अक्सर नवजात शिशु रात में हर 1 घंटे पर उठते हैं इससे आपकी नींद खराब होती हैं और सुबह जब आप उठती हैं तो आपको काफी थकान महसूस होती हैं क्योंकि इन दिनों में शिशु थोड़ी-थोड़ी देर में जागते और सोते हैं| कुछ बच्चे तो ऐसे होते हैं जो गोद में तो सोते हैं लेकिन बिस्तर पर लेटाते ही जाग जाते हैं| ऐसे में आप कुछ टिप्स फॉलो करके उन्हे रात में अच्छी नींद सुला सकती हैं| साथ ही आप अपने बच्चों को प्यार और स्नेह दें क्योंकि शिशु को ज्यादा प्यार और अपनापन की जरूरत होती हैं| ऐसे बच्चों का सुलाना एक बड़ा टास्क बन जाता हैं|
शिशु इन कारणों से भी रात को जाग सकते हैं:
जब आपका शिशु 1 महीने का या उससे कम का हो तो वह 24 घंटों में से 10 से 18 घंटे सोता हैं| उनका सोने जागने का चक्र उन्हीं के हिसाब से चलता हैं। ऐसे में शिशु का पेट इतना छोटा होता हैं कि उसमे माँ का दूध जल्दी पच जाता हैं। इसलिए उसे जल्दी ही भूख लग जाती हैं, ऐसे में शिशु को भूख के कारण नींद खुल जाती हैं। ऐसे में बच्चे को भूखा ना छोड़े व जितना जल्दी आप दूध पिलाएंगे उतनी जल्दी वह सोएगा| शिशु जब थोड़े बड़े हो जाते हैं तो उन्हें रात को खाना खिलाकर ही सुलाएं ताकि वह अच्छी नींद ले सके और आप भी सुकून के साथ सो सकें।
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चित्र स्रोत: BabyCenter
शिशु के रात में जगने का एक कारण यह भी हैं क्योंकि उसे गीले पर सोना बिलकुल अच्छा नहीं लगता हैं। ऐसे में जैसे ही उसकी नैप्पी गीली होती हैं वैसे ही वह रोने लगता हैं। ऐसे में आप उसकी नैप्पी बदल दें क्योंकि ज्यादा देर तक गीली नैप्पी के कारण उसे रैशेस और दाने की समस्या भी हो सकती हैं।
इस उम्र में जब बच्चे नींद से जागते हैं तब वह रोने लगते हैं, खासकर तब जब कमरे में बिल्कुल अंधेरा हो| ऐसे में आप अपने कमरे में एक नाईट बल्ब लगा दें। आप चाहे तो अपने कमरे में लाल बल्ब लगा सकती हैं। क्योंकि लाल रंग बच्चों को बहुत आकर्षित करता हैं। ऐसे में शिशु लाल रंग के बल्ब को देख कर चुप हो जाएगा।
बच्चों को तंग कपड़े ना पहनाए। सोने के दौरान उन्हें हल्के और ढीले कपड़े पहनाए। रात को नाइट सूट ही पहना कर सुलाएं।
बच्चे के सोने का रूटीन सेट कर दें कि वह दोपहर में कितनी देर सोएगा और रात में कितनी देर सोएगा। इससे उसकी आदत में उस समय नींद आना शामिल हो जाएगा।
बच्चों को जहां भी सुलाएं वहां का वातावरण शांत होना चाहिए। ज्यादा शोर शराबे में भी बच्चे सो नहीं पाते। इसलिये ध्यान रखे कि वहां का वातावरण सही होना चाहिए ताकि बच्चों की नींद में कोई खलल ना हो। बच्चों के लिए एक स्थान या एक कमरा निर्धारित कर लें और उसमें सबसे अच्छी जगह पर उनका बिस्तर लगाएं और उन्हें वही सुलाएं।
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रात में जब आपका शिशु जाग जाता हैं तो आप उसे सीने से लगाएं क्योंकि ऐसा करने से शिशु को आपके पास होने का एहसास होगा और वह सो जाएगा।
जब शिशु थोड़ा बड़ा हो जाए तो यह कोशिश करें कि वह शाम में ना सोए क्योंकि जो बच्चे शाम में सोएंगे उन्हें रात में नींद नहीं आएगी। हालांकि बच्चे शाम को सोना ज्यादा पसंद करते हैं इसलिए शाम में सोने देने से बचे। इसके लिए आप उनका ध्यान भटका सकती हैं और इधर उधर घूमा भी सकती हैं।
कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जिन्हें रात में नींद नहीं आती| वह चुपचाप अपना हाथ पैर पटक कर खेलते रहते हैं। जब वह खेलते-खेलते थक जाते हैं तब वह सो जाते हैं। ऐसे में यदि वह चुपचाप खेल रहा हैं तो उसे खेलने दे।
बच्चों को कंबल या चादर ओढ़ने दें और उनके सिर पर प्यार से हाथ फ़ेरे ताकि उन्हें ऐसा लगे कि आप उनके पास ही हैं।
बच्चे के कमरे को पूरी तरह से साफ़-सुथरा रखे| ध्यान रहे वह कोई धूल या मिट्टी न जमी हो| मच्छरों का भी ध्यान रखे|
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छोटे बच्चों को नाक साफ करके ही सुलाएं इससे उनकी नाक भी बंद नहीं होगी और ना ही उन्हें सांस लेने में दिक्कत होगी और उन्हें अच्छी नींद आएगी और आप को भी चैन मिलेगा।
चित्र स्रोत: Indian Spice
बच्चों को सुलाने से पहले उनकी हल्की मसाज कर दें। इससे उनको आराम भी मिलेगा और नींद भी अच्छी आएगी। बच्चों को हर समय हर जगह और हर माहौल में नींद नहीं आती हैं| अगर आप चाहती हैं कि आपका बच्चा आराम से सोएं और आपको भी सोने दे तो आप यह ऊपर बताए हुए तरीके अपनाए, आपको जरूर राहत मिलेगी।
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