बच्चों में खून की कमी होना बेहद दुखद होता है। यह कमी कई बार माता पिता द्वारा अनुवांशिक हो सकती है या फिर जन्म के समय कम वजन के कारण भी हो सकती है। हालांकि इसमें अच्छी बात यह है कि हमारे शरीर के अंदर खून बनाने की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती हैं। खान-पान में थोड़े से बदलाव लाकर और सही ध्यान रखकर हम इस समस्या से बच सकते हैं। बच्चों में खून की कमी को दूर करने के लिए सिर्फ उनके आहार ही अपितु अन्य बातों का भी विशेष ध्यान भी बचा जा सकता है। अगर बच्चों में खून की कमी हो तो सबसे पहले डॉक्टर से सलाह लें और टेस्ट कराएं। अगर खून की कमी, लॉ हीमोग्लोबिन (Low Hemoglobin Treatment) या एनीमिया की स्थिति है आप निम्न बातों का पालन कर सकते हैं।
डॉक्टर की नियमित सलाह लें बच्चे का खून की जाँच कराएं। अगर उसमे हीमोग्लोबिन की संख्या कम है तो डॉक्टर से राय लें और आवश्यकता होने पर आयरन सप्लिमेंट्स चढ़वाए। लॉ हीमोग्लोबिन की स्थिति में आप बच्चे को फॉलिक एसिड की दवाइयां डॉक्टर की सलाह पर दे सकते हैं। हालांकि अगर बच्चे को एनीमिया है तो इसका संपूर्ण इलाज कराएं। एनीमिया की स्थिति कई बार बच्चों को आगे जाकर भी परेशान करती है।
रोजाना शहद खिलाएं अगर बच्चा एक साल से बड़ा है तो उसे हर दिन थोड़ी-थोड़ी मात्रा में शहद दें। शहद खून बढ़ाने में काफी सहायक होता है। शहद को दूध में मिलाकर देने से उसकी क्षमता बढ़ती है। आप बच्चे को शहद दूध में मिलाकर दे सकती हैं। पर ध्यान रखें कि शहद एक साल से छोटे बच्चे को नहीं देना चाहिए। शहद हमेशा वही चुनें जो ऑर्गेनिक हो। खून बढ़ाने के लिए बच्चे को नियमित रूप से शहद खिलाएं।
हरी पत्तेदार सब्जियां हरी पत्तेदार सब्जियों में आयरन काफी अधिक मात्रा में होता है। आप बच्चे को पालक, ब्रोकली आदि दे सकती हैं। इन्हें आप अन्य सब्जियों या खिचड़ी में मिलाकर दें। पालक में आयरन की मात्रा अधिक होती है। पालक के साथ बैंगन, आलू आदि भी आयरन रिच होते हैं। आप बच्चों को यह सब्जियां खिचड़ी में डालकर या इनको सेंडविच में डालकर दे सकती हैं। कई बार बच्चे पालक या तौरी जैसी सब्जियां नहीं खाते लेकिन यहीं तो आपका जादू काम आता इन बोरिंग सब्जियों को अपने हाथों का टच दें और दिखाएं अपना मैजिक। एक और बात सब्जियों में चकूंदर और शकरकंद को ना भूलिएगा।
मेवे किशमिश, छुहारे, बादाम आदि में भी आयरन की मात्रा अधिक होती है। सबसे अच्छी बात तो यह है कि बच्चों को यह बहुत पसंद भी होते हैं। दो खजूर और एक गिलास गुनगुना दूध बच्चे को कम से कम तीन महीने तक खिलाएं फिर देखिएं उसका हीमोग्लोबिन लेवल। आप ड्राई फ्रूट्स का शेक भी बच्चों को बनाकर पिला सकती हैं।
पनीर, टोफू और सोयाबिन पनीर, टोफू, सोयाबिन भी आयरन के अहम स्त्रोत होते हैं। अगर आप मांसाहारी हैं तो चिकन, अंडा, मीट, मछली आदि बच्चों को खिलाएं। बच्चों को नॉन वेज देते समय ध्यान रखें कि वह सही से पका हो। एक साल से छोटे बच्चे को मछली देने से बचें। बड़े बच्चों को आप चिकन सूप, रोस्टेड चिकन ब्रेस्ट आदि दे सकती हैं। इसे भी पढ़ना ना भूलेंः दस आहार जो बच्चों में खून बढ़ाते हैं