स्तनपान के दौरान क्या करें और क्या ना करें

स्तनपान के दौरान क्या करें और क्या ना करें

प्रसव के बाद माँ का अपने शिशु को दूध पिलाने व स्तनपान को सबसे अधिक प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि माँ का दूध शिशु के स्वस्थ और निरोगी रहने में अहम भूमिका निभाता है। यही नहीं शिशु को अपना दूध पिलाने से शिशु और माँ के बीच का रिश्ता और भी अधिक मजबूत होता है। प्रसव के बाद अस्पताल में डॉक्टर और नर्स शिशु को दूध पिलाने में माँ की मदद कर सकते हैं लेकिन उसके बाद उसे शिशु को स्वयं ही संभालना और स्तनपान कराना होता है। नयी माताएं छोटे शिशु को स्तनपान कैसे कराएं (Breastfeeding Kaise Karaye), इस बात को लेकर हमेशा परेशान रहती हैं।

शुरुआत में यह थोड़ा मुश्किल हो सकता है पर धीरे-धीरे माँ शिशु को दूध पिलाने में सक्षम हो जाती है। यह एक अनूठा अहसास है बस स्तनपान कराते हुए कुछ बातों का खास ख्याल रखें ताकि न तो आपको कोई परेशान हो न ही नन्हें शिशु को। इस अनुभव को और भी बेहतरीन बनाने के लिए जानें स्तनपान के दौरान क्या करें और क्या ना करें।

स्तनपान के दौरान क्या करें और क्या ना करें (Dos and Don’ts During Breastfeeding in Hindi)

स्तनपान कराते समय क्या करें (What to do during breastfeeding)

#1. सही पोजीशन (Right position)
स्तनपान कराते हुए माँ को जिस बात का सबसे अधिक ख्याल रखना चाहिए, वो है इस दौरान अपनी और शिशु की पोजीशन का। वैसे तो माताएं कई तरीके से दूध पिला सकती हैं जैसे बैठ कर, लेट कर या शिशु को गोद में उठा कर आदि। स्तनपान कराते हुए बस ध्यान रहे कि जिस भी पोजीशन में आप शिशु को दूध पिलायें, वो आपके लिए और शिशु के लिए सुविधाजनक हो। पोजीशन ऐसी हो जिसमें शिशु आराम से भरपेट दूध पी सके।

 

#2. साफ-सफाई (Cleanliness)
अगर आप स्तनपान करा रही हैं तो अपने स्तनों की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। अगर स्तन गंदे होंगे तो शिशु अपने अंदर कई रोगाणु ले जाएगा जो उसके अस्वस्थ होने के कारण बन सकते हैं या उसे किसी भी तरह का संक्रमण हो सकता है। इसलिए जब भी स्तनपान कराएं तो अपने स्तनों को बेबी वाइप या किसी साफ कपडे से साफ करना न भूलें। इसके साथ ही अपने स्तन के निप्पलों को हमेशा मुलायम रखने के लिए समय-समय पर उन पर घी लगाएं क्योंकि अगर दूध पिलाते हुए स्तन सख्त होंगे तो उससे शिशु अच्छे से दूध नहीं पी पायेगा।

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#3. सही ब्रा का चुनाव (Choice of right bra)
शिशु को स्तनपान कराते हुए सही ब्रा का चुनाव भी बहुत जरूरी है। अगर आप टाइट ब्रा पहनती हैं तो आपको शिशु को दूध पिलाते हुए परेशानी आ सकती है। इसके साथ ही यह स्तनों के स्वास्थ्य के लिए भी ठीक नहीं है। बहुत ढीली ब्रा पहनना भी स्वास्थ्य के लिए उचित नहीं है, ऐसे में अपने साइज की सही ब्रा का चुनाव बहुत जरूरी है। बाजार में मिलने वाली नर्सिंग ब्रा भी स्तनपान के दौरान आरामदायक और सुविधाजनक रहती है।

 

#4. पर्याप्त समय (Sufficient time)
शिशु को स्तनपान कराना माँ के लिए सबसे आवश्यक काम है इसलिए इसके लिए पर्याप्त समय निकाले। केवल जिम्मेदारी समझ कर जल्दबाज़ी में शिशु को दूध न पिलायें बल्कि किसी आरामदायक और ऐसी जगह का चुनाव करें जहाँ आप अपने शिशु को आराम से दूध पिला सके। इस दौरान आप अपने शिशु के साथ अच्छा समय बिता सकती हैं।

 

#5. खूब पानी पीएं (Drink more water)
स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पौष्टिक आहार के अलावा पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी बेहद ज़रूरी है। स्तनपान कराने से पहले और स्तनपान कराने के बाद एक गिलास पानी पीना न भूले। इससे माँ के शरीर में पानी की कमी नहीं होती और इसके साथ ही माँ के शरीर में शिशु के लिए पर्याप्त दूध बनता है।

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स्तनपान कराते समय क्या न करें (Things Not to do During Breastfeeding in Hindi)

#1. शोर (Noise)
शिशु को स्तनपान ऐसी जगह कराए जहाँ बिल्कुल शांति हो ताकि शिशु आराम से दूध पी सके अन्यथा शिशु का ध्यान भटकेगा और वो ठीक से दूध नहीं पी पायेगा। जहाँ अन्य घर के लोग बैठे हों, जहाँ टीवी चल रहा हो ऐसी जगह पर बैठ कर स्तनपान न कराएं।

 

#2. स्तनपान का तरीका (Wrong Breastfeeding Method)
स्तनपान कराते हुए शिशु को एक ही स्तन से नहीं बल्कि दोनों स्तनों से दूध पिलाना चाहिए लेकिन बार-बार स्तनों को बदल कर शिशु को दूध पिलाना भी शिशु को परेशान कर सकता है। ऐसा करने से शिशु का पेट पूरी तरह से नहीं भरता और वो चिड़चिड़ा हो सकता है। इसके साथ ही आपको भी असुविधा होगी।

 

#3. स्तनों का रुखा होना (Dry Breast)
अगर स्तन रूखे या सख्त होंगे तो शिशु अच्छे से दूध नहीं पी पाएगा क्योंकि उसे दूध पीने में अधिक मेहनत लगेगी। यही नहीं शिशु के बार-बार दूध पीने से स्तन पर कई बार घाव हो जाते हैं या स्तन फट जाते हैं जिससे शिशु अच्छे से अपना पेट नहीं भर पाता। ऐसे में अपने स्तनों पर घी, क्रीम आदि लगाएं ताकि स्तन न फटे और उन पर कोई घाव न हो।

 

#4. मोबाइल का प्रयोग (Mobile usage)
आजकल माताएं शिशु को स्तनपान कराते हुए अक्सर फोन का प्रयोग करती हैं ताकि समय आसानी से गुजारा जा सके लेकिन ऐसा करना शिशु के लिए घातक हो सकता है। मोबाइल के प्रयोग से आपका ध्यान आपके बच्चे पर नहीं जाता। इसके साथ ही मोबाइल से निकलने वाली रेडिएशन्स बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। अपने फोन में व्यस्त होने के कारण आप यह भी नहीं जान पाएंगी कि आपका शिशु दूध पी रहा है या सो गया है।

 

#5. स्तनों की स्थिति (Breasts Position)
अक्सर माताएं शिशु को दूध पिलाते हुए अपने स्तनों को बिल्कुल उनके मुँह के ऊपर रख देती हैं जिससे न केवल शिशु को दूध पीने में परेशानी होती है बल्कि शिशु को साँस लेने में भी समस्या आ सकती है। इसलिए स्तनपान कराते हुए शिशु और स्तनों के बीच में थोड़ा फासला रखना चाहिए। जब बच्चे का पूरा मुँह खुला हो तभी निप्पल उसके मुँह में डालें।

 

नवजात शिशु को बहुत जल्दी भूख लगती है, ऐसे में माँ को हर एक या दो घंटे में उसे दूध पिलाना चाहिए। शिशु को दूध पिलाना आवश्यक है लेकिन यह भी सच है कि शिशु को ज़रूरत से ज्यादा दूध भी नहीं पिलाना चाहिए। कई महिलाओं को ऐसा लगता है कि स्तनपान कराने से उनके स्वास्थ्य या खूबसूरती में कुछ असर पड़ता है जो बिल्कुल भी सही नहीं है।

 

स्तनपान कराना न केवल शिशु बल्कि माँ के लिए भी लाभदायक होता है। स्तनपान को लेकर लोगों के मन में कई भ्रम हैं लेकिन तथ्य यही है कि माँ के दूध से बेहतरीन आहार शिशु के लिए और कोई भी नहीं है। इसलिए मन से हर तरह की शंका को निकाल कर जीवन के इस सुनहरे चरण का मज़ा लें क्योंकि शिशु के साथ बिताये यह पल दोबारा कभी आपके जीवन में लौट कर नहीं आएंगे।

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