घी एक ऐसा व्यंजन है जो भारत की हर रसोई में पाया जाता है। कई न्यूट्रीशनिस्ट कहते हैं कि इससे फैट बढ़ता है परंतु घी एक हेल्द फैट है और यह बात लोगों को धीरे-धीरे समझ में आने लगी है। घी के बहुत सारे फायदे होते हैं। आप शुद्ध देसी घी को आर्टिफिशियल तरीके से वेजिटेबल को मैन्युफैक्चर करके निकाले गए घी से ना मिलाएं जैसे कि डालडा और वनस्पति। शुद्ध घी जो होता है वह गाय की प्योर क्रीम से बने ताजा मक्खन से बनता है। तो आइयें जानते हैं बच्चों के लिए घी के फायदे (Ghee ke Fayde) और घर पर देसी घी (Desi Ghee Recipe in Hindi) कैसे बनाएं?
घी में एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा ज्यादा होती है और साथ ही यह बच्चे के इम्यून सिस्टम को भी अच्छा करता है और उसे किसी भी प्रकार की बीमारी होने से भी बचाता हैं। एंटीऑक्सीडेंट्स आपके बच्चे को विभिन्न प्रकार के संक्रमणों से भी बचाते हैं। घर का बना हुआ घी हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है और हमारे शरीर में जरूरी पोषक तत्व को अवशोषण करता है जैसे कि विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन ई और विटामिन के आदि। यह विटामिंस आपके बच्चे के पूर्ण विकास के लिए आवश्यक होते हैं।
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शिशु के पैदा होने के बाद शुरू के 2 साल उसके विकास के लिए बहुत जरूरी होते हैं। उनके मस्तिष्क का 50% हिस्सा फैट से बना होता है। डीएचए एक हेल्दी फैट होता है जो कि शिशु और बच्चों के दिमाग के विकास के लिए जरूरी होता है। घी का सबसे अच्छा फायदा यह होता है कि यह डी एच ए का अच्छा स्रोत होता है। इसलिए यह बच्चों के आहार में भी जरूर मिलाया जाना चाहिए।
बहुत सारी माँ अपने शिशु की घी से मसाज करती हैं जबकि कई माए यह कहती है कि यह शरीर के छिद्रों को बंद कर देता है। परंतु सच यह है कि घी हमारे शरीर को ठंड से बचाता है और शिशु की त्वचा को मुलायम और मॉइस्चराइजर रखने में मदद करता है।
वैसे तो घी के अनेकों फायदे होते हैं परंतु उनमें से एक फायदा यह भी है कि यह एंटी इन्फ्लेमेटरी होता है। घी को गर्म करके इस्तेमाल करने से यह सूखी खांसी को ठीक करता है और हमारे गले को आराम दिलाता है। आप चाहे तो घी को थोड़ी सी अदरक और काली मिर्च के साथ गर्म कर सकते हैं और फिर एक छोटी चम्मच दिन में दो बार अपने बच्चे को दे सकते हैं। इससे उसकी खांसी ठीक हो जाएगी।
घी खाने से बच्चों में बहुत जल्दी एनर्जी आती है और यह बच्चों के विकास के लिए भी बहुत जरूरी होता है। शिशु के जन्म के बाद 1 साल के अंदर उसका वजन 3 गुना तक हो जाना चाहिए। ज्यादातर बच्चे 1 साल की उम्र में पूरी तरह से फिजिकल एक्टिव हो जाते हैं और इस एक्टिवनेस को बरकरार रखने के लिए उन्हें एनर्जी की आवश्यकता होती है, जो उन्हें घी से मिलती है।
घी को एक हेल्दी फैट माना जाता है। इसका मतलब यह है कि यह आसानी से फ्री रेडिकल्स-मे नहीं टूटता। आपके बच्चे के शरीर में फ्री रेडिकल्स की मात्रा ज्यादा होने से उसको सांस लेने में और दूसरी स्वास्थ्य से संबंधित बीमारियां हो सकती है।
घी एक ऐसा व्यंजन है जो हमारे शरीर में जल्दी पच जाता है। अगर आप कोई ऐसा भोजन ढूंढ रहे हैं जिससे आपके बच्चे को भरपूर एनर्जी मिले और उसका पाचन भी खराब ना हो तो घी एक अच्छा चुनाव है। घी में फैट होता है जो पचाने में आसान होता है और इसमें कैलोरीज भी ज्यादा होती है। इसलिए यह बच्चों को भरपूर एनर्जी देता है।
घी के पोषक तत्वों की बात करें तो आपको जानकर हैरानी होगी कि इसमें कैंसर को दूर करने के तत्व भी होते हैं। एक चम्मच घी में लगभग निम्न पोषक तत्व होते हैंः
वसा यानि फैट 14.10 ग्राम (संतृप्त वसा 7.926, मोनोअनसैचुरेटेड 3.678, पॉलअनसैचुरेटेड वसा 0.473)
प्रोटीन 0.04 ग्राम के साथ 115 कैलोरी
ओमेगा-6 फैटी एसिड 3.694 मिलीग्राम
ओमेगा-9 फैटी एसिड 25.026 मिली ग्राम
इसके अलावा गाय के घी (Cow Ghee) में एंटीवायरल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-फंगल और जीवाणुरोधी गुण भी होते हैं।
घर पर घी बनाना (ghar par ghee) बेहद आसान है। इसे आप दूध से भी बना सकती हैं लेकिन आज हम आपको मक्खन से घी बनाने की विधि बताने जा रहे हैं।
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घर पर घी बनाने की विधि:
यह सही कहा गया है कि हर चीज की एक सही मात्रा होती है, अक्सर माएं पूछती हैं कि बच्चे को कितना घी खिलाएं (bachche ko ghee)? अगर आप किसी भी चीज को उसकी सही मात्रा से ज्यादा ले तो यह नुकसानदायक हो सकता है। ऐसा ही घी पर भी लागू होता है। शिशु को घी खिलाना बहुत अच्छा होता है लेकिन अगर आप उसे जरूरत से ज्यादा घी खिला देंगे तो उसका पेट भारी हो जाएगा जिससे उसके पाचन तंत्र पर असर पड़ेगा। अपने 1 साल तक के बच्चे को आप पूरे दिन में 2 चम्मच से ज्यादा घी ना खिलाए।
अपने बच्चे को कुछ भी खिलाने से पहले आप 3 दिन तक उसकी प्रतिक्रिया देखें। जब आप उसे पहली बार घी खिलाएं तब उसे मटर के दाने जितना ही खिलाएं। फिर 3 दिन तक उसे देखे कि आपके बच्चे को किसी प्रकार की कोई दिक्कत तो नहीं आ रही है। अगर आपके बच्चे को कोई एलर्जी ना हो रही हो तो धीरे-धीरे घी की मात्रा को बढ़ा दे।
जैसा कि हमने आपको बताया है कि गाय के शुद्ध घी को वनस्पति और डालडा घी से ना मिलाए। यह दोनों बहुत अलग है। रिसर्च से यह पता चला है कि इस घी का सेवन करने से दिल की बीमारी और टाइप टू डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है। घर का बना घी सबसे ज्यादा हेल्दी होता है। इसके अनेकों फायदे होते हैं और यह बच्चों के आहार में जरूर शामिल होना चाहिए। आप शिशु को घी का सेवन चाहे रोज ना कराएं परंतु थोड़ा-थोड़ा कराएं और ज्यादा उत्सुकता में आकर उन्हें ज्यादा घी भी ना खिलाएं।
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