आपने कई बच्चों को अंगूठा चूसते देखा होगा। 3 से 6 महीने की उम्र में बच्चों में अक्सर अंगूठा चूसने की शुरुआत देखी गई है। पर कई बार बच्चों के साथ यह आदत उम्र बढ़ने के साथ भी बनी रहती है। 4 साल तक अंगूठा चूसने की आदत को सामान्य माना जाता है पर कई बार बच्चे इसके बाद भी इस लत को छोड़ते नही हैं जो कि एक बीमारी का रुप ले लेती है और इससे निजात पाना मुश्किल हो जाता है।
कई बार मां बाप पर भी बच्चों को डांटकर इस आदत को छुड़ाने की कोशिश करते हैं जो कि बच्चे के लिए इस आदत को बढ़ावा देने का ही काम करती है। इसलिए बच्चों को प्यार से इस आदत को छुड़वाने की कोशिश करनी चाहिए। आइए विस्तार से जानते हैं बच्चों के अंगूठा चूसने के क्या कारण होते हैं। बच्चों को इसके कारण क्या-क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं और बच्चों में होने वाली इस आदत को कैसे छुडवा (Angutha Chusna Chodne ke Upay) सकते हैं।
यदि आपका बच्चा भी अंगूठा चूसता है तो आपको उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, बल्कि इन बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।
#1. कई बच्चे अंगूठा चूसने से शांत होते हैं। दरअसल जब बच्चा अंगूठा चूसता है तो उसके अंगूठे में एंडोफिन्स नाम के द्रव का निर्माण होता है, जिससे उसका दिमाग शांत रहता है और उसे अच्छी नींद भी आती है। कुछ समय बाद बच्चे को इसकी लत लग जाती है।
#2. कई बार जब बच्चे को भूख लगती है तो वह आपसे कह नहीं पाता है और अपने हाथ पैर मारने लगता है जिसके कारण उसका अंगूठा चूसने की आदत पड़ जाती है क्योंकि जब वह अंगूठा चूसता है तो उसे ऐसा लगता है कि वह स्तन को चूस रहा है, इस कारण उसे आराम मिलता है।
#3. यह आदत उन बच्चों में भी देखने को मिलती है जो बोतल में दूध पीते हैं और जब उनका दूध जल्दी खत्म हो जाता हैं और उनका पेट नहीं भरता है तो उन्हें यह आदत लग जाती है।
#4. जब बच्चों के दांत निकलते हैं तो उनके जबड़े में खारिश होने लगती है जिससे अंगूठा चूसने पर उन्हें जबड़े पर दबाव महसूस होता है और अच्छा लगता है। जिसके कारण उन्हें अंगूठा चूसने की लत लग जाती है।
#5. कई बच्चों को यह आदत देर से लगती है इसका कारण होता है अनिद्रा की समस्या होने के कारण तनाव महसूस करना, असुरक्षित महसूस करना। इनसे राहत पाने के लिए बच्चा बैचेनी में अंगूठा चूसने लगता है।
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अधिकतर बच्चे अंगूठा चूसने से 4 साल की उम्र तक निजात पा लेते हैं। इस उम्र तक इस आदत का कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होता लेकिन जैसे ही स्थाई दातों का निकलना शुरू होता है तब कई तरह कि समस्याएं हो सकती हैं, जैसे:
#1. इसके कारण बच्चों के आगे के दांत टेढ़े मेढ़े आते हैं या ऊपर होने लगते हैं जिसके कारण बच्चे अच्छे नहीं लगते।
#2. इससे दांतों के बीच में रिक्त स्थान आ जाता है जिससे बच्चों को साफ बोलने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
#3. अगर अंगूठे की अच्छे से सफाई न की जाए तो इससे संक्रमण होने का खतरा भी रहता हैं।
#4. अंगूठा चूसने के कारण बच्चों के शारीरिक विकास पर भी असर पड़ता है।
#5. ज्यादा अंगूठा चूसने से बच्चे का अंगूठा भी पतला हो जाता हैं।
सामान्यतया जब बच्चे को भूख लती हैं तो वो अंगूठा चूसता हैं। इसलिये बच्चे के खाने में ज्यादा अंतराल न रखे व समय-समय पर उसे कुछ हल्का फुल्का खाने को देते रहे।
बच्चे के अंगूठे पर बैंडऐड या पट्टी बांध दे, जिससे उसको याद भी रहे।
आप बच्चे के अंगूठे पर नीम की पत्तियों का रस या एलोवेरा जेल लगा सकती हैं। चूँकि यह स्वाद में कडवी होती हैं व स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक नही हैं, जिससे बच्चा धीरे-धीरे ये आदत छोड़ देगा।
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जब बच्चा तनाव में होता हैं या असुरक्षित महसूस करता हैं तो वो अंगूठा चूसता हैं। इसलिये सबसे महत्तवपूर्ण हैं की उसको डांटने की बजाये प्यार से समझाए।
अंगूठा चूसने से क्या-क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं, ये सब बच्चो को बताये व उससे उसको कितना नुकसान हो सकता हैं यह भी उसे बताये। बच्चे को समझाएं कि यह गलत आदत होती है और इसके नुकसान क्या क्या हो सकते हैं।
एक माँ के लिए अपने बच्चे को अंगूठा चूसते हुए देखना बहुत तकलीफदेह होता हैं लेकिन सबसे ज्यादा इसपर निर्भर करता हैं कि आप उस समय उसको डांटने की बजाये अगर समझदारी से काम लेगी तो आपका बच्चा भी समझ जायेगा व उसकी लत भी आसानी से छूट जाएगी।
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