नियमित माना जाता है जब इसका साइकिल हर महीने 21 दिन से कम और 35 दिन से ज्यादा हो। सामान्य शब्दों में समझाया जाए तो महिला को इक्कीस से लेकर पेंतीस दिन के भीतर पीरियड आते हैं और इस समय पीरियड आना सामान्य है और इसका अर्थ है पूरे साल में लगभग ग्यारह से तेरह बार पीरियड आना।

लेकिन कई महिलाओं को साल में केवल छे से आठ बार ही पीरियडस आते हैं। अगर मासिक धर्म में इतना अधिक अंतर होता है तो उसे अनियमित मासिक धर्म माना जाता है। दस महिलाओं में से एक महिला या दो महिलाएं इस समस्या का सामना अवश्य करती हैं।

जब बारह से पद्रह साल की उम्र में मासिक धर्म की शुरुआत होती है तब भी यह साइकिल नियमित नहीं होता लेकिन धीरे-धीरे यह मासिक धर्म का चक्कर सही हो जाता है। हालाँकि अगर लंबे समय तक यह नियमित न हो तो यह परेशानी वाली बात हो सकती है।

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अनियमित मासिक धर्म के कारण (What Causes Irregular Menstruation)

#1. मेनोपॉज़ (Menopause)

चालीस से पचास साल की उम्र में स्त्रियों को मेनोपॉज की स्थित से गुजरना पड़ता है। ऐसे में उनके हार्मोन्स में ज़बरदस्त परिवर्तन आता है, जिसके कारण मासिक धर्म का अनियमित होना भी स्वभाविक है। मेनोपॉज़ अनियमित मासिक धर्म का बड़ा कारण है।

#2. वजन बढ़ना (Weight Gain)

अगर एकदम आपका वजन बढ़ या कम हो जाता है तो उसका प्रभाव भी माहवारी के चक्र पर पड़ता है जिसके कारण मासिक धर्म में परिवर्तन आने लगता है। दरअसल अचानक वजन के अधिक या कम होने से हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं जिससे मासिक धर्म अनियमित हो जाता है।

#3. थायराइड की समस्या (Thyroid)

थायराइड के कारण भी हार्मोन्स में बहुत बदलाव आता है जिसके कारण पीरियड्स में समस्या आ सकती है। इसके साथ अगर आप किसी बीमारी से जूझ रही हैं तो इसके कारण भी आपके मासिक धर्म में बदलाव आ सकता है।

#4. तनाव (Tension)

पीरियड्स में समस्या का एक बड़ा कारण तनाव भी है। तनाव के कारण भी हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं जिसके कारण मासिक धर्म में परिवर्तन आता है।

#5. आहार में गड़बड़ी (Diet)

आहार में गड़बड़ी के कारण भी पीरियड में फर्क आ सकता है। अगर आप अपने आहार में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा को बढ़ा देते हैं तो इससे हार्मोन्स में परिवर्तन आ जाता है जिसके कारण पीरियड्स असंतुलित हो सकते हैं।

क्या अनियमित मासिक धर्म के बाद भी आप प्रेगनेंट हो सकती हैं?

जी हां, अनियमित मासिक धर्म आपके प्रेगनेंट होने की संभावनाओं को पूरी तरह खत्म नहीं करता है। हां इसके कारण प्रेगनेंट होने में समस्या हो सकती है लेकिन असुरक्षित सेक्स के बाद काफी संभावना होती है कि आप प्रेगनेंट हों। सही देखभाल व डॉक्टरी सलाह के बाद आप आसानी से मां बन सकती हैं।

अनियमित मासिक धर्म के कारण यह जानना असंभव हो जाता है कि वह कब सबसे उपजाऊ है। एक और मुख्य बात, अनियमित अवधि के कारण आप यह भी नहीं जान पाती है कि आप गर्भवती है या नहीं?

अगर आपको अनियमित मासिक धर्म की समस्या है और आप प्रेगनेंट नहीं होना चाहती हैं तो आपको सेफ सेक्स के उपाय अपनाना चाहिए। क्योंकि याद रखिएं कि किसी भी समय अगर आप असुरक्षित यौन संबंध रखती हैं, तो यह गर्भवती होने की संभावनाओं को प्रबल करता है।

मासिक धर्म का हर महीने निश्चित समय पर आना बेहद आवश्यक है लेकिन जब यह मासिक धर्म अनियमित हो जाते हैं तो इसका प्रभाव गर्भावस्था के साथ-साथ महिला के शरीर पर भी पड़ता है। अगर आपके पीरियड अनियमित हैं तो आपको पेट, स्तनों, हाथों आदि में दर्द हो सकता है।

इसके साथ ही बहुत जल्दी थक जाना और पेट सम्बन्धी समस्याएं जैसे कम भूख, कब्ज, दस्त आदि भी हो सकती हैं। कुछ सावधानियां बरत कर भी आप इस समस्या से बच सकती है और सामान्य रूप से गर्भधारण कर सकती है लेकिन अगर ऐसा न हो तो आजकल कई अन्य तकनीकें और उपाय मौजूद हैं जिससे यह समस्या दूर की जा सकती है। बस डॉक्टर से खुल कर अपनी समस्या के बारे में बातचीत करें ताकि वो आपका सही मार्गदर्शन कर सके।

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