जब एक बच्चा जन्म लेता है तो उस घर में चारों तरफ खुशियां ही खुशियां होती है और एक परिवार भी पूरा हो जाता है। माता-पिता के साथ-साथ परिवार के अन्य लोग भी नाम रखने की होड़ में शामिल हो जाते हैं और तो और शुरुआत में बच्चों को सभी अपनी-अपनी पसंद के नाम से पुकारने लगते हैं। कई बार इनमें से कोई नाम धीरे-धीरे बच्चों के साथ पूरी जिंदगी के लिए जुड़ जाता है।
बच्चों का नामकरण करना माता-पिता के लिए सबसे मुश्किल काम होता है क्योंकि बच्चा पूरी जिंदगी उसी नाम से पहचाना जायेगा। बच्चों का नाम उसके जीवन और उसके व्यक्तित्व को कुछ हद तक प्रभावित करता है। इसलिए उनका नाम रखते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है।
आपको अपने बच्चों के नाम ऐसे नहीं रखने चाहिए जिससे कि बाद में वे मजाक का पात्र बने या फिर नाम कठिन होने से उसका उच्चारण करते समय लोग नाम बिगाड़ दे। बच्चों का नाम हमेशा अच्छा, सरल और ऐसा हो जो जीवन भर उन्हें प्रेरणा देता रहे और वे अपने नाम को सार्थक कर सकें। इसलिए आपको अपने बच्चों का नाम रखते समय कुछ बातों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए।
हमें अपने बच्चों के नाम हमेशा सोच समझ कर सकारात्मकता और प्रेरणा से भरे नाम ही रखने चाहिए। तो आइए जानते हैं ऐसी 12 गलतियां जो बच्चों के नाम रखते समय हमें बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए, जो कि इस प्रकार हैं:
आप जब भी अपने बच्चों का नाम रखे तो हमेशा यह बात याद रखे कि उसका नाम किसी खास स्थान या शहर के नाम से संबंधित ना हो क्योंकि कुछ लोग अपने बच्चों का नाम कुछ खास जगह के नाम पर रख देते हैं और फिर बाद में माता-पिता और बच्चे दोनों को समस्या होने लगती है। इसलिए आप अपने बच्चों का नाम जगहों इत्यादि के नाम से मेल खाने वालो से बचें।
कई बार माता-पिता अपने बच्चों का नाम विशिष्ट रखने के चक्कर में इतना कठिन रख देते हैं कि उस नाम का उच्चारण करते करते लोग नाम को ही बिगाड़ देते हैं। इसलिए बच्चों के नाम ऐसे रखे कि उसे बोलने में कोई परेशानी ना हो बल्कि नाम आसानी से और सही लिया जाए।
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आपको अपने बच्चों का नाम ऐसा रखना चाहिए जिनका कोई शाब्दिक अर्थ हो लेकिन आप बच्चों का अलग नाम रखने के चक्कर में ऐसा नाम ना रखें जिसका अर्थ बहुत ही अजीब सा या बुरा हो।
अटपटा सा अर्थ होने की वजह से कई बार बच्चे अपने दोस्तों के बीच में या कहीं और हास्य का पात्र बन जाते हैं। इसलिए आप हमेशा अपने बच्चों का नाम ऐसा अर्थ पूर्ण रखें जिससे उस पर अपने नाम का सकारात्मक प्रभाव पड़े।
लाड़ दुलार में कई बार माता-पिता अपने बच्चों का नाम ऐसे रख देते हैं कि जिसका खामियाजा बच्चों को सब जगह और सारी उम्र भुगतना पड़ता है। जैसे सूरज, चांद आदि। हालांकि पुराने जमाने में यह नाम रखे जाते थे परंतु बदलते जमाने के साथ ऐसे नामों का केवल मजाक ही उड़ाया जाता है।
यह सभी जानते हैं कि कोई भी अपने बच्चों के नाम रावण, लंकेश, मंथरा, द्रोपदी, दुर्योधन, पंचाली आदि नहीं रखता लेकिन इसके अलावा आपको अपने बच्चों के नाम किसी देवता के नाम पर भी नहीं रखना चाहिए। जैसे कि शिव, विष्णु, ईश्वर, महादेव, गणेश, हरि ओम आदि क्योंकि इस तरह के नाम लोगों की धार्मिक आस्था से जुड़े होते हैं।
इसलिए अगर आप अनजाने में किसी भी अच्छी या बुरी प्रवृत्ति के लिए उसको कहते हैं तो आप ईश्वरीय शक्ति के प्रति अपनी गहरी आस्था निष्ठा खोने की दोषी बन जाते हैं। इसलिए अपने बच्चों के नाम देवी देवताओं के नाम पर रखने से भी बचें।
लोगों में यह धारणा होती है कि अगर हम अपने बच्चों का नाम किसी महापुरुष या फिर किसी ख्याति प्राप्त व्यक्ति के नाम पर रखते हैं तो वह भी बड़ा होकर वैसा ही महान और बड़ा बनेगा जो कि गलत है। जबकि हकीकत यह है कि व्यक्ति प्रयास करके और अपने कर्मों से ही आगे बढ़ता है और बड़ा इंसान बनता है।
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कई बार ऐसा होता है कि आपको अपने घर के कोई बुजुर्ग बहुत पसंद है और आप चाहते हो कि अपने बच्चे का नाम उन्हीं के नाम पर रखा जाए तो इसमें कोई समस्या नहीं है और आपकी भावनाएं भी सही है परंतु अगर उनका नाम बहुत पुराने टाइप का हो तो समस्या वहां आकर खड़ी हो जाती है क्योंकि बदलते जमाने के साथ नाम भी बदल जाते हैं।
जैसे अगर पुराने जमाने में तुलसीदास, मोहनलाल नाम प्रसिद्ध थे लेकिन फिर कमल, दीपक, संजय जैसे नामों का जमाना आ गया परंतु आजकल इनसे भी हटकर आधुनिक नाम आ गए हैं जैसे गर्वित, ध्रुव, युवराज आदि।
इसलिए आप इस बात को ध्यान रखें कि अगर आपके बुजुर्गों का नाम ज्यादा पुराना ना होकर थोड़ा ठीक है तो ही आप अपने बच्चों का नाम उनके नाम पर रख सकते हैं अन्यथा नहीं।
आपको अपने बच्चे का नाम अच्छे और सरल रखने के साथ छोटे भी रखने चाहिए। बच्चों का नाम सिर्फ दो या तीन शब्दों का होना चाहिए। बच्चों का नाम ज्यादा लंबा ना हो। छोटा नाम सभी आसानी से ले सकते हैं और छोटे नाम बड़े प्यारे भी लगते हैं।
कुछ माता-पिता अपने बच्चों के नाम एक से ज्यादा यानी दो या तीन या इससे भी ज्यादा रख देते हैं जैसे घर का नाम अलग, बाहर का नाम अलग, जन्म का नाम अलग और राशि का नाम अलग। कई नाम होने से भी बच्चा कई बार परेशान हो जाता है और उसके भविष्य पर भी इसका असर पड़ता है।
मनोवैज्ञानिक दृष्टि से भी यह उचित नहीं है क्योंकि वह ऐसा सोचता है कि उसका एक नाम ऐसा हो जो घर और बाहर दोनों ही जगह प्रचलित हो। ऐसा माना जाता है कि राशि के अनुसार रखे नाम से बच्चों को बुलाने पर इसका उस पर अच्छा असर पड़ता है।
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माना जाता है कि नाम बच्चों के भविष्य पर अच्छा या बुरा असर डालते हैं। कई बार माता-पिता अपने बच्चों का नाम अलग रखने के लिए विदेशी नाम रखने लगते हैं और उसका अर्थ नहीं देखते।
ऐसा करने से आप अपने बच्चों का भविष्य बिगाड़ सकते हैं। आप नामकरण संस्कार करते वक्त बच्चों का नाम संस्कृत या फिर हिंदी शब्दों के अनुसार ही रखना चाहिए क्योंकि भाषा का नाम से गहरा संबंध होता है।
भाषा ही बच्चों को उनके धर्म, संस्कृति, देश और संस्कार से जोड़ कर रखती हैं। यदि आप अपनी भाषा को छोड़कर अपने बच्चों का नाम विदेशी भाषा में रखते हैं तो थोड़ा सोच-समझकर ही रखें।
हर बच्चे का नामकरण संस्कार शुभ मुहूर्त देखकर ही करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि बच्चे का नाम अगर उसकी राशि के अनुसार रखा जाए तो उसके जीवन पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
मनोवैज्ञानिक आधार पर बताया जाता है कि बच्चों को जिस नाम से पुकारा जाता है वह उसके गुणों की अनुभूति होती है। इसलिए बच्चों के नाम सोच समझ कर राशि के अनुसार रखा जा सकता है।
बच्चों का नामकरण करने के लिए पंडित या धर्म ग्रंथ का सहारा लेना चाहिए। उनका नाम इंटरनेट से नहीं बल्कि पूरी विधि विधान से निकालना चाहिए ताकि बच्चों का नाम सही और अच्छा निकले और बच्चों पर उसका अच्छा प्रभाव पड़े।
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