हर माता पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा स्वस्थ फिट और तेज बने इसके लिए वे उनके खाने-पीने का विशेष ध्यान भी रखते हैं। माता-पिता अपने बच्चों को पौष्टिक आहार देने के साथ-साथ उन्हें उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए अन्य चीजों का भी सहारा लेते हैं।
दरअसल मेवे में बड़ी मात्रा में प्रोटीन होता है। यह बच्चों के साथ-साथ बड़ों के लिए भी काफी फायदेमंद होते हैं। उन्हीं मेवों में से एक है बादाम जो प्रोटीन और फाइबर का मुख्य स्रोत होता है। तो आइए जानते हैं बच्चों को बादाम कब (Badam Kab Khane Chaiye), कितने और क्यों (Benefits of Almonds in Hindi) देने चाहिए।
बच्चों का बादाम बिल्कुल छोटी उम्र में नहीं देने चाहिए बल्कि इन्हें बादाम तक देने चाहिए जब इनकी उम्र 7 या 8 महीने से ऊपर की हो जाए। यह उम्र बच्चों को बादाम देने की सही होती है परंतु इस बात का विशेष ध्यान रखें कि इन पर किसी प्रकार की कोई कोटिंग ना हो।
यह एकदम प्राकृतिक होने चाहिए। अगर आपके बच्चे अभी खाना पचा नहीं सकते हैं या चबा नहीं सकते हैं तो आप उन्हें बादाम को पीसकर उसका पावडर बनाकर दे सकती है।
जब आप शिशु को बादाम देना शुरू करती है तो आप शुरुआत आधे बदाम से करें और जब बच्चा 1 साल का हो जाए तो 1 बादाम देना शुरू कर दे। फिर बढ़ती उम्र के साथ-साथ धीरे-धीरे इसकी मात्रा बढ़ाते रहे। परंतु शुरुआत में आधे से ज्यादा ना दें क्योंकि शिशु का पेट अभी ज्यादा पचाने में सक्षम नहीं होता है।
इससे शिशु को पेट से संबंधित अन्य समस्याएं हो सकती है। एक दिन में बादाम की इतनी मात्रा ही दें इससे आपका शिशु स्वस्थ रहेगा और उसका दिमागी विकास भी अच्छा होगा।
इसे भी पढ़ेंः बच्चों के लिए शकरकंद के फायदें
बच्चों को बादाम देने के कई फायदे (Benefits of Almonds) होते हैं। इसलिए जानते हैं आपको अपने बच्चे को बादाम क्यों देना चाहिए। बादाम से याददाश्त (Almond for Brain Power) भी तेज होती है और अगर बादाम को दूध में मिलाकर खाया जाए तो इसकी पौष्टिकता और भी बढ़ जाती है। सर्दियों में बादाम वाला दूध बच्चों की मानसिक और शारीरिक सेहत दोनों को दुरुस्त करता है। इसके अलावा यह सर्दी को सहने की शक्ति लाता है।
बादाम में प्रोटीन होने से यह दिमाग की कार्य प्रणाली को बेहतर बनाता है, याददाश्त को तेज करता हैं व दिमागी ताकत बढ़ाता है। इसके अलावा यह बच्चों के ब्रेन सेल्स को रिपेयर करता हैं और उनकी सोचने समझने की शक्ति को भी उत्तम बनाता है।
बादाम वाला दूध पीने से बच्चों की हड्डियां मजबूत होती है। इस मिश्रण में बच्चों को भरपूर मात्रा में विटामिन डी मिलता है। विटामिन डी की वजह से हड्डियों में कैल्शियम आसानी से पहुंचता है। बादाम वाला दूध पीने से बच्चों में अर्थराइटिस और ओस्टियोपोरोसिस का खतरा कम होता है।
सर्दियों में शिशु में सर्दी, खांसी और जुकाम की समस्या काफी आम होती है। ऐसे में बादाम वाला दूध उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर उन्हें इन परेशानियों से बचाता है। बादाम का दूध पीने से शिशु जल्दी से सर्दी जुखाम जैसी समस्याओं की चपेट में नहीं आते हैं।
इसे भी पढ़ेंः बच्चों को कैसे सिखाएं अच्छी आदतें
बादाम वाले दूध में विटामिन ए प्रचुर मात्रा में होता है जो आंखों के लिए बहुत आवश्यक होता है। इसलिए इसको पीने से बच्चों की आंखों की समस्या कम होती है। उनकी आंखों की रोशनी भी तेज होती है।
बादाम वाले दूध में विटामिन ई भी होता है जो त्वचा को रोग मुक्त और स्वस्थ बनाता है। यह त्वचा में नमी भी बनाए रखता है। यह बच्चों के लिए ही नहीं बल्कि बड़ों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। इससे उन्हें त्वचा संबंधित समस्याएं जैसे कि दाग धब्बे इत्यादि से बचाव में सहायता मिलती है।
इसे भी पढ़ेंः बच्चों में खून की कमी को दूर करने के तरीके
आइए जानते हैं बादाम खाने का सही तरीका (badam khane ka sahi tarika):
भिगो कर खिलाएंः बादाम को रात को पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इसका छिलका उतारकर उसे सुखाकर वैसे ही पीस कर और दूध में अच्छी तरह मिला कर दें। यह बादाम खाने का सबसे सही तरीका होता है। बादाम की तासीर गर्म होती है और पानी में भिगोने से इसमें ठंडक आ जाती है।
बादाम पावडर बनाएंः आप अपने 1 साल से छोटे बच्चे के लिए बादाम को पीसकर उसका पावडर बनाकर दे सकती है। यह पावडर आप उनके खाने के विभिन्न व्यंजनों में मिलाकर या फिर इसकी प्यूरी बनाकर भी उन्हें दे सकती है।
शिशु के थोड़ा बड़ा होने पर आप उसे बादाम के छोटे-छोटे टुकड़े करके खाने को दे सकती है। परंतु ध्यान रहे कि उनके गले में कोई टुकड़ा अटक ना जाए। बच्चों को बादाम दूध में या अन्य किसी खाद्य पदार्थ में मिला कर भी दे।
बादाम वाला दूधः बादाम वाला दूध देने से बच्चों को दुगुना फायदा मिलता है। बादाम वाला दूध देने के लिए आप शिशु के लिए आधा बादाम लेकर उसे पीस लीजिए फिर इस पावडर को मां के दूध में या फार्मूला दूध में मिलाकर शिशु को पिलाएं। आप यह दूध अपने बच्चों को सर्दियों के मौसम में अवश्य दें।
केसर बादाम मिल्कः अगर आपका बच्चा थोड़ा और बड़ा हो गया है तो आप बादाम को ब्लेंड करके फिर आप उसे गर्म दूध में मिला दे और साथ में थोड़ी सी इलायची पावडर और बिल्कुल जरा सा केसर मिलाकर दूध उबाल ले। फिर बच्चों को यह केसर बादाम वाला दूध पिलाएं। यह पीने से बच्चों को बहुत अच्छे परिणाम मिलेंगे।
आप बच्चों को बादाम किसी अन्य खाद्य पदार्थ में मिलाकर भी दे सकते हैं परंतु छोटे बच्चों को आप सिर्फ बादाम का पावडर ही दें। यदि बच्चा बादाम चबाकर खाने वाला हो गया है तो आप अपनी निगरानी में छोटे-छोटे पीस काट कर किसी चीज में या दूध में उसे मिला कर दें। आप अपने बच्चे को बादाम रोजाना शहद में मिलाकर भी दे सकती है।
बच्चों को बादाम खिलाने से रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है और रक्त का संचार भी ठीक रहता है। इसके अलावा बच्चों के चेहरे पर चमक बनी रहती है। परंतु आप इस बात का भी ध्यान रखें कि आप बच्चों को बादाम ज्यादा न देकर सही मात्रा में ही दे क्योंकि बादाम की तासीर गर्म होती है।
इसका ज्यादा सेवन से नुकसान भी हो सकता है। ठंड के मौसम में बादाम का पावडर देना और गर्मी के मौसम (Garmi ke Mausam mein Badam) में उन्हें भिगो कर देना अच्छा माना जाता है। ठंड के मौसम में यह उन्हें कई प्रकार की मौसमी बीमारियों से बचाता है और गर्मी के मौसम में भीगे बादाम खाने से शरीर में ठंडक बने रहती है।
इसे भी पढ़ेंः बच्चों में कैल्शियम की कमी दूर करने के आहार
अगर आप अपने बच्चों को बादाम सही उम्र में, सही मात्रा में और सही तरीके से देंगी तो यह आपके लिए बहुत कारगर साबित होगा व उन्होंने कई बीमारियों से भी बचाएगा।
क्या आप एक माँ के रूप में अन्य माताओं से शब्दों या तस्वीरों के माध्यम से अपने अनुभव बांटना चाहती हैं? अगर हाँ, तो माताओं के संयुक्त संगठन का हिस्सा बने। यहाँ क्लिक करें और हम आपसे संपर्क करेंगे।
null
null