हमारा समाज विकसित हो रहा है और साथ में मनुष्य की आपराधिक भावना भी। मानव को पिछले युग में कई बदलाव देखने को मिले। कुछ समय पहले आपराधिक दिमाग वाले लोग समाज की वस्तुओं को निशाना बनाते थे। लेकिन हाल के वर्षों में यह नागरिकों को यहां तक की छोटे बच्चों और शिशुओं को भी शिकार बनाने लगे हैं। ये वो लोग होते हैं जो अपने यौन आकर्षण के लिए बच्चों का गलत इस्तेमाल करते हैं, विशेषकर कम उम्र के बच्चे। क्योंकि बच्चे कमजोर व नासमझ होते हैं और दूसरों से जल्दी घुल मिल जाते हैं व दूसरों पर जल्दी विश्वास भी कर लेते हैं। यह बड़े दुख की बात हैं कि ज्यादातर अपराधी घर में से ही या आस-पड़ोस या जान पहचान वाले ही होते हैं। कई बार बच्चों को स्कूल ले जाने वाले ट्रांसपोर्ट के लोग भी ऐसे अपराध कर लेते हैं।
इस सबका मुख्य कारण बच्चों में जागरूकता की कमी होती हैं। माता-पिता अपने बच्चों को खाना-पीना, कपडे पहनना, बड़ों का सम्मान करना इत्यादि सब सिखाते हैं। परंतु बच्चों को अच्छा व बुरा स्पर्श के बारे में बताना ना तो जरूरी समझते और ना ही सही से समझाते हैं बल्कि संकोच करते हैं।
जी हां, बदलते जमाने के साथ हमें अपने छोटे बच्चों को यह समझाना जरूरी हो गया है कि वह अपनी सुरक्षा को लेकर सावधान रहें क्योंकि बच्चे बहुत मासूम व भोले होते हैं। उन्हें नहीं पता होता कि उन्हें किस तरह से छुआ जा रहा है। बच्चे उनके गंदे इरादों को समझ नहीं पाते। इसलिए इसमें माता-पिता की जिम्मेदारी बनती है कि जब उनके बच्चे 4 साल के हो जाए तो वह उन्हें अच्छे व बुरे स्पर्श के बारे में अच्छे से समझाएं ताकि वे अपनी सुरक्षा खुद कर सके। छोटे बच्चों को यह सब समझाना मुश्किल कार्य है पर नामुमकिन नहीं।
आइए हम आपको बताएँगे बच्चों को अच्छे व बुरे स्पर्श के बारे में बताने के कुछ सुझाव।
इसे भी पढ़ें: सयुंक्त व एकल परिवार में बच्चों के रहने के फायदे व नुकसान
हम अपने बच्चों को नहाते वक्त ये समझा सकते हैं कि हमारे शरीर में कुछ अंग ऐसे होते हैं जो सब को दिखते हैं परंतु कुछ अंग ऐसे होते हैं जिन्हें सिर्फ और सिर्फ हम देख या छू सकते हैं। उन्हें हम प्राइवेट पार्ट्स कहते हैं। हमारे ये अंग न तो कोई देख सकता है और न ही छू सकता है और ना ही हम किसी और के अंग देख या छू सकते हैं। अगर कोई हमारे इन अंगों को छूता हैं तो हमें जोर-जोर से चिल्लाना चाहिए और दौड़ कर अपने माता-पिता के पास जाकर उन्हें बताना चाहिए।
आजकल की टेक्नोलॉजी के जमाने में इंटरनेट भी एक अच्छा साधन है बच्चों को समझाने का। बच्चों के पास बैठ कर उन्हें ऐसी वीडियो दिखानी चाहिए ताकि बच्चे अच्छे से समझ सके। इसके लिए आप ग्राफ़िक्स चित्र या किताबो में छपी चित्रों का सहारा भी ले सकती हैं|
बच्चों को 4 साल की ही उम्र में यह समझाना शुरू कर देना चाहिए कि बच्चों को किस पर पूर्णतया विश्वास करना चाहिए और किस पर नहीं। उन्हें ये भी ज़रूर बताए कि किसी अनजान व्यक्ति के साथ ना तो अकेले कहीं जाए और ना ही उसका कुछ दिया हुआ खाएं।
यह बहुत जरूरी है कि आप अपने बच्चों से खुलकर बातें करें| ज्यादातर माता-पिता इस विषय में बात करने से झिझकते हैं और समझते हैं कि अभी तो बच्चे छोटे हैं, जब बड़े होंगे तो अपने आप सीख लेंगे। परंतु आजकल यह जरूरी हो गया हैं कि आप अपने बच्चों को यह सब अच्छे से समझाए। कोई उदाहरण देकर या कोई वीडियो दिखाकर।
बच्चों को अपने पास बैठा कर प्यार से पूरे दिन की जानकारी लें और बच्चे को कभी भी यह महसूस ना होने दें कि अगर वह आपको कोई बात बताएंगे तो उन्हें मार या डांट पड़ेगी। अगर उनके साथ कुछ गलत हो रहा है तो उन्हें यह भरोसा दिलाए की आप उसके साथ है। इससे आपका बच्चा हर छोटी-बड़ी बात आपसे शेयर भी करेगा और विश्वास भी।
इसे भी पढ़ें: छुट्टियों में बच्चो को घर पर ही कैसे व्यस्त रखे?
अक्सर परिवार वाले या माता-पिता बच्चों को चूमने या गोद लेने पर इतना ध्यान नहीं देते। लेकिन आज यह जरूरी हो गया है के आप अपने बच्चों को बताएं कि यदि कोई आप को जबरदस्ती गोद में बिठाता है या होठों को चुमता है तो तुरंत इंकार कर दें। और अपने माता-पिता को बुलाएं और उस इंसान से दूर हट जाए।
सबसे जरूरी है कि आप अपने बच्चों का भरोसा जीते। बहुत बार बच्चे ये समझ लेते हैं कि वो खुद गलत हैं व गलत हरकत करने वाला व्यक्ति ठीक| उन्हें समझाए कि कोन सही हैं व कोन गलत| उन्हें यह एहसास कराए कि आप उनके साथ हैं ताकि वह आपसे कुछ भी ना छुपाए बल्कि दिन भर में होने वाली अच्छी बुरी सारी बातें आपसे साँझा करें|
इसे भी पढ़ें: बच्चों में दिमागी शक्ति बढ़ाने के 10 मुख्य आहार
यह एक बहुत ही संवेदनशील मामला है। परंतु जरूरी यह हैं कि आप पूरे धैर्य व प्यार के साथ अपने बच्चों को अच्छे व बुरे स्पर्श के बारे में बताए और इसके लिए जरुरी हैं कि आप अपने बच्चों के बेहतरीन दोस्त भी बने। ताकि आपके बच्चे आपसे सब बातें खुलकर साँझा करें। उम्मीद करते हैं आप को दी गई जानकारी पर आप जरूर गोर करेंगे और इस पर अमल भी करेंगें|
क्या आप एक माँ के रूप में अन्य माताओं से शब्दों या तस्वीरों के माध्यम से अपने अनुभव बांटना चाहती हैं? अगर हाँ, तो माताओं के संयुक्त संगठन का हिस्सा बने| यहाँ क्लिक करें और हम आपसे संपर्क करेंगे|
null