2 साल के बच्चे में कौन-कौन से विकास हो जाते हैं

2 साल के बच्चे में कौन-कौन से विकास हो जाते हैं

गर्भवती होने से लेकर प्रसव तक माँ अपने शिशु के लिए कई सपने बुनती हैं। शिशु के जीवन में आते ही उसके दिमाग में यही सवाल होते हैं कि मेरा बच्चा कब यह बड़ा होगा, कब बोलना शुरू करेगा और कब दौड़ेगा? ऐसे में इस बात का भी ध्यान रखना पड़ता है कि शिशु का शारीरिक (Physical Development Milestone) और मानसिक विकास सही से हो रहा है या नहीं।  हर बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास अलग-अलग तरह से और समय पर होता है।

 

दो साल के बच्चे का शारीरिक विकास (Physical Development Milestone of 2 Year Old Kids in Hindi)

जैसे कोई बच्चा एक साल तक की उम्र में चलना शुरू कर देता है तो कुछ बच्चे डेढ़ साल के बाद चलना सीखते हैं। हर दिन, महीना और साल शिशु के विकास का नया चरण होता है जिसमे लगातार शिशु का विकास होता रहता है।

तो आज हम आपको दो साल के बच्चे के विकास के अहम चरणों (Development Milestone of Two Year Kids) के बारे में बताने जा रहे है ताकि आप अपने दो साल के बच्चे की शारीरिक और मानसिक ज़रूरतों को समझ सकें और जान सके कि इस उम्र में वो क्या-क्या कर सकता है।  पहले जानिए दो साल के बच्चे के शारीरिक विकास के बारे में।

#1. चलना-फिरना (Walk)

दो साल का बच्चा पूरी तरह से विकसित हो चुका होता है। ऐसे में वो बिना किसी सहारे के चल-फिर या दौड़ भी सकता है। यही नहीं, सीढ़ियां भी वो बिना किसी सहारे के चढ़ सकता है लेकिन नीचे उतरते हुए उसे किसी के सहारे की आवश्यकता होती है अन्यथा वो गिर सकता है।

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#2. खेल (Games)

वह खुद खिलौनों को पकड़ कर चल सकता है। ब्लॉक्स को एक दूसरे के ऊपर रख कर मीनार बना सकता है। कार को पकड़ कर चला सकता है। बॉल को किक कर सकता है। इस उम्र के बच्चों को भागने-दौड़ने वाले खेलों और धूल मिट्टी में खेलना अधिक अच्छा लगता है।

#3. भोजन संबंधी आदतें (Eating Habits)

दो साल का बच्चा खुद से अपने कप से दूध या पानी पी सकता है। कुछ बच्चे चम्मच से अच्छे से खाना भी खा लेते हैं। खुद चॉकलेट, फलों आदि को खा सकता है। अगर आप उसे कपड़े पहनाते है तो उन्हें पहनने में भी वह आपकी मदद कर सकता है।

#4. बोलना (Speaking)

  • मेरी बेटी जब दो साल की थी तो वो केवल कुछ ही शब्द बोलती थी जैसे माँ, पापा, चीजी, दे दो आदि।
  • दो साल का बच्चा इस समय यह बता सकता है कि वो लड़का है या लड़की। हालाँकि अधिकतर दो साल के बच्चे साफ नहीं बोल पाते लेकिन फिर भी अपनी बात को समझा सकते हैं।
  • दो साल का बच्चा कई नए शब्दों को सीखता है और बोलता है। इसके साथ ही छोटे-छोटे वाक्य भी बना सकता है। वो किसी की कही बात को सुनकर दोहरा भी सकता है।
  • दो साल का बच्चा आपसे भूख लगने या ज़रूरत पड़ने पर कोई भी चीज़ मांग सकता है जैसे कि दूध दे दो, खाना दो आदि।
  • सुसु या पोट्टी के बारे में भी वो आसानी से बता सकता है। अगर वो नहाना चाहता है तो वो “नाई करा दो” ऐसा भी बोल सकता है।
  • दो साल का बच्चा अपने आसपास की चीज़ों, अपने माता-पिता या दोस्तों का नाम भी बता सकता है।
  • जिन चीज़ों का नाम वो ले नहीं पाते उनके लिए वो अलग शब्दों का प्रयोग करते हैं जैसे पानी को मम, कुत्ते को बाउ, बिल्ली को माऊ आदि।

#5. लम्बाई और वजन (Height and Weight of 2 Year Old Kid)

दो साल की उम्र तक शिशु का वजन जन्म से पांच गुना अधिक हो जाता है। यही नहीं जन्म के समय स्वस्थ बच्चे की लम्बाई लगभग 19 या 20 इंच होती है लेकिन दूसरे साल में यह तीस इंच तक हो जाती है। आरम्भ में बच्चे की टांगें ही अधिक तेजी से बढ़ती हैं। दो साल के बच्चे की भूख भी बढ़ जाती है। दो साल के बच्चे के मुँह में बीस से भी ज्यादा दाँत होते हैं। इस उम्र में बच्चे अच्छे से बिना किसी समस्या के सोना शुरू कर देते है। दो साल के बच्चे बेहद खुशमिजाज और मित्रतापूर्ण होते हैं।

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दो साल के बच्चे के मानसिक विकास (Mental Development of Two Year Old Baby)

  • दो साल के बच्चे का मानसिक विकास भी बहुत तेज़ी से होता है। उसके सोचने-समझने की क्षमता बढ़ जाती है। वो सोच-समझ कर खेलों में अपनी कुशलता को दिखा सकते हैं जैसे कि अपनी कार के आगे धागा लगा कर उसे खींचना, गुड़ियों को नई तरीके से तैयार करना। दो साल का बच्चा चीज़ों को जानने के लिए उत्सुक और जागरूक रहता है।
  • दो साल का बच्चा आपकी बातों को समझ भी सकता है और अपनी बातों को आपको समझा भी सकता है।
  • दो साल का बच्चा आपके निर्देशों का अच्छे से पालन कर सकता हैं जैसे अगर आप उन्हें कोई चीज़ उठा कर लाने के लिए कहें, किसी को बुला कर लाने के लिए कहें, तो वो आपका काम आसानी से कर देंगे।
  • दो साल के बच्चों की अक्षरों, शब्दों और नंबरों के बारे में जानने में भी रूचि बढ़ जाती है। यही नहीं वो लिखने की कोशिश भी करता है।
  • दो साल का बच्चा कोई भी कहानी या कविता सुन कर उसे सुना सकता है।
  • आजकल दो साल का बच्चा मोबाइल गेम्स और कार्टून देखने में भी ज्यादा रूचि लेता है। अपने पसंदीदा कार्टून करैक्टर की नक़ल भी वो कर सकता है।

 

सामाजिक और भावनात्मक परिवर्तन (Social and Emotional Changes)

  • बच्चे यह समझ जाते है कि उनके क़रीबी कौन-कौन है। यही नहीं, वो अन्य बच्चों की कंपनी को भी पसंद करने लगते हैं। इस उम्र के बच्चे थोड़े जिद्दी-गुस्सैल हो सकते हैं। अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए वो अलग-अलग भावों का प्रयोग करता है जैसे दुखी होने कर जोर से रोना, पैर पटकना, नीचे लेट जाना या सिर पीटना आदि।
  • खुश होने पर वो हंस कर और अपने क़रीबी लोगों को प्यार करके अपनी खुशी व्यक्त करता है।
  • अगर आप उन कर गुस्सा करते हैं तो वो आपको मारने या काटने की कोशिश भी कर सकता है।
  • दो साल के बच्चे दूसरों की भावनाओं को नहीं समझ पाता हैं। अगर कोई उसके सामने रोता है तो वो उनके साथ रोता नहीं हैं हालाँकि उसे बुरा ज़रूर लगता है।
  • दो साल के बच्चा बहुत कम डरता है। वो तेज़ आवाज़ या नई चीज़ों और लोगों से तो डरता है लेकिन वो डरावने पशु-पक्षियों से नहीं डरता। न ही भूत-प्रेत के नाम से उसे डराया जा सकता है।

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बच्चे का व्यवहार दूसरों के साथ कैसा होता है

  • हर बच्चा अलग होता है। ऐसे में उसका विकास भी अलग होता है। ऐसे ही हर बच्चे का व्यवहार भी अलग होता है। दो साल के बच्चे अपने माता-पिता या करीबी लोगों के अलावा अन्य लोगों से मिलने-जुलने में दिलचस्पी दिखाता है। वो दूसरे लोगों से बात करने और उनके साथ खेलने में भी रूचि रखता है।
  • दूसरे बच्चों के साथ वो अच्छे से खेलता है, हालाँकि इस उम्र में वो शेयर करने में रूचि नहीं रखता। दूसरे बच्चों की चीज़ें लेने का वो इच्छुक रहता है।
  • इस उम्र का बच्चा अपनी चीज़ों को दूसरों के साथ नहीं बांटता और नहीं कहने में अधिक रूचि दिखाता है। अपने खिलौनों से वो बहुत जल्दी बोर हो जाता है।
  • इस उम्र के बच्चों में नखरे बढ़ जाते हैं। खाने से लेकर कपड़े पहनने तक हर चीज़ में वो नखरे दिखाता है।

दो साल के बच्चे क्या-क्या करते हैं

जैसे-जैसे बच्चा बढ़ता है, आपको उसमे हैरान कर देने वाले परिवर्तन नजर आते हैं। आपका दो साल का बच्चा भी अपनी गतिविधियों में आपको खुश और हैरान कर सकता है। जानिए दो साल के बच्चे क्या-क्या करते हैं।

  • दो साल के बच्चे अच्छे से चल-फिर और दौड़ सकते हैं।
  • वो अच्छे से कूद सकते है।
  • दो साल के बच्चे अपने कपड़ों और जूतों पर भी अधिक ध्यान देना शुरू कर देते हैं। ये पहनना है और यह नहीं, इस बारे में भी वो रूचि लेने लगते हैं।
  • बॉल या चीज़ों को फेंक, किक और कैच कर सकते हैं।
  • एक पैर पर बहुत अधिक देर तक खड़ा रह सकते हैं।
  • सीढ़ियां चढ़ सकते हैं, यही नहीं झूलों पर भी अच्छे से चढ़ सकते हैं।
  • दरवाज़े को खोल और बंद कर सकते हैं।
  • बोतलों और डिब्बों के ढक्कन खोल और बंद कर सकते हैं।
  • तीन पहिये की साइकिल चला सकते हैं।
  • किताबों के पन्ने पलट और फाड़ सकते हैं।
  • उनका अँगूठे और उंगलियों पर अच्छा नियंत्रण होता है। इसलिए क्रेयॉन और पेंसिल-पेन अच्छे से पकड़ कर लकीरे खींच सकते हैं।
  • इस उम्र में बच्चा दस से बारह घंटे सोता है।
  • दो साल के बच्चे अपने दाँतों को खुद ब्रश कर सकते हैं और खुद हाथ भी धो सकते हैं।
  • दो साल के बच्चे दूसरे बच्चों के साथ अधिक खुश रहते हैं। अन्य बच्चों के साथ खेलने में भी उन्हें अच्छा मज़ा आता है।
  • अपनी पैंट या लोअर को ऊपर-नीचे कर सकते हैं।
  • ब्लाक बना सकते हैं। अपने दिमाग का प्रयोग करके नए तरीके से हर खेल को खेलने की कोशिश करते हैं।
  • क्रेयॉन या पेंसिल पकड़ कर लिख सकते हैं।

 

जैसे की आप जानते ही होंगे कि सब बच्चों का मानसिक विकास और शारीरिक विकास अलग-अलग तरह से होता है। इसलिए हो सकता है कि आपका दो साल का बच्चा यह सब पहले ही करना शुरू कर दें या कुछ चीज़ें अभी न करता हो।

 

अगर आपका बच्चा अभी कुछ चीज़ें न करता हो तो भी परेशान न हों। लेकिन अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे को कोई गतिविधि करने में मुश्किल हो रही है तो विशेषज्ञ की सलाह लेने में देरी न करें।

 

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