बच्चों पर मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल करने पर 10 बुरे असर

बच्चों पर मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल करने पर 10 बुरे असर

जब मोबाइल फोन का आविष्कार हुआ था तो इसका प्रयोग लोगों तक इसके माध्यम से अपनी कही गई बातों को पहुंचाना होता था। लेकिन समय रहते फोन में एक क्रांतिकारी बदलाव आया और अब वही फोन स्मार्टफोन में बदल गया| अब लोग घंटों तक इसी स्मार्टफोन में लगे रहते हैं, जिसके कारण कहीं ना कहीं हम साथ रहते हुए भी अपनो से दूर होते जा रहे हैं। परंतु यह बात भी बिल्कुल सही है कि स्मार्टफोन ने हमारी जीवन शैली को बहुत सरल बना दिया हैं।

मोबाइल फ़ोन कई मामलों में सहायक भी हैं जैसे कि ज्ञान बढ़ाने, जानकारियां जुटाने, गेम खेलने के अलावा और भी कई कारणों से उपयोगी हैं। आजकल छोटे-छोटे बच्चे भी स्मार्टफोन बेहतर तरीके से चलाते हैं और जानकारी रखते हैं। अब तो लोग नवजात शिशुओं और बच्चो तक के पास इन डिवाइस को रखने लगे हैं। माता-पिता भी अपने बच्चों को तकनीक से जोड़ने के लिए छोटी उम्र में ही स्मार्टफोन या टैबलेट खेलने के लिए दे देते हैं, जो उनके लिए लत बन जाती हैं और जिसका बच्चों के विकास, व्यवहार व सीखने की क्षमता पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता हैं।

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मोबाइल फोन से होने वाले 10 दुष्प्रभाव

जब कभी भी माता-पिता अपने काम की अधिकता के कारण अपने बच्चों पर ध्यान नहीं दे पाते हैं तो वे अपने बच्चों को वो हर सुविधा मुहैया करा देते हैं जिनके कारण बच्चे इन्ही स्मार्टफोन में खो जाते हैं। आजकल इंटरनेट के कारण तो स्मार्टफोन ही मनोरंजन का साधन बन गया हैं और साथ में हर जानकारी का केन्द्र भी बन गया हैं। जिससे बच्चे हर वक्त इसी में व्यस्त रहते हैं और इसके कारण अनेक प्रकार के दुष्प्रभाव बच्चों की सेहत पर दिखने भी लगे हैं।

तो आइए जानते हैं कि किस प्रकार से मोबाइल फोन से बच्चों को खतरा हैं:

#1. दिमागी विकास

Mind Development

आज हमारे पास जो तकनीक हैं वह बच्चों की गतिविधियों को सीमित कर देती हैं, जिससे उनका शारीरिक विकास बिगड़ जाता हैं। स्कूल जाने वाले 3 बच्चों में से एक में शारीरिक विकास सुस्त दिखता हैं जिससे उनकी वैज्ञानिक क्षमता और योग्यताएं प्रभावित होती हैं। शारीरिक गतिविधियों से बच्चे ध्यान केन्द्रित करना सीखते हैं और नए गुण उन्नत करते हैं।

#2. शारीरिक विकास

आज हमारे पास जो तकनीक हैं वह बच्चों की गतिविधियों को सीमित कर देती हैं, जिससे उनका शारीरिक विकास बिगड़ जाता हैं। स्कूल जाने वाले 3 बच्चों में से एक में शारीरिक विकास सुस्त दिखता हैं जिससे उनकी वैज्ञानिक क्षमता और योग्यताएं प्रभावित होती हैं। शारीरिक गतिविधियों से बच्चे ध्यान केन्द्रित करना सीखते हैं और नए गुण उन्नत करते हैं।

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#3. मोटापा बढ़ना

बच्चे मोबाइल को बैठे-बैठे चलाते रहते हैं जिससे बच्चे मोटापे का शिकार होते हैं। मोटे बच्चों में मधुमेह का और बड़ा होने पर लकवे का या दिल का दौरा आने का खतरा बढ़ जाता हैं। यह सभी खतरे उनकी जिंदगी को कम कर देते हैं।

#4. शारीरिक व्यायाम

आजकल बच्चे ना तो बाहरी खेल खेलते हैं और ना ही भीतरी खेल| वे तो सभी खेल फोन पर ही खेल लेते हैं जिससे उनका शारीरिक विकास नही हो पाता हैं। मोबाइल गेम्स में अधिक रुचि होने के कारण वे अपनी आधारभूत योग्यताओं का हनन करते हैं और उनका शारीरिक विकास कम हो पाता हैं|

 

#5. मानसिक रोग

तकनीक के ज्यादा उपयोग से बच्चों में तनाव, घबराहट, दुसरो से लगाव कम होना व ध्यान नही लगना आदि समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। यही नहीं यह तनाव किसी प्रकार की चिंता या बेचैनी के अलावा मानसिक समस्या व असामान्य बर्ताव का शिकार बन जाता हैं।

#6. आक्रामकता

आक्रामकता

चित्र स्रोत: motherbabychild.com

मीडिया, टीवी, फिल्मों और गेमों में हिंसा बहुत दिखाई जाती हैं जिससे बच्चों में आक्रामकता बढ़ती हैं| आजकल बच्चे शारीरिक और लैंगिक हिंसा के प्रोग्रामस और गेम्स के संपर्क में आ जाते हैं जिनमें हत्या, ब्लात्कार और यातना के दृश्यों की भरमार होती हैं| स्मार्ट फोन के माध्यम से बच्चे बहुत जल्दी इनके संपर्क में आ जाते हैं| छोटे बच्चो में पूरी जानकारी ना होने के कारण मानसिक स्तर और विकास नकारात्मक रूप से प्रभावित होता हैं|

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#7. डिजिटल स्मृतिलोपी

हाई स्पीड मीडिया संपर्क से बच्चों के केन्द्रित करने की क्षमता बहुत प्रभावित होती हैं। जिससे वे किसी एक चीज पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते और तथ्यों को याद भी नहीं कर पाते हैं। जो बच्चे ध्यान भटकने की समस्या से पीड़ित हैं उन्हें पढ़ाई करने में दिक्कत आती हैं।

#8. रिश्तो में दूरी

जब माता-पिता स्वयं अपने गैजेट्स में खोए रहते हैं तो वह अपने बच्चों से भावनात्मक आधार पर दूर होने लगते हैं| जब बच्चे माता-पिता की कमी महसूस करते हैं तो वह तकनीक और स्मार्टफोन में खो जाते हैं और इसके लती हो जाती हैं।

#9. रेडिएशन का खतरा

स्मार्टफोन से रेडियो किरने निकलती हैं जिनसे कैंसर जैसी बीमारी होने का डर लगा रहता हैं।

#10. आंखों पर प्रभाव

आंखों पर प्रभाव

चित्र स्रोत: Welcome to Flickr!

स्मार्टफोन और अन्य गैजेट का दुष्प्रभाव सबसे पहले बच्चों की आंखों में दिखता हैं क्योंकि वे स्क्रीन को घंटो तक अपलक देखते रहते हैं, इसे कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम भी कह सकते हैं। यदि आप अपने बच्चों की आंखों की भलाई चाहती हैं तो उन्हें एक बार में 30 मिनट से ज्यादा स्क्रीन ना देखने दे।

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