हल्दी के औषधीय गुणों के कारण दादी-नानी के नुस्खो में भी इसका अधिकतम उपयोग किया जाता हैं। यही गुण बच्चों को हल्दी वाले दूध के रूप में दिए जा सकते हैं। हल्दी वाले दूध को पिघला हुआ सोना भी कहा जाता हैं। हल्दी अपने औषधीय गुणों के कारण काफी गुणकारी होती हैं या यूं कहें कि हल्दी औषधीय गुणों की खान हैं। आइयें जानते हैं हल्दी के फायदे (Haldi ke Fayde)।
हल्दी में एंटीबैक्टीरियल, एंटिफंगल व एंटीवायरल गुण विशेष रूप से पाए जाते हैं। भारत के घरों में हल्दी वाला दूध (Haldi Wala Dhudh) पीने की बहुत प्राचीन परंपरा रही हैं। ऐसे तो हल्दी के अनेकों फायदे हैं परंतु यहां हम आपके लिए कुछ फायदे (Turmeric ke Fayde) बताने जा रहे हैं जो निम्न हैं:
ठंड लगकर बुखार आने पर एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी का पाउडर व एक चुटकी काली मिर्च के साथ अपने बच्चे को पिलाये। इससे बुखार शीघ्र ही उतर जाता हैं।
सूखा रोग लगने से बच्चा दिन-प्रतिदिन सूखता चला जाता हैं। अतः इस रोग से बचाव के लिए हल्दी की गांठ को चूने के पानी में लगातार 8 दिन डूबोकर रखने के बाद इसे निकाल कर फिर से ताज़े चूने के पानी में घुटाई करके छोटी-छोटी गोलियां बना लें। इसके बाद बच्चे को दिन में दो बार एक-एक गोली सुबह व शाम को दूध के साथ खिलाने से बच्चों की हड्डियों में मजबूती आएगी और सूखा रोग ठीक हो जाएगा।
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रोगी अगर होश में हैं तो हल्दी को दूध में मिलाकर पीड़ित को पिलाने से उसे अंदरूनी तौर पर काफी शक्ति मिलती हैं। साथ ही अंदरूनी तौर पर क्षतिग्रस्त हिस्से को शीघ्र ही भरने का काम करती हैं।
पथरी रोग से पीड़ित व्यक्ति या बच्चो को थोड़ा सा गुड़ और आधा चम्मच हल्दी को एक गिलास छाछ में मिलाकर प्रतिदिन देने से पथरी रोग में फायदा मिलता हैं।
स्वस्थ त्वचा के लिए हल्दी बहुत ही फायदेमंद हैं। इसको दूध के साथ सेवन करने से त्वचा की समस्याओं जैसे संक्रमण, मुहांसे आदि के बैक्टीरिया को धीरे-धीरे खत्म कर देती हैं। इससे आपके बच्चे की त्वचा साफ, स्वस्थ व चमकदार दिखाई देने लगती हैं।
एक गिलास गुनगुने दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर प्रतिदिन देने से टूटी हुई हड्डी जुड़ने की प्रक्रिया में तेजी आती हैं।
लीवर से संबंधित रोगों में हल्दी उपयोगी होती हैं। यह रक्तदोष को दूर करती हैं। हल्दी से ऐसे एंजाइम उत्पादित होते हैं जिससे लीवर से विषैले तत्त्वों को बाहर निकालने में मदद मिलती हैं।
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हल्दी का सेवन करने से आपकी पाचन क्रिया ठीक होती हैं और आपको गैस या एसिडिटी की समस्या नहीं होती हैं। इसके अलावा हल्दी और भी पेट से जुड़ी अन्य समस्याएं नहीं होने देती हैं। इसलिए आपको रोजाना भोजन में थोड़ी हल्दी मिलाकर बच्चों को देनी चाहिए।
हल्दी को गर्म पानी में डालकर उबालें और इस पानी का कुल्ला करें इससे आपके मुंह के छाले ठीक हो जाएंगे। यदि आपको अपनी आवाज में निखार व खुलापन लाना हैं तो आप रोजाना रात में सोते समय दूध में हल्दी डालकर पिए। इससे दबी आवाज भी खुलती हैं और शरीर भी मजबूत होता हैं।
अगर आपके बच्चे को चोट लग गई हो या किसी धारदार वस्तु से कही शरीर में कट लग गया हो तो आप हल्दी के साथ थोड़ी फिटकरी मिलाकर लगा दें। ऐसा करने से चोट या खून का बहाव रुक जाएगा और घाव जल्दी भर भी जाएगा क्योंकि हल्दी में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो बैक्टीरिया को पनपने नहीं देते हैं।
छोटे बच्चों के लिए हल्दी वाला दूध सांस संबंधी बीमारियों के इलाज में प्रभावी होता हैं और साथ ही सर्दी, खांसी, खराब गले में अत्यधिक लाभकारी होता हैं। इस कारण सर्दी में हल्दी वाला दूध गुणकारी माना जाता हैं।
नमक में थोड़ा सरसों का तेल मिलाकर अंगुली से प्रतिदिन मसूड़ों की मालिश करने से पायरिया, मुंह की बदबू और दांत के रोगों में बच्चे को बहुत फायदा मिलता हैं।
फूड पॉइजनिंग होने से, उल्टी, दस्त इत्यादि होने पर एक चम्मच हल्दी एक कप पानी में घोलकर रोजाना दो बार पीने से पेट के रोग ठीक हो जाते हैं। पुराने दस्त में एक चम्मच हल्दी को एक गिलास छाछ में घोलकर पीने से कुछ सप्ताह में फायदा हो जाता हैं।
हल्दी और मिश्री को पीसकर शहद में मिलाकर सेवन करने से ठंड से होने वाले छोटे-मोटे रोग ठीक हो जाते हैं। कच्ची हल्दी के रस का सेवन करने से पेट के कीड़े जल्दी नष्ट हो जाते हैं।
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हल्दी के साथ काली मुनक्का को मिलाकर लेने से गैस की समस्या, पेट में जलन, खट्टी डकारें, अम्लता से निजात मिलती हैं।
आधा चम्मच हल्दी व एक चम्मच पिसा हुआ आंवला मिलाकर गर्म पानी के साथ लेने से खून साफ होता हैं।
कच्ची हल्दी से बनी चाय अत्यधिक लाभकारी पेय पदार्थ हैं। इससे पाचन तंत्र मजबूत होता हैं।
हल्दी की कम मात्रा में सेवन करते हुए धीरे-धीरे मात्रा बढ़ाते जाएं और लंबे समय तक सेवन करते रहें। बाह्य व आंतरिक दोनों प्रकार से प्रयोग करने पर शीघ्र लाभ होता हैं। हृदय रोगी हल्दी का कम से कम सेवन करें। गर्भवती महिला हल्दी को दूध या पानी के साथ मिलाकर बिल्कुल सेवन ना करें।
चोट में या दर्द में हल्दी अधिक लाभ करती हैं। त्वचा पर कैसे भी निशान हो, काले-सफेद, फोड़े, फुंसी, चोट या मोच आई हो, चोट के कारण सूजन, रक्त जम गया हो, घाव हो, कांटा चुभ गया हो, जोड़ों का दर्द हो इत्यादि, इन सभी बीमारियों में हल्दी बहुत लाभदायक होती हैं।
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