कैंसर एक गंभीर बिमारी है जिसका इलाज मुश्किल तो है, साथ ही रोगी को ठीक होने में भी वक्त लगता है। आजकल चौदह साल से कम उम्र के बच्चों में भी कैंसर की समस्या बढ़ती जा रही है। एक सर्वे के अनुसार हमारे देश में बच्चों में कैंसर के हर साल लगभग पचास हज़ार से अधिक मामले आते हैं लेकिन समय पर इन सबका निदान नहीं हो पाता।
पिछले कुछ सालों में कैंसर के शिकार बच्चों के स्वस्थ होने में बेहतरीन सुधार हुआ है। इसमें अधिकतर मामलों में इलाज से स्वस्थ हुआ जा सकता है। आजकल तीन चिकित्सा पद्धतियों- कीमोथेरेपी, सर्जरी और रेडियोथेरेपी के बेहतर तालमेल से यह संभव हुआ है। आइये जाने, बच्चों को कैसे कैंसर (Childhood Cancer) से रखें दूर।
सबसे पहले जानते हैं कि किन कारणों से बच्चे कैंसर का शिकार बन रहे हैं
#1. जीवन शैली (Life Style)
आजकल की व्यस्त जिंदगी और आधुनिक जीवन शैली बच्चों में कैंसर की एक बड़ी वजह है। जंक फूड, अधिक कैलोरी वाला खाना और प्रदूषण से बच्चों में कैंसर जैसी बीमारी बढ़ रही है। इसके साथ ही बच्चे आजकल शारीरिक गतिविधियों की जगह मोबाइल और टीवी पर अपना ध्यान अधिक केंद्रित करते हैं। यही नहीं आजकल बच्चे छोटी उम्र में ही गलत आदतों जैसे धूम्रपान, शराब और नशे आदि में लिप्त हो जाते हैं और इस बिगड़ी जीवन शैली के कारण वो कैंसर का शिकार हो रहे हैं। अपने बच्चों को अगर आप कैंसर से बचाना चाहते हैं तो अपने और उनके लाइफ स्टाइल में परिवर्तन करें। योग, कसरत और खेल-कूद में उनकी रूचि बढ़ाएं। इसके साथ ही बुरी आदतों से भी उन्हें दूर रखें।
आपको जानकर बेहद हैरानी होगी कि अगर आप सिगरेट पीते हैं तो आपके बच्चे को भी कैंसर होने की संभावना बेहद अधिक बढ़ जाती है। इसकी वजह है सेकेंड हैंड स्मोक (Second Hand Smoke)। पिज़्ज़ा, बर्गर, प्रोसेसड फूड और यहां तक कि मोमोज भी कैंसर को बढ़ाने के कारक हो सकते हैं जिनसे बच्चों को जितना संभव हो दूर रखना चाहिए।
प्रदूषण बच्चों और बड़ों में कैंसर का एक बड़ा कारण है। पेस्टीसाइड, फर्टीलाइजर और अन्य खतरनाक चीज़ों से बच्चे कैंसर का शिकार बन सकते हैं। अपने बच्चों को इन खतरनाक रसायनों और प्रदूषण से दूर रखने की कोशिश करें ताकि बच्चे इनकी चपेट में ना आएं।
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बच्चों की इम्युनिटी कम होती है। ऐसा देखा गया है कि जिन बच्चों की इम्युनिटी बहुत कम होती है वो जल्दी ही कैंसर की चपेट में आ जाते है। दरअसल इम्युनिटी कमजोर होने से बच्चे इससे बच नहीं पाते। बच्चों की इम्युनिटी को मजबूत करने के लिए उन्हें पौष्टिक आहार का सेवन कराएं।
जिन परिवार में किसी को कैंसर हो तो उस परिवार के बच्चों में कैंसर के लक्षण अधिक दिखाई देते हैं। जेनेटिक कारणों के कारण बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं जिससे वो कैंसर का शिकार हो सकते हैं। ऐसा देखा गया है कि जिन बच्चों के परिवार में कैंसर का इतिहास होता है, उन परिवारों के बच्चों में कैंसर होने की संभावना दस प्रतिशत बढ़ जाती है।
बच्चे आजकल मोबाइल का बहुत अधिक प्रयोग करते हैं और विशेषज्ञों का कहना है कि मोबाइल से निकलने वाली रेडिएशंस के कारण बच्चों को कैंसर हो सकता है। हालाँकि मोबाइल कंपनियां इस बात से साफ इंकार करती हैं। इसलिए अगर आप अपने बच्चे को कैंसर से दूर रखना चाहते हैं तो बच्चों को कम से कम मोबाइल का प्रयोग करने दें।
बच्चों के नाक से खून आना हालाँकि कई बार सामान्य होता है लेकिन अगर ऐसा बार-बार हो रहा है तो यह एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्युकेमिया के लक्षण हो सकते हैं। इसके साथ ही अगर बच्चों को कोई चोट लग जाए और वो लंबे समय तक ठीक न हो तो यह भी कैंसर की निशानी हो सकती है।
अगर बच्चे का वजन लगातार कम हो रहा हो तो यह भी कैंसर का लक्षण हो सकता है। इसके साथ ही अगर साँस लेने में समस्या हो रही हो तो यह भी गंभीर बीमारी यानी कैंसर का संकेत है।
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अधिक दिन तक सिर में दर्द होना ब्रेन ट्यूमर का एक लक्षण हो सकता है। इसलिए बच्चों में इन लक्षणों की तरफ ध्यान दें। उल्टी होना वैसे तो फूड पोइज़निंग या संक्रमण की निशानी है लेकिन ऐसा माना गया है कि यह भी कैंसर की वजह से हो सकता है। इसलिए बच्चों को बार-बार उल्टी या सिरदर्द होने पर डॉक्टर से अवश्य मिलें।
बच्चा अगर बहुत थका हुआ रहता है, लगातार उसे कमजोरी महसूस हो रही है और कोई अस्पष्ट बुखार है, जिसके कारण बच्चे को हड्डियों में भी दर्द हो रहा हो तो यह भी कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। इसके साथ ही आंखों की रोशनी कम होना, पीठ में दर्द, शरीर के अंगों पर गांठे आदि भी कैंसर के ही लक्षण हैं। सबसे पहले इन लक्षणों को अपने बच्चे में पहचाने, उसके बाद ही उसका इलाज संभव है।
इन सबके अलावा अगर बच्चों में कैंसर के कुछ अन्य लक्षण निम्न हो सकते हैंः
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