बच्चों में अस्थमा होने के कारण व लक्षण

बच्चों में अस्थमा होने के कारण व लक्षण

बच्चों को होने वाली हर तरह की फेफड़ों की समस्या, संक्रमण, ज्यादा लंबी अवधि तक बनी रहने वाली खांसी आदि की समस्या में अस्थमा सबसे ज्यादा प्रचलित कारण है। इस बीमारी से सांस लेने में तकलीफ होना, सीने में जकड़न होना, सांस लेते समय घरघराहट जैसी आवाज होना, सांस लेते समय पसीना आना या बेचैनी होना, सिर भारी जैसा लगना आदि अस्थमा में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले लक्षण (Asthma ke Lakshan) होते हैं।

अगर आपका बच्चा भी लंबे समय से खांसी से परेशान है तो आप उसकी उसकी जांच करवाएं। अस्थमा से फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है इसलिए ऐसी दवाई लेनी चाहिए जो फेफड़े आसानी से खींच पाए। अस्थमा पीड़ित को इनहेलर दिया जाता है और यह उसके लिए उसकी जिंदगी समान होता है।

सभी में अस्थमा के लक्षण एक समान नहीं होते हैं व कई बार लक्षणों के उतार-चढ़ाव देखने को भी मिलते हैं। कई बार इसका अटैक भी आ सकता है। बचपन में इस बीमारी से फेफड़ो व वायुमार्ग में विकारो के कारण सूजन आ जाती है। यह बच्चों के लिए एक दैनिक परेशानी बन जाती है जिससे बच्चों को खेल, स्कूल, नींद आदि में दिक्कत का सामना करना पड़ता हैं।

बच्चों को अस्थमा और व्यस्को का अस्थमा एक जैसी बीमारी होती है परंतु बच्चों के लिए यह एक मुश्किल चुनौती का सामना करने के बराबर होती है। बच्चों में यह बीमारी ठीक नहीं की जा सकती हैं और उसके लक्षण व्यस्क होने तक रह जाते हैं। लेकिन सही उपचार के साथ आप अपने बच्चे में इसके लक्षणों को नियंत्रण में रख सकती हैं और फेफड़ों को नुकसान होने से भी बचा सकती हैं।

अस्थमा के मुख्य लक्षण (Asthma Symptoms in Hindi)

बचपन में अस्थमा के लक्षण इस प्रकार से होते हैं:

#1. लगातार खांसी का आना

#2. सांसों में कमी महसूस होना

#3. बच्चों का सांस लेने में घबराहट का महसूस होना

#4. जल्दी थकान महसूस होना

#5. सही से नींद ना आना

#6. सांस छोड़ते समय घरघराहट की आवाज आना

#7. विशेषकर छोटे बच्चों के सीने में दर्द होना

#8. इससे बच्चों की छाती भी जकड़ने लगती है

#9. लम्बे समय तक रहने वाली खांसी।

 

बच्चों में अस्थमा को बढ़ावा देने वाले कारण

बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यूनिटी बेहद कमजोर होती है। ऐसे में उन्हें संक्रमण व दूसरों से होने वाली बीमारी जल्दी लगती है। आइये जानते हैं कि बच्चों में अस्थमा क्यों फैलता है (Causes of Asthma in Hindi): 

#1. आनुवांशिक कारण

यह एक आनुवंशिकी बिमारी भी हैं। अगर आपके परिवार में किसी सदस्य को यह बीमारी है तो बच्चों में इसके होने की संभावना बढ़ जाती है।

#2. वायु प्रदुषण

आजकल शहरी क्षेत्र में बढ़ता वायु प्रदूषण भी इसका एक मुख्य कारण हैं। अगर आपके पास गंदगी, धुल-मिट्टी या वातावरण ख़राब रहता हैं तो यह भी इसका एक कारण हैं।

#3. तंबाकू का धुआं

अगर आपके परिवार में कोई धुम्रपान करता हैं तो इसकी चपेट में आने से भी बच्चो में यह बिमारी पनपने लगती हैं। इसलिये बच्चो को इनसे दूर रखे।

#4. एलर्जी वाला खाना

कई बार बच्चो को कुछ खानों से एलर्जी होती हैं जिससे बच्चो में अस्थमा हो सकता हैं। आपका इनका पहचानना आवश्यक हैं। ऐसे अम्लता वाले खाने से भी बचे।

#5. मोटापा या निमोनिया होने पर

पेट का फूलना या मोटापा भी इसका एक कारण हैं। इसलिये अपने बच्चे के व्यायाम पर पूरा ध्यान दे।

 

बच्चों में अस्थमा संबंधित कुछ सुझाव

#1. इनहेलर सदैव अपने पास रखें और सार्वजनिक रूप से इसका इस्तेमाल करने में शर्म महसूस ना करें।

#2. बच्चो के कमरे में एलर्जी वाले तत्त्वों को दूर करे और उनके कमरे की अच्छे से सफाई करे।

#3. जब बच्चे बैचेन हो तब उन्हें शांत करने का प्रयास करे।

#4. अपने बच्चे के आहार में हरी पत्तेदार सब्जियों का इस्तेमाल करे। इसके लिए आप गाजर या पालक का जूस दे सकती हैं।

#5. बच्चो को सांस से जुड़े योग करवाए।

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