आपने हमेशा सुना ही होगा की “रोकथाम इलाज से बेहतर है “, यह बिलकुल जरूरी है क्योंकि जब बीमारी और बच्चे की बात आती हैं तो हम कोई भी लापरवाही नहीं बरतना चाहेंगे। बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली कितनी ही मजबूत क्यो न हो पर टिकाकरण (Tikakaran) बच्चो के लिए बहुत जरूरी है। ऐसी कई बीमारियां हैं जिनको रोकने के लिए बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली पर्याप्त नहीं होती है जैसे की संक्रमण रोग। टीकाकरण बच्चो को संक्रामक रोगों से बचाने का सबसे प्रभावशाली तरीका है। आइयें जानें कौन से टीके बच्चे (Vaccinations for Indian Babies) को अवश्य लगवाने चाहिए और भारतीय बच्चों के लिए टीकाकरण चार्ट (Vaccination Chart for Indian Babies in Hindi)।
अपने बच्चे को टीकाकरण चार्ट (Immunization Chart) के अनुसार टीके लगवाना काफी महत्वपूर्ण है। टीकाकरण के जरिये आपके बच्चे के शरीर का सामना इन्फेक्शन (संक्रमण) से कराया जाता है, ताकि शरीर उसके प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर सके। इसलिए अपने बच्चे को टीकाकरण लगवाना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन बीमारियों को रोकने में मदद भी करेगा और साथ में यह सुनिश्चित भी करता हैं कि आपका बच्चा स्वस्थ और बीमारी मुक्त रहेगा। यह आप के बच्चे के चारो तरफ एक सुरक्षा कवच बना देता हैं।
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यहाँ कुछ महत्वपूर्ण टीके हैं जो आपके बाल रोग विशेषज्ञ सलाह देते हैं और आपको यह जरूर देखना चाहिए कि बच्चे को समय पर टीकाकरण दिया जा रहा है या नहीं:
यह टीका बच्चे को टीबी के हानिकारक प्रभावों के खिलाफ लड़ने में सहायता प्रदान करता है। जिसे ट्यूबरकुलस मेनिंगजाइटिस कहा जाता है। बीसीजी का टिक्का बच्चे के जन्म और इसके 15 दिनों तक दिया जा सकता है। बच्चों को दी गई बीसीजी टीका की खुराक 1 मिलीलीटर में 0.1 मिलीग्राम होती है।
यह टीका बच्चे को पोलियो होने से रोकता हैं जो लकवे का कारण बनती है। भारत सरकार ने एक पल्स पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम (immunization schedule) शुरू किया हैं जिससे हर बच्चे को इस टीके की खुराक समय पर मिलती रहे। इसके तहत पांच साल तक के सभी बच्चों को साल में दो बार टीका लगाया जाता हैं। हाल ही में सरकार ने पोलियो के बुरे प्रभाव को रोकने के लिए निष्क्रिय पोलियो टीका (आईपीवी) भी शुरू किया हैं। इसके लिए 4 खुराक बनाए गए हैं जो इस प्रकार हैं:
हेपेटाइटिस बी एक ऐसी बीमारी हैं जो लिवर पर प्रभाव डालती हैं और बच्चे के लिवर को बुरी तरह क्षतीग्रस्त कर देती हैं। इसलिए अपने बच्चे को टीकाकरण और इस बीमारी से बचाना महत्वपूर्ण हैं। इस टीके के लिए तीन खुराक की आवश्यकता होती हैं:
पहली खुराक: जन्म के 1-2 दिन के अन्दर
दूसरी खुराक: पहला महीने के अन्दर
तीसरी खुराक: 6 महीने
यह टीका डिप्थीरिया, टिटेनस और काली खांसी जैसे रोगों के खिलाफ बच्चे को शक्ति प्रदान करता हैं। यह बच्चे को 1.5 महीने, 2.5 महीने और 3.5 महीने की उम्र में दिया जाता है। जब बच्चे 1.5 वर्ष के होते हैं, तो उन्हें डीपीटी वैक्सीन की दूसरी खुराक दी जाती है। 5 साल की उम्र तक पहुंचने पर, बच्चों को डबल डीटी टीका की खुराक दी जाती है। जिसमें डिप्थीरिया और टिटेनस को रोकने के लिए जीवाणु होते हैं।
डीटीपी बहुत ही पुराना टीका हैं जो उपरोक्त बीमारियों से बच्चे को बचाने में मदद करता हैं और आजकल डीटीएपी एक नया और सुरक्षित टीका हैं जो कि एक दर्द रहित टीका भी हैं।
हैमोफिलस इन्फ्लुएंजा वायरस मस्तिष्क, त्वचा और गले में जीवाणु संक्रमण का कारण हैं| यह टीका इससे बच्चो को लड़ने के लिए शक्ति प्रदान करता है। इसे बच्चे को दुसरे महीने और चोथे महीने में दिया जाता हैं, इसके बाद 15 महीने की उम्र में बूस्टर खुराक दी जाती है।
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रोटावायरस छोटे बच्चों में दस्त और निर्जलीकरण का कारण बनता है। यह टीका छोटे बच्चो को 2 से 3 महीने की आयु के बीच दिया जाता हैं जिससे उन्हे इस बीमारी से बचने में मदद मिलती हैं। यह टीका इंजेक्शन के माध्यम से नही बल्कि इसकी दवाई पिलाई जाती हैं| रोटावायरस को बच्चे के विभिन्न आयु में तीन बार करके दिया जाता है जैसे कि:
एमएमआर का टीका शिशु को खसरा, टोंसिल्स और रूबेला से बचाने के लिए दिया जाता हैं। यह दो खुराक में दिया जाता हैं। पहली खुराक जब शिशु नौ महीने के होते हैं तब दी जाती हैं और दूसरी 12-15 महीने की उम्र में।
यह टीका बच्चों को चिकनपॉक्स के वायरल संक्रमण से बचाता है। इस टीके को शिशु को दो खुराक में दिया जाता है। पहली खुराक बच्चे को 12-से-15 महीने के दौरान दी जाती हैं और दूसरी 4-से-5 साल के बीच में।
हैपेटाइटिस ए टीका हेपेटाइटिस ए वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए दिया जाता है। हेपेटाइटिस ए लिवर की घातक बीमारी हैं और यह जीवन को खतरे में डाल सकती हैं। यह टीका बच्चों के लिए दो खुराक के रूप में दी जाती है। पहली खुराक 12-23 महीने की आयु के बीच दी जाती हैं और दूसरी खुराक 6-10 महीने के बाद दी जाती हैं।
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यह निमोनिया के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। यह एक न्यूमोकोकल और संयुग्म टीका हैं जो शिशुओं और छोटे बच्चों को निमोनिया से बचाता हैं जो जीवाणु स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया के कारण होती हैं। इसकी खुराक को 4 खुराको में बाँट कर दी जाती हैं:
बच्चों को जन्म के समय से लकर लगभग पांच साल तक कुछ टीके देने बहुत ही जरूरी होते हैं। इन टीकों का एक समय भी निश्चित है जिसे आप नीचे दिए गए वैक्सीनेशन चार्ट (Vaccination Chart) या टीकाकरण तालिका (Immunisation Chart) से जान सकते हैं। इस विषय में अधिक जानकारी के लिए राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के पृष्ठ पर जाना भी ना भूलेंः भारतीय टीकाकरण अभियान (Indian Vaccination Chart 2019)
बच्चे के स्वास्थ्य देखभाल के लिए ये टीके काफी फायदेमंद है क्योंकि ये बच्चो को शक्ति प्रदान करते हैं ताकि ये घातक और जानलेवा बीमारियो से लड़ सके और बच्चो को ये जानलेवा बीमारी छु भी ना सके।
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