गर्भावस्था में होने वाली माँ कई मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक परिवर्तनों व समस्याओं का सामना करती हैं। इस दौरान जी मचलना, चिड़चिड़ापन, पेट-दर्द, कमर-दर्द, तनाव आदि होना बहुत ही सामान्य है। इन्ही समस्याओं में से एक है, योनि से सफेद पानी का निकलना जिसे ल्यूकोरिया (Leucorrhoea in Hindi) भी कहा जाता है।
यह एक ऐसी समस्या है जिसके बारे में अधिकतर महिलाओं को अधिक जानकारी नहीं होती। इसके साथ ही वो खुल कर इसके बारे में किसी से बात भी नहीं कर पाती। गर्भावस्था में महिला के शरीर में होने वाले कई बदलावों में से यह एक बदलाव भी मुख्य है।
हालाँकि गर्भावस्था में सफेद पानी ( White Discharge ) निकलना बहुत ही सामान्य है लेकिन अगर ध्यान न दिया जाए तो यह समस्या बढ़ कर गंभीर भी हो सकती है। आईये इसके बारे में पूरी जानकारी जानते हैं।
महिलाओं में होने वाला सफेद स्त्राव (Leukorrhea) क्या गर्भावस्था को प्रभावित करता है या नहीं, इस सवाल का जवाब जानने से पहले यह जानकारी होना जरूरी है कि आखिर यह समस्या है क्या।
ल्यूकोरिया महिलाओं को होने वाली स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं में सबसे आम है। गर्भावस्था ही नहीं बल्कि अन्य दिनों में भी सफेद स्त्राव होना साधारण बात है। माहवारी से पहले या बाद में कुछ दिनों तक यह समस्या कई महिलाओं में देखी जा सकती है।
ल्यूकोरिया का मतलब है योनि से किसी तरह का डिस्चार्ज होना जो सफेद, पीले या हल्के लाल रंग का हो सकता है हालाँकि अधिकतर इसका रंग सफेद ही होता है। गर्भावस्था में भी यह परेशानी बहुत साधारण है लेकिन होने वाला स्त्राव सफेद रंग और बिना किसी गंध का होना चाहिए।
अगर गर्भावस्था में योनि से निकलने वाला तरल हल्के लाल रंग या गंध-युक्त हो तो यह बड़ी समस्या की तरफ संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत उपचार आवश्यक है।
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गर्भावस्था में स्त्री के शरीर में कई बदलाव आते हैं जिनमें से एक हार्मोन्स में बदलाव भी है। अगर गर्भावस्था में योनि से सफेद पानी (safed pani) निकलता है तो यह इस दौरान शरीर में होने वाले परिवर्तनों के कारण हो सकता है।
अगर गर्भावस्था में यह स्त्राव बहुत अधिक हो रहा है या योनि में खारिश, रेशेस जैसी परेशानियां है तो यह संक्रमण की निशानी भी हो सकता है। ऐसे में खुद इलाज करने की जगह डॉक्टर से मिलें। ल्यूकोरिया के मुख्य कारणों में शरीर को पर्याप्त पोषण न मिलना या योनि में ‘ट्रिकोमोन्स वेगिनेल्स’ नाम के बैक्टीरिया का होना भी शामिल है।
गुप्त अंगों की सही से सफाई न होने के कारण भी सफेद पानी का स्त्राव होता है। यही नहीं अगर शरीर में खून की कमी हो या इम्युनिटी कमजोर हो तो उसके कारण भी गर्भावस्था में या सामान्य स्थिति में भी इस रोग की संभावना बढ़ जाती है।
खाने-पीने से सम्बन्धित अस्वस्थ आदते जैसे अधिक तला या जंकफूड खाना, बार-बार गर्भपात होना या डायबिटीज होने के कारण योनि में फंगल यीस्ट के कारण भी यह परेशानी हो सकती है।
हर महिला गर्भावस्था के दौरान इस समस्या से गुजरती है और यह माना जाता है कि इस दौरान यह सफेद डिस्चार्ज किसी परेशानी नहीं बल्कि स्वस्थ गर्भ और शरीर की तरफ संकेत देता है। साथ ही यह भ्रूण को संक्रमण से बचाता है।
इसलिए अगर गर्भवती महिला की योनि से सफेद स्त्राव हो रहा है तो उसे परेशान होने की आवश्यकता नहीं है लेकिन ध्यान रहे कि यह स्त्राव संक्रमण में न बदल जाए। अगर गर्भावस्था में स्त्राव के समय आपको कुछ भी असामान्य लगता है तो डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ को बताएं।
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यह सफेद स्त्राव संक्रमण में परिवर्तित न हो जाए इससे बचने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखें, कॉटन के अंडरगारमेंट्स का प्रयोग करे, अधिक तंग कपडे न पहने और केमिकल या खुशबु युक्त साबुन, परफ्यूम, स्प्रे या पैड्स का प्रयोग न करें।
गर्भावस्था में आपको अतिरिक्त सावधान रहने की आवश्यकता होती है। शरीर में कोई भी परिवर्तन होने पर तुरंत आपने डॉक्टर को सूचित करे। गर्भावस्था में होने वाला स्त्राव सामान्य है या संक्रमण, इसके बारे में पता चलना बहुत जरूरी है क्योंकि अगर स्त्राव सामान्य है तो कोई समस्या वाली बात नहीं है लेकिन अगर यह संक्रमण है तो इसके बारे में जितनी जल्दी पता चले, उतनी ही जल्दी इसका इलाज आसानी से हो सकता है।
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