छोटे बच्चों में बीमारी का खतरा ज्यादा होता है क्योंकि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली का विकास उनकी उम्र में इतना नहीं हो पाता है। इन बीमारियों में सबसे ज्यादा चिंता देने वाली बीमारी है दस्त की बीमारी जिससे बच्चों में पानी की कमी हो सकती है। आइयें आज हम जानते हैं कि बच्चों को दस्त होने पर क्या नहीं खिलाना चाहिए?
हर बच्चे के मल करने का तरीका अलग होता है। कुछ बच्चे 1 दिन में एक या दो बारी मल करते हैं तो कुछ बच्चे कई दिन बाद मल करते हैं। यह स्तनपान करने वाले बच्चों में एक आम बात है जिसमें वे 5 दिन तक मल नहीं करते या फिर एक दिन में ही कई बारी कर देते हैं।
फॉर्मूला दूध पीने वाले बच्चे भी शुरुआत में 1 दिन में काफी बार मल करते हैं और फिर धीरे-धीरे यह कम हो जाता है। जो बच्चे एकदम से ही ज्यादा मल करने लगे और उनके मल में ज्यादा पानी हो तो हो सकता है कि उन्हें दस्त लग गए हैं।
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आइयें अब जानते हैं कि बच्चों को दस्त होने पर क्या नहीं खिलाना चाहिए (Bachhon Ko Dast Hone Par Kya Nahi Khilana Chaiye) :
जब आपके बच्चों को दस्त लगे हुए हो तब उस समय आप अपने बच्चों को दुग्ध उत्पाद जैसे दूध, मिल्क शेक, पनीर, मक्खन और चीज जैसी चीजों का सेवन ना करवाएं जो उनमें गैस पैदा करें। ऐसी अवस्था में आप उन्हें सिर्फ दही ही दें क्योंकि दही में ऐसे स्वास्थ्यवर्धक बैक्टीरिया होते हैं जो आपके बच्चे के विकास में सहायक होते हैं। हालांकि फिर भी आप अपने बच्चों को दही देने से पहले अपने डाक्टर से अवश्य पूछ लें।
आप अपने बच्चों को दस्त होने पर फैटी फूड जैसे कि चिप्स, फ्राइज परांठा और पूरी आदि ऐसे भोजन ना दे। ऐसी स्थिति में आप अपने बच्चों का आहार बिल्कुल सादा और हल्का रखें जब तक आपके बच्चे के दस्त बिल्कुल ठीक ना हो जाए।
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दस्त होने पर आप अपने बच्चों को ज्यादा मीठे आहार जैसे कि मिठाई, पेस्ट्रीज, मीठे बिस्कुट और कैंडिस देने से बचे क्योंकि ऐसे आहार दस्त की समस्या को और ज्यादा बिगाड़ देते हैं और आपका बच्चा लंबे समय तक बीमार रह सकता है। छोटे बच्चों के आहार में चीनी की ज्यादा मात्रा दस्त की संभावना को ज्यादा बढ़ा देती है।
बच्चों में दस्त होने पर ज्यादा फाइबर वाली सब्जियां जैसे मटर, ब्रोकली, बंद गोभी, फूल गोभी, हरी पत्तेदार सब्जियां और मक्का नहीं देना चाहिए क्योंकि यह सब्जियां बच्चों के पेट में गैस पैदा करती हैं और यह सब दस्त को बढ़ाने के संकेत होते हैं।
अगर आप अपने बच्चों को अधिक रचे युक्त वाले अनाज दे रही हैं तो आप इसमें थोड़ा ब्रेक दे क्योंकि अगर आपके बच्चे के दस्त हो गए हैं तो आप उन्हें ऐसे अनाज जैसे ओट्स, फ्लेक्स सीड्स और राजमा इत्यादि अनाज ना दे क्योंकि यह ऐसी स्थिति में आपके बच्चे पर बुरा असर डालते है।
जब आपका बच्चा दस्त से पीड़ित हो अब आप उसे साइट्रस फलों जैसे कि संतरा, नींबू और अंगूर देने से बचें। उसे आप ऐसे फल देने से भी बचे जो खट्टे हो जैसे आम, अन्नानास और अंगूर क्योंकि इन सभी फलों में फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है जो कि दस्त की अवस्था में सही नहीं बैठता है। ऐसी स्थिति में आप अपने बच्चों को केला और सेब दे।
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दस्त होने पर आप अपने बच्चों को जूस ना दे खासकर सेब का जूस या फिर सभी फलों का मिश्रित जूस। और तो और आप इस स्थिति में नींबू रस को देने से भी परहेज करें। इस समय आप बच्चों को एप्पल सॉस दे सकती है क्योंकि यह इसमें लाभदायक होती है।
आप बच्चों को सभी प्रकार के मेवे जैसे कि काजू, बादाम, किशमिश और खजूर देने से बचे क्योंकि इनमें कैलोरीस और चीनी काफी मात्रा में होती है जो कि आपके बच्चे के लिए दस्त में बिल्कुल सही नहीं होती है।
यदि आपका बच्चा थोड़ा सा बड़ा हो गया है और वह घर का बना हुआ भारतीय खाना खाने लगा है और यदि वह खाने में तेज मसाले खाता है और वह दस्त से भी पीड़ित है तो उसे आप ऐसा भोजन ना दे। आप उसके लिए अलग से हल्का और बिना घी और बिना मसाले वाला भोजन बना कर दे क्योंकि तेज मसाले वाला भोजन उसके पेट का तंत्र और ज्यादा खराब कर देगा।
सूखे आलू बुखारे या आलू बुखारे खाने से बच्चों में दस्त हो सकते हैं। इसलिए जितना हो सके, आप अपने बच्चे को आलू बुखारों से दूर रखें, खासकर के जब उसे दस्त हो।
इस समय आप अपने बच्चे को चाय या कॉफ़ी भी पीने को ना दे क्योंकि इनमे मौजूद कैफीन दस्त की समस्या को और ज्यादा बढ़ा देता है।
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