गर्भावस्था के समय महिला कई शारीरिक समस्याओं से गुजरती है लेकिन यह समस्याएं प्रसव के बाद भी कम नहीं होती हैं। प्रसव के बाद एक महिला जिन परेशानियों का सामना करती है, उनमे से एक है बवासीर (Piles after Delivery)। बवासीर को पाईल्स भी कहा जाता है। पाईल्स शरीर की उस स्थिति को कहा जाता है जब मलाशय और गुदा को जोड़ने वाली नलिका की रक्त कोशिकाएं सूज जाती हैं। मलत्याग के दौरान यह सूजी हुई नलिकाएं बाहर भी आ सकती हैं। बवासीर के कारण (Bawasir ke Karan) दर्द और कई अन्य तकलीफों का सामना करना पड़ता है।
गर्भावस्था के एक महीने बाद लगभग तीस प्रतिशत महिलाओं में इस समस्या को देखा गया है। ऐसा भी पाया गया है कि लगभग चालीस में से एक महिला गर्भावस्था के बाद बवासीर का शिकार होती है। बवासीर होने पर आप अपने गुदा के अंदर, बाहर या किनारे पर छोटी-छोटी गांठें महसूस कर सकती हैं, जिनमें दर्द होता है। यही नहीं इनसे मलत्याग के समय खून आना भी सामान्य है। जानिए प्रेगनेंसी के बाद बवासीर (Pregnancy ke baad Bawasir) होने के क्या-क्या कारण हैं और इससे राहत पाने के कौन से उपाय (Bawasir ke Gharelu Upay) हैं।
प्रसव के बाद क्यों होता हैं बवासीर (Causes of Piles after Pregnancy in Hindi)
#1. कब्ज (Constipation)
कब्ज बवासीर का सबसे बड़ा कारण है। कब्ज के कारण आंतों की प्रक्रिया सुचारु रूप से पूरी नहीं हो पाती जिसके कारण बवासीर होती है। प्रसव के बाद स्तनों में दूध बनता है, इससे भी कब्ज में बढ़ोतरी होती है। गर्भावस्था में कब्ज होना बेहद सामान्य है। लेकिन अधिक कब्ज होना बवासीर का मुख्य कारण हो सकता है।
#2. गर्भावस्था के कारण (Due to pregnancy)
गर्भावस्था में जब गर्भाशय का आकर बढ़ता है तो पेल्विक एरिया में दबाव बढ़ जाता है जिससे ब्लड का प्रेशर भी बढ़ता है। ऐसा होने से महिला की नसों में सूजन आ जाती है जिससे उनमें खारिश होती है या उनमें खून भी आ सकता है। गर्भावस्था के बाद भी यह स्थिति बनी रहती है।
#3. प्रसव के कारण (Due to delivery)
प्रसव के दौरान जब गर्भवती महिलाएं शिशु के बाहर आने के लिए जोर लगाती है तो इससे उनके गुदा पर असर पड़ता है। इसके कारण प्रसव के बाद बवासीर की समस्या हो सकती है।
#4. प्रोजेस्टेरोन हार्मोन (Progesterone hormones)
गर्भावस्था के बाद प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का स्तर बढ़ जाने के कारण नसे सूज जाती हैं और बवासीर जैसी बीमारी हो जाती है। इसके साथ ही जिन महिलाओं को पहले से ही बवासीर की शिकायत रहती है, उन्हें गर्भावस्था के दौरान या बाद में यह समस्या होने की पूरी संभावना होती है।
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बवासीर के लक्षण (Symptoms of Piles or Bawasir in Hindi)
- मल त्याग के बाद खून निकलना
- मलद्वार पर गांठे जैसी होना
- मलत्याग के बाद श्लेम निकलना
- गुदा स्थान में या उसके आसपास खुजली या जलन होना
- गुदा के आसपास के स्थान का सूज जाना
- एक ही स्थिति में बैठ या लेट न पाना (बैठने में अधिक समस्या होती है)
- मल त्याग के बाद भी मल त्याग की इच्छा होना
डिलीवरी के बाद बवासीर दूर करने के घरेलू उपाय (Home Remedies of Piles After Delivery in Hindi)
#1. तरल पदार्थों का सेवन (Fluid intake)
प्रसव के बाद बवासीर की समस्या होना आम बात है। आपको बवासीर की समस्या चाहे गर्भावस्था में हो या उसके बाद, दोनों ही सूरतों में आप अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन करें। जितना अधिक हो सके, उतना अधिक पानी पीएं। जितना पानी आप पीयेंगे, उतना ही आपको इस समस्या से राहत मिलेगी।
#2. व्यायाम करें (Do exercise)
व्यायाम और योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। व्यायाम करने से न केवल आप स्वस्थ रह सकती हैं बल्कि आपको बवासीर से भी मुक्ति मिलेगी। हालाँकि प्रसव के बाद और गर्भावस्था के समय आपको हल्का-फुल्का व्यायाम करना चाहिए और डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए।
#3. आहार (Diet)
आपने आहार में
फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें जैसे कि हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज, मेवे, दलिया आदि। फायबर युक्त आहार के सेवन से आपको मल त्याग में आसानी होगी जिससे कब्ज की समस्या से राहत मिलेगी। अधिक कैफीन जैसे चाय, कॉफी इत्यादि का अधिक सेवन करने से बचे।
#4. मल संबंधी सावधानियां (Stool related precautions)
जब आप आपको मल त्याग करनी की इच्छा हो तो तुरंत बाथरूप का प्रयोग करें। मल त्याग में देरी करने से भी इस रोग को बढ़ावा मिलता है। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से मल त्याग में और भी असुविधा हो सकती है। इसके साथ ही जब भी मल त्याग कर रहे हों तो अधिक जोर न लगाएं बल्कि थोड़ा इंतजार करें। अगर बवासीर की समस्या से बचना है तो एक ही स्थिति में ज्यादा देर तक बैठना या खड़ा नहीं होना चाहिए, इससे बवासीर की समस्या बढ़ जाती है, ऐसे में अपनी स्थिति को बदलते रहना चाहिए।
#5. अन्य उपाय (Other Solutions for Bawasir After Delivery)
- अगर आपको बवासीर से अधिक समस्या हो रही हो तो बर्फ के पैक या पानी से भीगे हुए कपडे को अपने गुदा के स्थान पर लगाएं इससे दर्द से राहत मिलती है। गुनगुने पानी को किसी टब में ड़ाल कर उसमे बैठने से भी बवासीर में होने वाली दर्द से आराम मिलता है।
- मल त्याग के बाद गुदा क्षेत्र को टायलेट पेपर की जगह पानी का इस्तेमाल करें। वेस्टर्न स्टाइल की टायलेट सीट की जगह इंडियन स्टाइल का प्रयोग करें।
- बेकिंग सोडा स्किन से सम्बन्धित समस्याओं को दूर करने में उपयोगी हैं। इससे बवासीर में होने वाली पीड़ा कम हो जाती हैं। आप इसका प्रयोग भी प्रभावित स्थान पर कर सकती हैं।
- डीलीवरी के बाद बवासीर (Delivery ke baad Bawasir) को दूर या कम करने के लिए डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। बाजार में देसी के साथ-साथ अन्य और भी कई दवाइयां उपलब्ध हैं लेकिन अगर आपको यह समस्या है तो बिना विशेषज्ञ की सलाह के कोई दवाई न लें। आमतौर पर डॉक्टर क्रीम देते हैं जिसे प्रभावित भाग पर लगाना होता हैं।
- अगर इससे कोई फर्क न पड़े तो इंजैक्शन लगाया जाता है जिससे बवासीर में होने वाली गांठें सुख जाती हैं। इसके साथ ही डॉक्टर के पास कई अन्य इलाज के तरीके भी होते हैं।
बवासीर की बीमारी होने पर अपने गुदा क्षेत्र की सफाई पर खास ध्यान दें। इससे इन्फेक्शन और खारिश कम होती है। इसके साथ ही अधिक मिर्च मसाले और तला भुना खाना खाने से भी परहेज़ करें। बवासीर की समस्या को हल्के में लेकर नज़रअंदाज़ न करें और अगर आपको इसके लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिल कर इसका इलाज शुरू करें क्योंकि इसका इलाज जितना जल्दी शुरू हो जाए, उतनी जल्दी ही इससे राहत मिलती है।
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