प्रसव से पहले गर्भवती महिला के मन में जो सबसे बड़ा भय होता है वो है सी सेक्शन डिलीवरी। सामान्य प्रसव के मुकाबले सी-सेक्शन प्रसव में महिला को अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है इसीलिए सी-सेक्शन डिलीवरी को प्राथमिकता नहीं दी जाती। सी सेक्शन डिलीवरी में गर्भवती महिला के पेट में चीरा लगा कर बच्चे को बाहर निकाला जाता है और इस प्रसव के बाद महिला को पूरी तरह से स्वस्थ होने में भी अधिक समय लगता है। इस प्रसव में जो अधिक चिंता का विषय होता है वो है टांके। इस दौरान लगे घाव और टांकों की अगर सही से देखभाल (C Section Stitches Care) न की जाए तो घाव जल्दी सही से ठीक नहीं हो पाते और इन्फेक्शन होने की भी संभावना रहती है। जानिए जिम्मेदारियों और व्यस्तता के बाद भी कैसे रखें सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद अपने टांकों की देखभाल (C Section Opertion ke Tanke)।
सी-सेक्शन प्रसव के बाद टांकों और घाव की साफ-सफाई की तरफ खास ध्यान दें। अगर टांके गंदे होंगे तो इन्फेक्शन होने की संभावना कई गुना बढ़ सकती है। अगर टांकों पर कोई बेंडेड लगी है तो भी रोज़ाना उस स्थान को पहले साफ करें, उसके बाद बेंडेज को बदलें। टांकों को किस से और कैसे साफ करना है, इसके लिए आप डॉक्टर की राय ले सकती हैं। इसके बाद कॉटन से टांकों को अच्छे से साफ करें। रोजाना बैंडेज बदलना न भूलें। नहाने के बाद अपने टांकों वाले स्थान को अच्छे से सुखाएं। जितना हो सके टांके और इसके आसपास के स्थान को सूखा रखें।
भूल कर भी अपने टांकों या इसकी आसपास की जगह पर किसी भी तरह के तेल, क्रीम या कॉस्मेटिक का प्रयोग न करें क्योंकि इससे आपके टांकों में खुजली या संक्रमण हो सकता है। इस स्थान पर उसी क्रीम या लोशन का प्रयोग करें जिसकी सलाह आपके डॉक्टर ने दी हो। अपनी मर्जी से किसी भी चीज़ का प्रयोग न करें।
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सी-सेक्शन प्रसव के बाद अपने टांकों की देखभाल करना आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए अन्यथा आपको भविष्य में मुश्किल हो सकती है। इस दौरान शिशु को स्तनपान कराना भी बेहद आवश्यक है। सी सेक्शन प्रसव के बाद स्तनपान के दौरान आपको कुछ मुश्किल हो सकती है। शुरुआत में स्तनपान कराते हुए किसी अन्य व्यक्ति की मदद अवश्य लें ताकि आपके उठने, बैठने या शिशु को स्तनपान कराते हुए कोई समस्या न हो।
आपको अपने टांको में होने वाले दर्द या असहजता से बचने के लिए अलग-अलग स्थितियों में शिशु को दूध पिलाना चाहिए। आप चाहे तो बच्चे को अपनी गोद में लेके ऊपर लेटा कर स्तनपान करना चाहिए इससे आपको आराम मिलेगा और शिशु भी आराम से दूध पी लेगा। इसके साथ ही आप शिशु को फुटबॉल की तरह पकड़ कर भी दूध पिला सकती है। अपनी साइड में बच्चे को लेटा कर भी दूध पिलाया जा सकता है बस आप पूरी तरह से आरामदायक महसूस करें।
सी सेक्शन प्रसव के बाद टांकों में दर्द के साथ-साथ उसमे सूजन रहती है जिसे दूर करने के लिए आप आइस-बैग का प्रयोग कर सकते हैं। इससे आपको आराम मिलेगा। इसके साथ ही आप गर्म बोतल से भी इस पर सेक दे सकती हैं । इससे भी राहत मिलती है। जब भी आप उठती, बैठती, हंसती या चलती हैं या अन्य कोई शारीरिक गतिविधि करती हैं तो आप अपने टांकों का अवश्य ध्यान रखें।
अपने टांकों को किसी भी परेशानी या संक्रमण से बचाने के लिए हमेशा खुले और ढीले कपडे पहने। इसके साथ ही आपके कपड़े मुलायम होने चाहिए ताकि आपके टांकों को कपड़ों से कोई रगड़ न लगे और आपके टाँके सुरक्षित रहें। इसके साथ ही ढीले-वाले कपडे पहनने से आपको शिशु को संभालने में आसानी होगी और आप आरामदायक महसूस करेंगी।
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सी-सेक्शन ऑपरेशन के बाद टांकों (C Section ke Tanko) को सुरक्षित रखने के लिए आपको कुछ खास चीज़ों को नहीं करना चाहिए जैसे कि:
सी सेक्शन डिलीवरी के बादं टांकों पर डॉक्टर द्वारा दी गई दवाई लगाएं। टांकों को पानी से बचाकर रखने के लिए आप नहाते समय इसे पॉलीथीन से छुपा सकती हैं। टांकों की सफाई करने के लिए रूई पर डीटॉल या कोई एंटीसेप्टिक लगाकर पहले साफ करें और फिर इसपर मरहम लगा लें।
अमूमन सी सेक्शन डिलीवरी के टांकों के निशान पांच से माह में चले जाते हैं। हालांकि कुछ महिलाओं के सिजेरियन सेक्शन डिलीवरी के बाद टांकों के निशान चार माह से पहले भी चले जाते हैं। अगर दवा लगाने के बाद भी छह माह के बाद टांको के निशान ना जाएं तो आप कुछ घरेलू उपाय जैसे ऐलोवेरा जेल लगाना, नारियल तेल लगाना, हल्दी बेसन का लेप लगाना आदि।
सी सेक्शन प्रसव के बाद कुछ समय तक आपको अपने टांकों (Opertion ke Tanke) को लेकर अधिक परेशानी हो सकती है लेकिन आपको खुद अपनी देखभाल के साथ-साथ अपने टांकों पर भी नजर रखनी होगी। अगर आपको टांकों में दर्द हो, टांके लाल लगे, उनसे रिसाव हो रहा हो या आपको बुखार आदि हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। अपने प्रसव या टांकों को लेकर नकारात्मक महसूस न करें। टांकों के निशान बहुत जल्द ही ठीक हो जाते हैं, ऐसे में पूरी सावधानी बरते और सकारात्मक रहें। मातृत्व के सुख का बिना किसी परेशानी के मज़ा लें, इससे आपको जल्दी स्वस्थ होने में मदद मिलेगी।
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