ब्रेस्ट कैंसर या स्तन कैंसर महिलाओं को होने वाले कुछ आम कैंसरों में से एक है। हाल के सालों में यह काफी उभर कर सामने आ रहा है। अव्यवस्थित लाइफ स्टाइल, खानपान पर ध्यान ना देना आदि कुछ ऐसे कारण है जिनकी वजह से ब्रेस्ट कैंसर अधिक फैलता है। लेकिन अगर ब्रेस्ट कैंसर (Stan Cancer) का शुरुआती दौर में ही पता लगा लिया जाए तो इससे बचने और खत्म करने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती है।
अक्टूबर को ब्रेस्ट कैंसर जागरुकता माह के रूप में मनाया जाता है। आइये आज के इस लेख में ब्रेस्ट कैंसर से जुड़ी कुछ अहम बातें जानें (Breast Cancer Details in Hindi)।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाले कैंसरों में से सबसे अहम है। हर साल करीब दो करोड़ महिलाएं इससे प्रभावित होती हैं और यह अनुमान लगाया गया है कि केवल इसी साल यानि साल 2018 में 6,27,000 महिलाओं की मृत्यु स्तन कैंसर के कारण हुई है।
यह सभी तरह कैंसरों से होने वाली मृत्यु का करीब 15% है। हालांकि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों ने इस पर काबू पाने में काफी हद तक सफलता प्राप्त की है। यहां सर्वाइवल रेट करीब 90% के करीब है। लेकिन यह तभी संभव है जब इसका पता शुरुआती दौर में चल सके।
भारत में यह स्थिति और भी भयावह है। कैंसर इंडिया ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के अनुसार भारत में साल 2012 में 1,44,937 ब्रेस्ट कैंसर के नए केस दर्ज किये गए और करीब 70 हजार लोगों की जान इस कारण से गई है। और अगर भारत में सर्वाइवल रेट की बात करें तो वह मात्र 66% है।
भारत में यह संभावना रहती है कि लगभग हर 30 में से 1 महिला को कभी ना कभी ब्रेस्ट कैंसर रहा हो। इसके अलावा ब्रेस्ट कैंसर शहर में रहने वाली महिलाओं के लिए अधिक खतरनाक होता है। जहां शहर में रहने वाली हर 22 में से किसी एक महिला को इससे खतरा होता है तो वहीं ग्रामीण इलाकों में रहने वाली 60 मेंं से किसी एक महिला को स्तर कैंसर होने का जोखिम होता है।
कैंसर का प्रमुख कारण होता है शरीर के किसी अंग में होने वाली कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि। शरीर में नित नई कोशिकाएं बनती रहती हैं और समान रूप से बंट जाती हैं।
लेकिन जब यह लगातार वृद्धि करती हैं तो कैंसर का रूप ले लेती हैं। स्तन कोशिकाओं में होने वाली अनियंत्रित वृद्धि स्तन कैंसर का मुख्य कारण है। जब यह कोशिकाएं लगातार बढ़ने के कारण एक जगह इकठ्ठा होकर गांठ का रूप ले लेती है तो इसे कैंसर ट्यूमर कहते हैं।
यह ट्यूमर कहीं भी हो सकती हैं जैसे निप्पल में दूध ले जाने वाले डक्ट्स (नलियों), दूध उत्पन्न करने वाले छोटे कोशिकाएं या किसी ग्रंथिहीन ऊतक में।
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ब्रेस्ट कैंसर का सबसे बड़ा लक्षण होता है स्तनों में गांठ का होना। इसे आसानी से स्वयं निरक्षण के द्वारा भी पता लगाया जा सकता है। कई बार इन गांठों में दर्द नहीं होता है परंतु अगर आपको कभी भी लगे कि आपके स्तनों में गांठ है तो डॉक्टर से अवश्य सलाह लेनी चाहिए।
स्तनों में होने वाली गांठ को मेमोग्राफी के द्वारा स्कैन कर कैंसर का पता लगाया जाता है। 30 से 40 साल के बीच में एक बार अवश्य मेमोग्राफी टेस्ट करवाना चाहिए क्योंकि इस आयु वर्ग में कैंसर होने का सबसे बड़ा खतरा रहता है। इसके अलावा स्तन कैंसर के कुछ सामान्य लक्षण निम्न (Breast Cancer ke Lakshan) हैंः
एक रिपोर्ट के अनुसार 40 साल की उम्र के बाद स्तन कैंसर का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा जिन महिलाओं की शादी देर से होती है, हार्मोनल टैबलट का अधिक प्रयोग, ब्रेस्ट फीडिंग ना कराना, स्मोकिंग या ड्रिंक करने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक रहता है। 30 साल के बाद हर माहवारी के बाद महिलाओं को अपने स्तनों पर ध्यान देना चाहिए। निम्न परिस्थितियों में स्तन कैंसर के प्रति अधिक सतर्क रहना चाहिएः
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हाल के सालों में पुरुषों में भी स्तन कैंसर (Stan Cancer) के केस बढ़ते जा रहे हैं। पुरुषों में भी 40 साल के बाद ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। पुरुषों में स्तन कैंसर का मुख्य कारण मोटापा, लीवर की बीमारी, रेडियेशन थेरेपी आदि होते हैं। इसके अलावा यह आनुवांशिक कारणों से भी हो सकता है।
पुरुषों में स्तन कैंसर का पता लगाना बेहद आसान है लेकिन कई बार लोग इसे “गाइनेकोमैस्टिया” से जोड़ कर देखने लगते हैं। गाइनेकोमैस्टिया में भी स्तनों का आकार बढ़ जाता है। लेकिन सही जांच से दोनों बीमारियों का अंतर पता लगाया जाता है।
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स्तन कैंसर के केसों में यह देखा गया है कि अगर इसका पता प्रारंभिक दौर में चल जाए तो इससे बचने की संभावना करीब 80 से 90 प्रतिशत हो जाती है। लेकिन भारत में जागरुकता की कमी की वजह से केवल 66 प्रतिशत लोग ही स्तन कैंसर के वार से उबर पाते हैं।
समय-समय पर स्तनों की जांच, रेडीएशन से दूर रहने और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाकर स्तन कैंसर के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। अगर फिर भी किसी कारण से यह रोग हो जाए तो बिना घबराएं डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। स्तन कैंसर जानलेवा जरूर है लेकिन असाध्य रोग नहीं है।
इसका इलाज संभव है, जरूरी है तो बस सही समय पर बीमारी की जानकारी की(Breast Cancer Details in Hindi)।
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