गर्भधारण के लिए कैसे चुनें सही समय (ओवल्यूशन साइकिल)

गर्भधारण के लिए कैसे चुनें सही समय (ओवल्यूशन साइकिल)

कहा जाता है कि स्त्री का जीवन तभी पूरा होता है जब वो माँ बनती है। नेहा शादी के कुछ सालों तक माँ नहीं बनना चाहती थी क्योंकि वो अभी इस ज़िम्मेदारी को उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं थी लेकिन जब उसने माँ बनना चाहा तो कई कोशिशों के बावजूद उसकी यह इच्छा पूरी नहीं हो पायी। डॉक्टर से सम्पर्क करने के बाद उसे ओवल्यूशन पीरियड के बारे में पता चला। डॉक्टर द्वारा दी गयी सलाह के बाद नेहा का सपना पूरा हुआ। यह समस्या केवल नेहा की नहीं बल्कि कई महिलाओं की है। आजकल महिलाओं में प्रजनन संबंधित कई समस्याएं देखने को मिल रही हैं जिनके मुख्य कारण तनाव, असंतुलित आहार या कोई बीमारी इत्यादि हैं। लेकिन आप गर्भधारण यानि ओवल्यूशन पीरियड का सही समय चुन कर भी मातृत्व के सुख को प्राप्त कर सकती हैं जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। तो चलिए ओवल्यूशन पीरियड या साइकिल (Ovalution Cycle) और गर्भधारण के लिए सही समय (Best Time for Pregnancy in Hindi) के बारें में जानें।  

गर्भधारण के लिए कैसे चुने सही समय (Best Time for Pregnancy in Hindi)

क्या है ओवल्यूशन पीरियड (What is Ovulation Period in Hindi) महिला के अंडाशय से अंडे के बाहर निकलने को ओवुलेशन कहा जाता है और इस प्रक्रिया से महिला हर महीने गुजरती है अर्थात हर महीने महिला के अंडाशय से कई अंडे बाहर निकलते हैं। ऐसा कहा जाता है कि हर महीने इनकी संख्या 15 से 20 हो सकती है। ओवल्यूशन पीरियड महीने का वो समय होता है जब महिला के शरीर से निकले अंडे पुरुष के वीर्य से मिलने के लिए तैयार होते हैं। ओवुलेशन पीरियड वो समय होता है जब महिला का शरीर सबसे अधिक फर्टिलाइज़ होता है और इस दौरान संभोग करने से आसानी से महिला गर्भधारण कर सकती हैं और इस समय गर्भधारण की संभावना बहुत अधिक होती है। सरल भाषा में समझें तो पीरियड्स के 10वें दिन से 20वें दिन तक, क्योंकि इसी दौरान ओवल्यूशन होता है। गर्भधारण करने के लिए ओवल्यूशन पीरियड का खास ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। सभी महिलाओं के लिए ओवुलेशन पीरियड अलग अलग होता है। इसे भी पढ़ेंः प्रेगनेंसी के दौरान जरूर खाएं यह फल 

आसानी से गर्भधारण के अन्य कई तरीके हैं लेकिन ओवुलेशन पीरियड के दौरान संभोग करना एक ऐसा तरीका है जिसके बारे में अधिक लोग नहीं जानते। गर्भवती होने के लिए यह समय बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। पुरुष के शरीर से निकलने वाले शुक्राणु से महिला कभी भी गर्भधारण कर सकती हैं लेकिन ओवुलेशन पीरियड वो समय होता है जब महिला की गर्भधारण करने की सबसे अधिक संभावना होती है। अगर आप माँ नहीं बनना चाहती हैं तो ओवुलेशन पीरियड के दौरान संभोग न करने से गर्भधारण से बचा जा सकता है। इसे भी पढ़ेंः प्रेगनेंसी के दौरान कितना पानी पीना चाहिए   ओवल्यूशन पीरियड चक्र (Evolution Period Cycle) जिन महिलाओं को हर महीने निश्चित समय पर पीरियड आते हैं उनके लिए इस प्रक्रिया को समझना बेहद आसान है क्योंकि पीरियड पूरे समय पर आने से महिला के ओवुलेशन पीरियड का समय भी निश्चित होता है। जैसे अगर आपको पीरियड पूरे 28 दिन के बाद आते हैं तो आपका ओवुलेशन पीरियड मासिक धर्म के शुरू होने के 12वें से लेकर 16वें दिन के भीतर हो सकता है। इस प्रक्रिया को आप आसानी से पहचान भी सकती हैं। ऐसा जरूरी नहीं है कि सभी महिलाओं में मासिक धर्म का समय निर्धारित हो। जिन महिलाओं में मासिक धर्म का समय निश्चित नहीं होता उन महिलाओं के लिए ओवुलेशन पीरियड को समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। दरअसल महिलाओं के पीरियड सही समय पर न आने के कारण उनकी ओवुलेशन की प्रक्रिया भी गड़बड़ा जाती है। लेकिन फिर भी आप अपने मासिक धर्म के शुरू होने के 12वें और 16वें दिन पर थोड़ा ध्यान दें और कुछ बातों पर ध्यान दे कर वो इस के बारे में पता लगा सकती हैं।  

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शारीरिक संकेत (Physical Sign of Best Time for Pregnancy in Hindi)

  • ओवुलेशन पीरियड के दौरान योनि से निकलने वाले तरल गाढ़ा हो जाता है इसके साथ वो सामान्य से अधिक चिपचिपा होता है।
  • ऐसा भी पाया गया है कि इस समय महिला के शरीर का तापमान बढ़ जाता है। इन दिनों को अपने दिमाग में रखें और अपने शरीर का तापमान अधिक लगने पर जांचे। इससे भी आपको थोड़ा आइडिया मिल सकता है।
  • ओवुलेशन पीरियड में संभोग की इच्छा अन्य दिनों की तुलना में कई गुना अधिक बढ़ जाती है।
  • महिलाएं एक जाँच से भी अपने ओवुलेशन पीरियड का पता लगा सकती हैं। इससे महिला के शरीर में  ल्‍यूटिनाइजिंग हार्मोन के स्तर का पता चल जाता है जिससे वो समय ओवुलेशन पीरियड है या नहीं इसके बारे में भी जानकारी मिल जाती है।
  • ओवुलेशन पीरियड के शुरू होने से पहले योनी और गर्भाशय के बीच का क्षेत्र जिसे ग्रीवा भी कहते हैं वो बंद या थोड़ी सख्त होती है लेकिन जैसे ही इस पीरियड की शुरुआत होती हैं यह खुल जाती है और सख्त नहीं रहती। अगर आप ग्रीवा की जाँच करें तब भी आपको इस पीरियड के बारे में पता लग सकता है।
  अगर आप जल्दी गर्भवती होना चाहती हैं तो भी ओव्युलेशन पीरियड का ध्यान रखें क्योंकि अंडाशय से निकलने के बाद लगभग 24 से 36 घंटे तक अंडा जीवित रहता है इसलिए अगर इस समय संभोग किया जाए तो गर्भवती होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है। अगर इस दौरान महिला के अंडाशय से दो अंडे बाहर आते हैं तो उससे जुड़वाँ शिशु होने की संभावना होती है। डॉक्टरों और विशेषज्ञ यह भी बताते हैं कि अगर ओव्युलेशन पीरियड में सुबह के समय संभोग किया जाए तब भी आसानी से गर्भधारण किया जा सकता है। ऐसा भी कहा जाता है कि मासिक धर्म के पूरे होने के सात दिन बाद यह ओवुलेशन पीरियड शुरू होता है और मासिक धर्म के शुरू होने से सात दिन पहले तक रहता है इस समय को फर्टाइल पीरियड भी कहा जाता है। इसके लिए महिलाओं को ही अपने ओवुलेशन पीरियड का पता लगाना पड़ता है या वो इसके लिए अपने डॉक्टर से भी सम्पर्क कर सकती हैं। क्या आप एक माँ के रूप में अन्य माताओं से शब्दों या तस्वीरों के माध्यम से अपने अनुभव बांटना चाहती हैं? अगर हाँ, तो माताओं के संयुक्त संगठन का हिस्सा बने। यहाँ क्लिक करें और हम आपसे संपर्क करेंगे।

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