जैसे ही आपको पता चलता हैं कि आप मां बनने वाली हैं वैसे ही आप अपने से ज्यादा अपने पेट में पल रहे शिशु के बारे में सोचने लगती हैं क्योंकि इस समय आपको अपने शिशु के बारे में अधिक ध्यान देने की जरूरत पड़ती हैं जिससे आपके शिशु का अच्छे से विकास हो सके।
लेकिन क्या आपको पता हैं कि आपकी कुछ आदतें आपके शिशु को कितना दुखी करती हैं? जी हां, आप की कुछ बातें और आदतें शिशु को बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगती हैं और वे इससे नफरत करते हैं। हालांकि ऐसा कहा जाता हैं कि बच्चों का इस दुनिया में अपनी आंखें खोलने से पहले ही भावनाओं और इंद्रियों का विकास हो जाता हैं। इतना ही नहीं गर्भ में शिशु सुख, उदासी, क्रोध यहां तक कि दुख भी महसूस कर सकते हैं। इसके अलावा वे इतने संवेदनशील होते हैं कि वह गर्भ में चिंता और तनाव से भी गुजरते हैं।
शिशु गर्भ में मां की भावनाओं को आसानी से समझते हैं कि उनकी मां के मन और दिमाग में कब क्या चल रहा हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस समय जो हार्मोन बनता है वह प्लेसेंटा से होते हुए शिशु तक पहुंचता हैं। ऐसे में नीचे कुछ बातें (Things that Affect Baby during Pregnancy) बताई जा रही हैं जो गर्भ में पल रहे शिशु को बिल्कुल भी पसंद नहीं आती हैं।
5 चीज़े जो शिशु गर्भ में पसंद नहीं करते हैं (Things That Affect Baby During Pregnancy in Hindi)
#1. तेज रोशनी
चित्र स्रोत: Women's Health
अपने शिशु के साथ संबंध बनाने का यह एक आसान तरीका हैं। शायद आपको पता होगा कि भले ही गर्भ में शिशु की आंखें बंद हो लेकिन बाहर जब आप पेट के ऊपर रोशनी डालती हैं तो वे उसे महसूस करते हैं। जिस प्रकार आप आंख बंद करके सूर्य की रोशनी को महसूस कर सकती हैं ठीक उसी प्रकार बच्चे भी करते हैं। हालाँकि ज्यादा तेज़ रोशनी से वे परेशान हो जाते हैं खासकर तब जब वे सो रहे हो। जब वे जगे होते हैं तब वे रोशनी के साथ खेलते हैं व उसे पकड़ने के लिए इधर-उधर हिलते-डुलते भी हैं लेकिन ज्यादा तेज़ रोशनी उनको परेशान करती हैं। इसलिये आप अगर धूप में बाहर भी निकले तो अपने पेट को कपडे से ढक कर निकले।
#2. तेज़ आवाज
चित्र स्रोत: www.ovuline.com
गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में बच्चा बाहर से आने वाली आवाजों को जैसे धुन और शोर सभी को सुन सकता हैं। सिर्फ इतना ही नहीं उसे इन सभी आवाजों से पैदा होने के बाद बाहर के माहौल में सामंजस्य बैठाने में भी मदद मिलती हैं। कई गर्भवती महिलाओं ने तो महसूस भी किया होगा कि उनके आसपास अगर संगीत बजता हैं तो उन्हें अपने अंदर कुछ हलचन महसूस होनी शुरू हो जाती हैं। जब आप बोलती हैं तो आपकी आवाज उसके पूरे शरीर में कम्पन्न ला देती हैं। अध्ययनों से सामने आया हैं कि जब आप बोलती हैं तो बच्चे की दिल की धड़कन तेज हो जाती हैं। मतलब जब आप बोलती हैं तो बच्चा और भी ज्यादा सतर्क हो जाता हैं। लेकिन अगर बाहर ज्यादा तेज़ आवाज़ में व कठोर संगीत बज रहा हो या ज्यादा शोर-शराबा हो तो यह बच्चे को विचलित कर देते हैं।
#3. माँ का दुखी होना
चित्र स्रोत: Spring.St
जब आप किसी कारणवश दुखी या तनाव में होती हैं तो आप से कहीं ज्यादा आप के गर्भ में पल रहा शिशु तनाव में आ जाता हैं। ऐसे में आप यदि लम्बे समय तक तनाव, नकारात्मकता व चिंता से ग्रस्त रहती हैं तो यह आपके बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं। इसका कारण यह हैं कि जब आप परेशान होती हैं तो जो हार्मोन जारी होता हैं वह तरल पदार्थ के माध्यम से आपके बच्चे तक पहुँचता हैं, जो उसे नुकसान पहुंचाता हैं।
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#4. तीखा भोजन
चित्र स्रोत: Romper
आप जो कुछ भी खाती हैं उसका स्वाद आपका बच्चा भी लेता हैं क्योंकि गर्भावस्था के प्रारंभिक दौर में स्वाद की भावना विकसित होती हैं। आप जो कुछ भी खाती हैं वह शिशु को एमनियोटिक फ्लूड के जरिये पहुँचता हैं। अगर आप ज्यादा तीखा खा रही हैं तो आपके शिशु के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता हैं। इसलिये इन दिनों ज्यादा तेल व मसाले वाले खाने से बचे।
#5. ज्यादा जोर से हँसना
चित्र स्रोत: Rebel Circus
हां, बिल्कुल सही सुना आपने। आपके सामान्य से ज्यादा तेज़ हंसने से आपका पेट ऊपर-नीचे होता हैं जिससे शिशु भी ऊपर- नीचे उछलता हैं जो उसे पसंद नही होता हैं। ऐसा होने पर कई बच्चे गर्भ में रोने भी लगते हैं। एक समय के बाद जब शिशु का आकार बढ़ रहा होता हैं तो उसे गर्भ में जगह कम पड़ जाती हैं तब वह जगह बनाने के लिए भी इधर-उधर पैर मरता हैं। आपके सोते समय करवट बदलने पर शिशु को भी अपनी जगह बदलनी पड़ती हैं।
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