माता-पिता बनने की खुशी किसी भी अन्य खुशी से अधिक कीमती और महत्वपूर्ण होती है। पहले के समय में परिवार संयुक्त होते थे, तब घर के बड़ों और बुजुर्गों के साथ बच्चों की परवरिश आसानी से हो जाती थी लेकिन अब समय बदल चुका है। अब संयुक्त परिवार की जगह एकल परिवारों ने ले ली है जिसमें केवल माँ, पिता और बच्चे ही शामिल हैं। ऐसे परिवारों में जो सबसे बड़ी समस्या माता और पिता के सामने आती है वो है दोनों का नौकरी करना। दोनों के कामकाजी होने की वजह से माता-पिता के पास बच्चों को डे-केयर में भेजने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचता। तो चलिए जानते हैं कि डे केयर सेंटर (Day Care Center) क्या होता है और इसके फायदे क्या है?
डे केयर क्या है (Day Care Center in Hindi)
डे केयर सेंटर को आप प्री नर्सरी या क्रेच (Crech) कह सकते हैं। डे केयर सेंटर कामकाजी पैरेंट्स के लिए उनके बच्चों की दिन में देखरेख करते हैं। यह स्कूल जाने से पहले बच्चे की नींव रखने के समान है। डे केयर स्कूल या सेंटर में बच्चे दिनभर या दिन के कुछ समय के लिए रहते हैं। इसके जितने फायदे हैं उतने ही नुकसान भी हैं।
लेकिन अपने छोटे से बच्चे को अचानक अजनबियों के साथ छोड़ना माता-पिता के लिए आसान नहीं होता और आए दिन ख़बरों में डे-केयर के बारे में कई नकारात्मक बातें सुनने और पढ़ने को मिलती हैं। जिससे उनके मन में डे-केयर को लेकर थोड़ी घबराहट रहती है और मन में यही कंफ्यूजिन रहती है कि बच्चों को डे-केयर भेजना चाहिए या नहीं। आइये बात करते हैं डे-केयर में बच्चों को भेजने से होने वाले नुकसान और फायदों के बारे में ताकि आप सही निर्णय ले पाएं।
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बच्चों को डे-केयर भेजने के फायदे (Benefits or Importance of Day Care Center in Hindi)
#1. किफायती (Economical)
बच्चे को डे-केयर में भेजने का सबसे बड़ा फायदा यही है कि यह पूरी तरह से किफायती है। कामकाजी होने के कारण माता-पिता को सारा दिन घर से बाहर रहना पड़ता है, ऐसे में बच्चे की देखभाल कैसे हो, यह सबसे बड़ी समस्या है। इस कार्य के लिए अगर आप किसी आया या हैल्पर को नियुक्त करते हैं तो वो बहुत महँगी पड़ती हैं इसके साथ ही आया या हैल्पर के साथ बच्चे को अकेला छोड़ना भी थोड़ा जोखिम भरा हो सकता है। इसलिए डे-केयर एक बेहतरीन उपाय है।
#2. अनुशासन (Discipline)
अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा जीवन में अनुशासित बने तो इसके लिए डे-केयर एक अच्छी जगह है। डे-केयर में जाने वाला बच्चा अन्य बच्चों के मुकाबले अधिक अनुशासित होता है। सुबह सही समय पर उठ कर डे-केयर जाना, उसके बाद वहां के नियमों को पालन करना आदि उसके दिन का अहम हिस्सा बन जाते हैं जिसके कारण बच्चा अपना हर कार्य सही समय पर करना सीख जाता है।
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#3. दूसरों की मदद करना (Help others)
डे-केयर में जाने वाले बच्चे वहां अन्य बच्चों से मिलते हैं और उनके साथ अपना अधिकतर समय बिताते हैं इससे उनके अंदर अन्य बच्चों की मदद की भावना जागृत होती है और उनकी व्यवहार कुशलता भी बढ़ती है। एकलौते बच्चे शेयरिंग करने से भी हिचकिचाते हैं यही नहीं उनका स्वभाव भी अधिकतर शर्मीला होता है लेकिन अगर आप अपने बच्चे को डे केयर में डालते हैं तो उसके बाद उन्हें अपनी चीज़ को शेयर करने या किसी व्यक्ति से खुल कर बात करने में कोई हिचक नहीं होती।
#4. व्यस्त (Busy)
अगर आपका एकल परिवार है और आप अपने बच्चे को आया या अपने परिवार के किसी बड़े सदस्य के पास छोड़ते हैं तो बच्चे बोर हो जाते हैं और उनका मन नहीं लगता जिससे वो बहुत जल्दी चिड़चिड़े हो जाते हैं। लेकिन अगर आप बच्चे को डे-केयर में भेजते हैं तो बच्चा वहां अन्य बच्चों के साथ व्यस्त रहता है, यही नहीं उनका पूरा दिन भी निर्धारित होता है यानी वो निर्धारित दिनचर्या का पालन करना सीख जाते हैं।
#5. सुरक्षित (Safe)
डे-केयर में अपने बच्चे को भेजना पूरी तरह से सुरक्षित है बस इस बात का ध्यान रहें कि जिस डे-केयर में आप अपने बच्चे को भेज रहे हैं उसके पास इसका वैद्य लाइसेंस हों। डे-केयर में उनकी सुरक्षा का ख्याल रखने वाले सभी लोग अनुभवी होते है। इसके साथ ही अधिकतर डे-केयर में सी सी टी वी की सुविधा भी होती है ताकि आप बच्चों को मॉनिटर कर पाएं।
#6. कौशल (skills)
डे-केयर में बच्चों के मन को बहलाने और उनके प्रतिभा के विकास का पूरा ध्यान रखा जाता है ताकि बच्चों का सही से मानसिक और शारीरिक विकास हो सके। डे-केयर में जाकर आपका बच्चा डांस, पेंटिंग, सिंगिग, कविता जैसी कलाओं में निपुण हो सकता है यही नहीं अन्य बच्चों से भी वो कुछ न कुछ अवश्य सीखेगा। ऐसा करने से बच्चों का दिमाग भी विकसित होगा।
बच्चों को डे-केयर भेजने के नुकसान (Disadvantages of Day Care in Hindi)
#1. बीमार होने का खतरा
छोटे बच्चों की इम्युनिटी बहुत ही कमजोर होती है और उनके जल्दी बीमार होने की संभावना बहुत अधिक होती है। डे-केयर में बच्चे अन्य बच्चों के साथ खाते-पीते, खेलते आदि है ऐसे में अगर दूसरे किसी बच्चे को सर्दी-जुकाम या अन्य संक्रमण हो तो आपके बच्चे को भी यह संक्रमण होने की संभावना अधिक रहती है। अगर आपका बच्चा बीमार है ऐसे में भी डे-केयर में उसे भेजना उसके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
#2. माता-पिता से दूरी (Distance from Parents)
ऐसा देखा गया है कि जो बच्चे डे-केयर जाते हैं वो अपने माता-पिता से दूर हो जाते हैं। डे-केयर में बच्चों को भेजने से माता-पिता अपने बच्चे के साथ पर्याप्त समय नहीं बिता पाते जिसके कारण बच्चे उनसे दूर होने लगते हैं। ऐसे में माता-पिता और अन्य रिश्तों में उनकी रूचि कम होती जाती है और अपने डे-केयर (Day Care) के परिवार से उनका लगाव बढ़ जाता है। भविष्य में यह चीज़ उनके लिए और माता-पिता के लिए हानिकारक साबित हो सकती है।
#3. बुरी आदतें (Bad habits)
डे-केयर पर बच्चे अगर कुछ अच्छा सीखते हैं तो बुरी आदते भी सीख सकते हैं जो खाने से लेकर अन्य चीज़ों से जुड़ी हुई हो सकती है। जैसे अगर कोई बच्चा डे-केयर में जंक फूड लेकर आता है तो आपके बच्चे भी जंक फूड की जिद्द कर सकते हैं। ऐसे ही अपशब्द बोलना, अस्वस्थ टायलेट आदते जैसी चीज़ें भी वो वहां सीख सकता है।
#4. दिनचर्या (Daily routine)
डे-केयर जाने वाले बच्चों की दिनचर्या माता-पिता के अनुसार नहीं बल्कि डे-केयर के अनुसार हो जाती है हालाँकि यह बात सबको प्रभावित नहीं करती लेकिन कुछ माता-पिता को यह प्रभावित कर सकती है।
डे केयर सेंटर चुनने से पहले किन बातों का रखें ध्यान (How to Choose Day Care Center for Kids in Hindi)
डे केयर सेंटर चुनने से पहले इन बातों का रखें ध्यानः
- डे केयर में मौजूद टीचर्स की सारी बैकग्राउंड चैक करें।
- अन्य पैरेंट्स से जानकारी पाएं।
- डे केयर से मोबाइल पर लाइव सीसीटीवी फूटेज (Live CCTV Footage) की मांग करें।
- अगर डे केयर में सीसीटीवी नहीं हैं तो वहां बच्चों को भेजने से पहले अच्छी तरह से विचार करें।
- कोशिश करें कि डे केयर घर या ऑफिस के आसपास ही हो ताकि जरूरत के समय आप जल्द से जल्द पहुंच सके।
- डे केयर सेंटर में हमेशा दो से तीन इमरजेंसी नंबर लिखवा कर ही रखें ताकि अगर एक नंबर ना मिले तो वह दूसरे नंबर पर फोन कर सके।
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अपने बच्चे को डे-केयर (Day Care Center) में छोड़ना माता-पिता के लिए भी बहुत मुश्किल है। लेकिन पति-पत्नी दोनों का काम करना आजकल के ज़माने की आवश्यकता बन चुका है। अगर आप भी उनमें से एक हैं और आपके लिए अपने बच्चे को डे-केयर में भेजना आवश्यक है तो थोड़ी छानबीन और जानकारी लेने के बाद ही अपने बच्चे को वहां भेजे। इसके साथ ही ऐसे डे-केयर को चुने जिसमे सी सी टी वी कैमरे की सुविधा हो ताकि आप अपने बच्चे की गतिविधियों पर नजर रख सकें। अपने बच्चे के साथ समय बिताना न भूले। हर माता-पिता अपने बच्चे के लिए अच्छा ही सोचते है ऐसे में आप जो भी फैसला अपने बच्चे के लिए लेंगे वो सही ही होगा।
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