क्या आपका प्राकृतिक उत्पाद सच में है नेचुरल?

क्या आपका प्राकृतिक उत्पाद सच में है नेचुरल?

अनीषा जो पहली बार मां बनी वह अपने बच्चे के लिए ऐसे प्रोड्क्टस की तलाश में थी जो नेचुरल हों। टीवी पर विज्ञापनों को देखकर उन्होंने मार्केट में आए एक नए ब्रांड के उत्पाद खरीदें। कुछ दिनों बाद अनीषा ने पाया कि उसके बच्चे की स्किन पर रैशेज हो रहे हैं। जब वह डॉक्टर के पास गई थी तो वहां उसे पता चला कि दरअसल प्राकृतिक उत्पादों की चाह में वह ऐसे प्रोड्क्ट इस्तेमाल कर रही थी जो लैब टेस्टेड नहीं थे। इसी तरह की गलती अनीषा से तब भी हुई जब वह अपने बच्चे की गांव के बने सरसों के तेल से मालिश करने लगी। दरअसल वह तेल काफी पुराना था जिसकी वजह से बच्चे की स्कीन पर दाने होने लगे।   इन गलतियों से सीख लेते हुए अनीषा ने आगे से केवल ऐसे प्रोड्क्ट्स ही इस्तेमाल करने की ठानी जो लैब टेस्टेड हो और डॉक्टर द्वारा सुझाए गए हों। अनीषा ने इसके बाद अपने डॉक्टर की सलाह पर जॉनसन और बाजार में मौजूद अन्य बेबी केयर प्रोड्क्ट्स का प्रयोग शुरु किया। यह समस्या अक्सर कई माओं के साथ होती है जो प्राकृतिक उत्पादों की चाह रखती हैं और बाजार में मौजूद सही उत्पादों को नहीं चुन पाती? साथ ही जो यह नही समझ पाती कि क्या प्राकृतिक उत्पाद हमेशा बेहतर होते हैं? तो चलिए आज जानते हैं कि क्या “प्राकृतिक उप्ताद” बच्चों के लिए हमेशा सही होते हैं? और हम कैसे सही प्राकृतिक उत्पादों को चुनें?  

क्या प्राकृतिक उत्पाद हमेशा सही होते हैं?

ओर्गेनिक और नेचुरल चीजों के तरफ आजकल लोग काफी दिलचस्पी लेने लगे हैं। शहरों में रहने वाली बड़ी आबादी प्राकृतिक चीजों के फायदों को जानती है लेकिन शहरी आवास में इसे पाना बेहद मुश्किल होता है। अब एक छोटी सी चीज को ही लें। सरसों का तेल जो बच्चे की मालिश के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है उसे कई कंपनियां बच्चों के मालिश के तेल के रूप में बेचती हैं। यहां यह समझने वाली बात है कि सरसों का तेल तभी फायदेमंद होता है जब वह अपने प्राकृतिक स्वरूप में हो। लेकिन जब इसका प्रयोग डिब्बाबंद बोतलों में किया जाता है तो इसके अंदर कुछ केमिकल यानि प्रिजेवेटिव (Preservative) डाले जाते हैं ताकि यह अधिक समय तक चले। इन प्रिजेवेटिव्स के कारण कई बार बच्चों को रैशेज या दानें हो जाते हैं। ऐसे प्रोडक्ट्स में खूशबू के लिए प्रयोग की जाने वाली वस्तुओं की जांच भी संदेह के घेरे में रहती है।  

“प्राकृतिक उत्पाद” कितना प्राकृतिक है?

प्राकृतिक उत्पादों की सही व्याख्या ना होने के कारण कुछ कंपनिया केवल कुछ मात्रा में इसका प्रयोग कर अपने प्रोड्क्ट्स पर नेचुरल होने का लेबल लगा देती हैं। हालांकि आईएसओ (ISO) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार प्राकृतिक वस्तुओं में कम से कम 50% ऐसे तत्व होने चाहिए जो प्राकृतिक स्त्रोतों से आने चाहिए जैसे पेड़-पौधों या मिनरल्स से।   प्राकृतिक उत्पादों को हमेशा सही भी नही माना जा सकता है। कुछ ऐसे नेचुरल चीजें होती हैं जिन्हें अगर सीधे प्रयोग किया जाए तो हानिकारक परिणाम भी हो सकते हैं। एक हर्बल सप्लीमेंट में दर्जनों ऐसे तत्व हो सकते हैं जो बच्चे की नाजुक और सौम्य त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। प्राकृतिक प्रदार्थों से हानिकारक तत्वों को अलग करने और इस्तेमाल लायक बनाने के लिए कंपनियां काफी केमिकल इस्तेमाल करती हैं। अगर बच्चों के प्रोड्क्ट्स की बात करें तो इनमें पैराबेन, सलफेट या थायलेट (Phthalate) नामक रसायन मिलाए जाते हैं। यह सभी एक निश्चित मात्रा में और सभी मानकों को पूरा करते हुए मिलाए गए होते हैं।   केवल यही नहीं बच्चों के प्रोडक्ट्स में जो आप एक प्यारा सा रंग देखते हैं ना, वह तो डाई से आता है। हो गए ना हैरान। जी हां, डाई जिसका प्रयोग कपड़ें रंगने के लिए होता है। यह काफी कम मात्रा में होता है। और तो और जो प्यारी सी सौंधी खूशबू को आप अपने मासूम बच्चों की क्रीम, पाउडर या शैंपू में महसूस करते हैं वह भी केमिकल्स द्वारा लाई जाती है।  

नेचुरल के साथ अननेचुरल चीजों के मिलाने से बच्चों को क्या नुकसान?

अब आते हैं बच्चों के लिए इस्तेमाल होने वाली चीजों में केमिकल होने के नुकसान होने के बारें में जानने का। आपने कई बार देखा होगा कि किसी क्रीम या शैंपू के इस्तेमाल से आपके बच्चे को रैशेज हो जाते हैं। दरअसल यह उस क्रीम या वस्तु में इस्तेमाल होने वाली डाई या किसी ऐजेंट के मिलाने से हो सकती है। इसके अलावा अगर वह बेबी केयर प्रोडक्ट सही पीएच लेवल मेंटेंन नहीं करता तो भी बच्चों की स्किन को नुकसान पहुंचता है।  

तो कैसे चुनें बच्चों के लिए सही “नेचुरल प्रोडक्ट”

उपरोक्त तथ्यों के बाद आप समझ ही गए होंगे कि बच्चों के लिए सही चीज चुनने के लिए आपको किन बातों पर ध्यान देना चाहिए। यह एक छोटी-सी लिस्ट है जो एक नेचुरल प्रोडक्ट्स की रेंज में या तो नहीं होनी चाहिए या फिर सही मात्रा में होनी चाहिएः
  • पैराबेन
  • सल्फेट
  • डाई
  • खूशबू के लिए सही एजेंट्स
  • लैब टेस्ट्ड और वह भी लैब टेस्ट में पास होना अनिवार्य
  • अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करना
 

तो क्या है सही उपाय

बाजार में आज ऐसे कई उत्पाद मौजूद हैं जो कैमिक्ल फ्री और लैब टेस्टेड हैं। जरूरत है तो थोड़ी-सी रिसर्च और चीजों को परखने की आदत डालने की। अगर किसी ब्रांड की बात करें तो जॉनसन ही ले लीजिए। जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson’s Baby) के प्रोडक्ट्स की रेंज इस बात का खास ख्याल रखती है कि उसमें पैराबेन, सल्फेट या डाई जैसी चीजें ना हो। इसके अलावा इनकी रेंज में कई ऐसे उत्पाद भी हैं जिनमें 90% तत्व प्राकृतिक होते हैं। मार्केट की नब्ज को समझते हुए जॉनसन की नई रेंज में डाई का प्रयोग नहीं किया गया है और यह रंगहीन हैं यानि पूरी तरह से ट्रांसपेरंट। कई बच्चों को किसी ख़ास खूशबू या खूशबू वाले एजेंट से भी एलर्जी होती है, इसलिए इस मामले में लापरवाही नहीं करनी चाहिए। इसके लिए इफरा (IFRA) यानी इंटरनेशनल फ्रेग्रेन्स एसोसिएशन (International Fragrance Association) ने कुछ मानक तय किए हैं। जॉनसन बेबी के अधिकतर प्रोड्क्टस इसके द्वारा तय किए गए मानकों को पूरा करते हैं।   और शायद ही भारत में कोई ऐसा क्षेत्र होगा जहां इसके प्रोडक्ट्स ना मिलते हों। सौ से अधिक सालों का तजुर्बा और इतने अधिक अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने वाले इस ब्रांड के पास आपके बच्चे के लिए लगभग सभी प्रोडक्ट्स मौजूद हैं। हालांकि आपके पास बाजार में अन्य विकल्प भी हैं पर किसी भी विकल्प पर जाने से पहले उपरोक्त विषयों पर अवश्य ध्यान दें।   अंत में यही कि अगली बार जब भी आप अपने बच्चे के लिए प्राकृतिक उत्पाद चुनें तो लेबल को सही से पढ़ें। थोड़ी रिसर्च भी करें, आखिर मसला आपके मासूम बच्चे से जुड़ा है तो समझौता क्यों। किसी भी नए प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट यानि थोड़ी सी जगह पर उसका प्रयोग कर देख लें कही उससे बच्चे को कोई रिएक्शन तो नहीं हो रहा है। और सबसे जरूरी “नेचुरल” शब्द के पीछे एकदम अंधा होकर ना भागे, अपना विवेक इस्तेमाल करें और सही चुनें।   (यह जानकारी जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा प्रायोजित है।)

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