ज्यादातर बच्चों के दांत 6 से 8 महीने में निकलने शुरू हो जाते हैं और कुछ बच्चे इसके बाद भी दांत निकालना शुरू करते हैं। इस दौरान बच्चों को बहुत सी परेशानी भी होती है। जिससे बच्चों के स्वभाव में भी परिवर्तन आता हैं। इस समय बच्चों के दांतों में दर्द (Bachho ke Daant mein Dard) होना सबसे सामान्य समस्या होती है।
दांत निकलने के समय कई बच्चों को उल्टी, दस्त, डायरिया जैसी समस्या हो जाती हैं। ऐसे में बच्चों को कभी बुखार नही होता है लेकिन जिन बच्चों का अधिक दर्द का अनुभव होता है उन्हें इस परेशानी के कारण बुखार हो सकता है। तो चलिए आज हम आपकी कई समस्याओं जैसे बच्चों के दांत में दर्द का इलाज, बच्चों के मसूडों में दर्द का इलाज व अन्य कई परेशानियां का उपाय जानने की कोशिश करते हैं।
जब शिशु दांत निकालने लगता है तो उसके मसूड़ों में बहुत दर्द होता हैं। साथ ही बच्चे की यदि इस समय अच्छे से देखभाल ना की जाए तो उसमे संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा रहता हैं जिसके कारण उनमे कमजोरी व स्वभाव में चिडचिडे होने का डर रहता हैं।
#1. जब भी बच्चे के दांत निकलने लगते हैं तो इसके कारण बच्चा काफी कमजोर हो जाता हैं।
#2. कई बच्चों को इस दौरान दस्त, उल्टी आदि लग जाते हैं और कुछ बच्चों को पेट दर्द व कब्ज की समस्या भी हो जाती हैं।
#3. इस समय बच्चों के मसूड़े भी सख्त हो जाते हैं।
#4. बच्चों के स्वभाव में भी परिवर्तन आते हैं जैसे बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं और अक्सर रोते हैं।
#5. बच्चों को इस समय मसूड़ों में खुजली, सूजन और दर्द का अनुभव होता है जिसके कारण उनकी आंखों में से पानी निकलता रहता हैं।
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यदि आप को ऐसा लग रहा है कि आपका बच्चा दांत निकालने वाला है तो आपको अपनी उंगली की मदद से बच्चों के मसूड़ों की मसाज करनी चाहिए। इसके लिए बस आपको अच्छे से अपनी उंगली को साफ करना है और बच्चों के मसूड़ों को अच्छे से 2 मिनट के लिए दबाना हैं। ऐसा करने से बच्चों को दांत निकलते समय होने वाले दर्द की समस्या से आराम पाने में मदद मिलती हैं। आप अपनी उंगली पर गिला मुलायम कपड़े को डालकर भी मसाज कर सकती हैं।
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बच्चों को इस समय अपने मुंह में कुछ ना कुछ डालकर चबाने का मन करता हैं। इसके लिए आप शिशु को टीथर लेकर दे सकती हैं। इसके कारण आपका बच्चा खेलने में मग्न रहेगा और साथ ही दांत निकलते समय होने वाली परेशानी का अनुभव भी नहीं होगा।
आप टीथर को फ्रिज में ना रखें लेकिन उसे बच्चों को देने से पहले कीटाणु मुक्त कर लें या ऐसी चीज चबाने को दे जिसे रोज बदल सके जैसे गिला नारियल का टुकड़ा।
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गाय के दूध में मोटी सौंफ को उबालकर दिन में तीन से चार बार पिलाने से दांत आसानी से निकलती हैं। मसूड़ों पर दिन में चार से पांच बार शहद लगाने से भी दांत आसानी से निकलते हैं।
पांच तुलसी के पत्तों का रस शहद में मिलाकर बच्चों के मसूड़े पर लगाने या उनको चटाने से दांत निकलते समय दर्द नहीं होता हैं।
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बच्चों को वंशलोचन और शहद मिलाकर चटाना चाहिए इससे दांत सुंदर निकलते हैं और दांतों का दर्द भी खत्म हो जाता हैं।
बच्चों के दांत निकलते समय होने वाले दर्द को कम करने के लिए दो चम्मच अंगूर का रस प्रतिदिन पिलाएं। आप अंगूर के रस में शहद मिलाकर भी पिला सकती हैं। इससे दांत स्वस्थ और मजबूत निकलते हैं।
दांत निकलते समय बच्चा काफी कमजोर हो जाता हैं इसलिए बच्चे के खान-पान का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए। बच्चों को ऐसे आहार देने चाहिए जिसमें कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन, विटामिन और मिनरल्स भरपूर मात्रा में हो। उन्हें खाने के लिए केला, सेब प्यूरी, संतरे का जूस, दाल का पानी और खिचड़ी आदि देनी चाहिए।
इसके कारण उनकी सेहत ठीक रहती हैं। ऐसे में बच्चों के साथ जबरदस्ती भी नहीं करनी चाहिए और थोड़े समय बाद कुछ ना कुछ उन्हें देते रहना चाहिए।
तो ये है कुछ बच्चों को दांत दर्द को दूर करने के घरेलू इलाज व उपाय हैं जो बच्चों के दांत निकलते समय होने वाली परेशानी से उन्हें बचा सकती हैं। साथ ही इसके कारण बच्चों के दांतों को आसानी से निकालने में मदद मिलती हैं। इसके अलावा आपको इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि आप बच्चों को जो भी चीज दे रही हैं वह साफ और कीटाणु-मुक्त हो जिसके कारण बच्चो में किसी प्रकार का इंफेक्शन ना हो।
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