नवजात शिशु बहुत ही नाजुक होते हैं और उनकी देखभाल के लिए आपको पूरी तरह से सजग और जागरूक होना चाहिए क्योंकि छोटे बच्चों को बहुत जल्दी ही एलर्जी, खुजली, सर्दी जुखाम जैसी बीमारियां घेर लेती हैं और उनके विकास ने बहुत बड़ी बाधा डालती है। इसके अलावा ऐसे बहुत से काम है जिसमें आपको पूर्णता सावधानी बरतनी चाहिए। अगर आप बच्चों की देखरेख में छोटी-छोटी असावधानियां (Common Parenting Mistakes) बरतती है तो इससे आपको और आपके बच्चे को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। तो आइए जानते हैं कुछ ऐसी असावधानियां (newborn baby ki dekhbhal) जो आपकी और आपके बच्चे दोनों के लिए मुश्किल पैदा कर सकती हैं।
आप अपने बच्चों की देखरेख करने के लिए पूरी सावधानी बरते। आप समय-समय पर सफाई का पूरा ध्यान रखें। आप बच्चों के आसपास घर में, रसोई में, उनके खिलौने सभी को साफ रखें व साथ ही अपने हाथों की भी सफाई रखें क्योंकि हाथों से ही गंदगी बच्चों में जल्दी जाती है। आप बच्चों के आसपास जरा सी भी गंदगी ना फैलाएं और बच्चों को उठाने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से धो ले।
अगर आपका बच्चा 6 महीने से छोटा है तो आप उसे केवल स्तनपान ही कराएं। फॉर्म्यूला मिल्क देने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें । 6 महीने के बाद आप उसे अर्ध ठोस आहार देना शुरू कर दे। बच्चों का खाना हमेशा साफ हाथों से व साफ वातावरण में ही बनाएं। बच्चों का खाना बनाने के लिए उबले हुए पानी का ही प्रयोग करें।
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आपको बच्चों के खानपान के साथ-साथ अपने खान-पान का भी पूरा-पूरा ख्याल रखना चाहिए। अगर नवजात शिशु 6 महीने से छोटा है तो वह पूरी तरह से आपके दूध पर निर्भर करता है और उसके बाद भी आप 2 साल तक उसे दूध पिलाती है। इसलिए जो खाना आप खाती हैं वह भी वही खाना दूध के रूप में आपके बच्चे के पेट में जाता है। 6 महीने तक बच्चों को मां का दूध ही देना चाहिए क्योंकि वह उसके लिए अमृत के समान है।
आप अपने छोटे बच्चों को कभी भी अकेला ना छोड़े क्योंकि छोटे बच्चे बोल नहीं सकते। इसलिए वह अपनी परेशानी दूसरों कैसे बता सकते हैं। बच्चों को बिस्तर पर कभी भी अकेला ना छोड़े क्योंकि इससे वह गिर सकता है। साथ ही उनको ऐसे खिलौने ना लेकर दे जो चुभने वाले, नुकीले या कच्चे रंग के हो। दांत निकलते समय बच्चों का खास ख्याल रखना चाहिए।
छोटे बच्चों के नाखून बहुत जल्दी बढ़ जाते हैं और वे हाथ पैर भी बहुत चलाते हैं। ऐसे में वे हाथ पैर चलाते-चलाते अपने नाखूनों को आंखों में या शरीर के किसी भी अंग पर मार सकते है जिससे उन्हें घाव भी हो सकता है। इसलिए आप समय-समय पर उनके नाखून काटते रहे। नाखून काटते समय यह असावधानी बिल्कुल ना बरतें। सबसे बेहतर है कि जब बच्चे सो जाएं तो ही आप उनके नाखून काटें। जानिएं बच्चों के नाखून कैसे काटने चाहिए।
आप जब भी बच्चों की मालिश करें तो ज्यादा जोर से ना करें बल्कि आप तेल को गुनगुना करके हल्के हाथ से मसाज करें ताकि बच्चों को किसी भी प्रकार का दर्द ना हो। सर्दी के मौसम में उनकी धूप में मालिश करनी चाहिए और बच्चों को सुबह की धूप जरूर देनी चाहिए क्योंकि सुबह की धूप बच्चों में विटामिन डी की कमी नहीं होने देती है और साथ ही इससे पीलिया जैसी समस्या से भी बचा कर रखा जा सकता है। बच्चों की जैतून का तेल, बेबी ऑयल या नारियल तेल से मालिश करनी चाहिए।
नवजात शिशु को नहलाते समय अतिरिक्त सावधानी रखें। नहाने का सारा सामान बाथरूम में पहले से रख दें। नहाने के दौरान बच्चों को अकेला बिलकुल ना छोड़े। बच्चों के साबुन व शैंपू हमेशा कैमिकल फ्री ही इस्तेमाल करें। ऐसे प्रोड्क्ट्स चुनें जो डाई व पैराबिन रहित हों। आप उन्हें जल्दी नहलाएं क्योंकि छोटे बच्चों को जल्दी ठंड लग सकती हैं जिससे उन्हें सर्दी या जुखाम हो सकता है। नहाने के दौरान बच्चों के कानों में पानी ना जाने दें।
आप छोटे और मासूम बच्चों को ब्रेस्टफीड करवाते समय ध्यान रखें कि कहीं उनके कान में दूध ना जाए। साथ ही उन्हें एक ही स्तन से लगातार दूध ना पिलाएं। नवजात शिशु को हर 2 घंटे में मां का दूध पिलाना चाहिए क्योंकि छोटे बच्चों का पेट बहुत छोटा होता है तो वह जल्दी भर जाता है और जल्दी ही खाली भी हो जाता है। कई बार वे पेट न भरने के कारण सो भी नहीं पाते हैं।
अगर आपके घर में कोई पालतू जानवर या पक्षी है तो आप अपने बच्चों की देखरेख में जरा सी भी लापरवाही ना बरतें बल्कि आप बच्चों का खास ध्यान रखे। आप जानवरों की खुराक साफ करते समय उनसे उठने वाले कणों से अपने बच्चे की आंखों को बचा कर रखिए और आप पक्षी के परो और जानवरों के रोए से भी अपने बच्चों को बचा कर रखें। आप अपने पालतू जानवरों को भी पूरी तरह से साफ रखें।
आप अपने बच्चों के लिए जो भी डायपर इस्तेमाल करें बस इस बात का खास ध्यान रखें कि डायपर बढ़िया होना चाहिए। यह जल्दी गीला या भारी ना हो। लगातार बच्चे को काफी देर के लिए डायपर में ना रखें। डायपर बदलने के बाद डायपर एरिया को गुनगुना पानी व डिटॉल से अच्छी तरह धो लें। दिन में थोड़ी देर के लिए नवजात बच्चे को बिना डायपर के रखना चाहिए ताकि उनके पूरे शरीर पर अच्छी तरह से हवा लग जाए और उन्हें किसी भी प्रकार का कोई संक्रमण ना हो।
जब आप गर्भ धारण करती हैं तो बच्चे के जन्म के बाद उसके सारे टीके लगवाएं। गर्भधारण के बाद आप खुद को भी टीके लगवाएं ताकि प्रसव के दौरान आपको व आपके बच्चे को कोई परेशानी ना हो। जन्म के बाद आप बच्चे का टीका वाला कार्ड बनवा लें और उन्हें समय पर सारे टीके लगाए और उन्हें सारी खुराक भी पिलाएं ताकि बड़ा होकर उन्हें किसी भी प्रकार की बीमारी का सामना ना करना पड़े। आप बच्चों को जो भी टीका लगवाए उसकी एंट्री बच्चों के टीका वाले कार्ड में अवश्य करवाए व उस कार्ड को संभाल कर रखें।
यह कुछ ऐसी सावधानियां थी जहां अक्सर नए माता पिता गलती कर जाते हैं। आप अगर इन बातों का ध्यान रखेंगे तो आपके बच्चे को भविष्य में किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह सावधानियां नवजात शिशु को शुरुआत में संभालने में होने वाली परेशानी से भी आपको बचाएगा।
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