बदलती जीवनशैली में बच्चों के डायपर के प्रयोग से व्यस्त जीवन को काफी सहूलियत मिली हैं| सूती के नैपी का इस्तेमाल बच्चों के लिए सबसे बेहतर होता हैं मगर इसके प्रयोग से बच्चो के कपड़े बार-बार गीले हो जाते हैं जिन्हें बार-बार बदलना पड़ता हैं| वही डायपर के प्रयोग से कपड़े बार-बार के लिए गीले नहीं होते और माता-पिता को बहुत सुविधा हो जाती हैं| डायपर का प्रयोग अगर सावधानी से किया जाए तो बच्चे और मां-बाप का जीवन आसान हो जाता हैं| डायपर को इस तरह बनाया गया हैं कि उसमें नमी सोखने की क्षमता बहुत होती हैं या यूं कहें कि एक डायपर में कम से कम 12 सूती के नैपी की नमी के बराबर सोखने की क्षमता होती हैं| सूती के नैपी बच्चों की त्वचा के लिए अच्छे तो होते हैं परंतु इनमें डायपर के मुकाबले नमी सोखने की क्षमता कम होती हैं| अच्छे डायपर पूरी रात आपके बच्चों के कपड़े को सूखा और साफ रख सकते हैं|
बच्चों में डायपर रैशेष की समस्या एक आम समस्या हैं| बहुत लंबे समय तक जब बच्चा गंदा और गीला डायपर पहने रखता हैं तो डायपर वाली जगह पर रैशेज हो जाते हैं| ऐसा इसलिए होता है क्योंकि डायपर वाली जगह पर हवा बहुत देर तक नहीं पहुंच पाती हैं|
डायपर रैशेस दो वजह से होते हैं:
बच्चों की त्वचा पर फफोले अथवा उन्हें डायपर वाली जगह पर जलन होना, बच्चे के तल तथा जननांग क्षेत्र पर दिखने वाले लाल निशान इत्यादि डायपर चकतों के कुछ लक्षण हैं| आप घरेलू उपायों की मदद से इनका उपचार कर अपने बच्चे की मुस्कान वापस पा सकती हैं|
इससे बचाव का सबसे अच्छा उपाय यह हैं कि बच्चों को बहुत देर तक गीला डायपर पहनाकर ना रखें| डायपर रैशेष के लक्षण अगर दिखे तो उस जगह को आप तुरंत साफ करके मेडिकेटेड पाउडर या क्रीम लगा दें| मेडिकेटेड क्रीम में एंटीबैक्टीरियल तत्व होते हैं जो बैक्टीरियल इन्फेक्शन को समाप्त करते हैं| डायपर रैशेष त्वचा की एलर्जी के कारण भी होता हैं, यह पाउडर या क्रीम इसमें भी मदद करते हैं|
कई बार सावधानियां बरतने के बाद भी शिशु को डायपर रैशेष हो जाते हैं परंतु इससे घबराने की जरूरत नहीं हैं| आइए हम आपको इससे बचने के लिए कुछ घरेलू उपचार बताने जा रहे हैं:
चित्र स्रोत: Medical News Today
एलोवेरा की एक पत्ती ले| उसे दो भागों में काट लें व चाकू की मदद से उसका जेल बाहर निकाल ले| अब बच्चो की डायपर रैशेष वाली जगह को साफ व सूखा करके यह एलोवेरा जेल लगाएं| यह जल्दी ही पीड़ा से राहत दिलाता हैं और त्वचा का तेजी से उपचार करता हैं|
बच्चे के तल पर मकई का आटा छिडके| उसके बाद बच्चे को डायपर पहनाये| यह डायपर चकतों के लिए एक कारगर उपाय हैं|
बच्चों की चकतों से भरी त्वचा पर नारियल तेल मले| अपने बच्चे के निचले भाग की मालिश करने के लिए आप नारियल तेल की बजाय जैतून का तेल भी उपयोग में ला सकती हैं|
इसमें थोड़ा सा पानी मिलाकर उसे मिलाएं| अब इसे बच्चों की चकतों से भरी त्वचा पर लगाएं| इससे भी बहुत आराम मिलेगा|
धीरे-धीरे बच्चों के चकतों पर वैसलीन पेट्रोलियम जेली को मले| यह आपके बच्चे को दर्द से राहत देगी और साथ ही चकतों का उपचार करेगी|
चित्र स्रोत: viva.co.id
दो चम्मच बेकिंग सोडा को गुनगुने पानी में मिलाएं| अब इस पानी से धीरे-धीरे रैशेष वाली जगह पर साफ करें| साफ करने के लिए सूती कपड़े का ही इस्तेमाल करें| इससे आपके शिशु के दर्द को शांत करने में मदद मिलेगी|
अगर चकतों का कारण खमीर हैं तो आप अपने बच्चों को दही खिलाये| यदि उसे दही से एलर्जी नहीं है तभी उसे खिलाएं| आप दही का प्रयोग एक क्रीम के रूप में भी कर सकती हैं और अपने बच्चों के चकतों पर लगा सकती हैं|
अपने बच्चों के नहाने के पानी में कुछ कैमोमाइल चाय के बैग डालें| इस पानी से अपने बच्चे को नहलाये, फिर उसे अच्छे से पूछकर उसके चकतों पर बेकिंग सोडा या मकई का आटा लगाएं| वैकल्पिक रूप में अपने बच्चे के डायपर में दो केमोमाइल चाय के बैग भी रख सकती हैं| यह घरेलू उपचार गंभीर डायपर चकतों के इलाज में बहुत उपयोगी हैं|
चित्र स्रोत: indiamart.com
बच्चों के नहाने के पानी में एक कप दलिया डाले| इस पानी से अपने बच्चों को नहलाए| यह उपचार डायपर चकतों से त्वचा पर होने वाली जलन को शांत करता हैं| आप इसमें गेहूं का आटा को भी उपयोग में ला सकती हैं| उसे धीमी आंच पर भूरा होने तक भूनें, फिर उसे ठंडा होने दें, उसके बाद उसे अपने बच्चों के तल पर लगाएं|
दूध में एक साफ़ सूती के कपड़े को डुबोए| उसे बच्चे के चकते के ऊपर थपथपाएं| यह डायपर चकतों से हुई सूजन से राहत दिलाएगा|
डायपर रैशेष समस्या एक आम समस्या हैं क्योंकि कई बार हम बच्चों को बाहर घुमाने ले जाते हैं या फिर यात्रा कर रहे होते हैं तो हम बच्चों का डाइपर बार-बार बदल नहीं सकते और बच्चों को डाइपर रैशेष हो जाते हैं परंतु आपकी जरा सी सावधानी और घरेलू उपचारों से आप अपने बच्चों के चेहरे पर फिर से हंसी लौटा सकती हैं|
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