वर्ष भर में कितने मौसम आते जाते रहते हैं और अपने साथ लाते हैं बीमारियां जैसे सर्दी में खांसी जुकाम, बरसात में खाज खुजली तो वही गर्मी में फोड़े-फुंसियां इत्यादि जो हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ हमारी त्वचा पर भी असर डालते हैं। गर्मियों के मौसम में चलने वाली गर्म हवाएं और उसके गरम-गरम थपेड़ों से इंसान की हालत खस्ता हो जाती है और इससे निकलने वाला पसीना फोड़े फुंसियां (Fode Punsi) होने का मुख्य कारण है। इस दौरान निकलने वाले पसीने में बहुत सारे बैक्टीरिया और जीवित विषाणु मौजूद होते हैं और यदि इन्हें साफ अच्छे से ना किया जाए तो यह हमारे शरीर के रोम छिद्रों में घुसकर फोड़े फुंसी का रुप ले लेते हैं।
इन फुंसियों में दर्द के साथ साथ खुजली और जलन किसी के लिए भी असहनीय हो जाती है। बच्चों की तो बात करें तो अगर फुंसी चेहरे पर हो जाए तो पहले उसका दर्द, जलन और खुजली होती हैं और जैसे-जैसे वह ठीक हो जाती है तो फिर बाद में चेहरे पर उसका निशान रह जाना है।
फुंसी एक तरह का बैक्टीरियल इन्फेक्शन होता है जो स्टेफीलोकोकस और चूस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बैक्टीरिया मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर छोटे लाल दाने का रुप ले लेते हैं और फिर बाद में धीरे-धीरे बड़ा होने लगते हैं। शुरू में यह दाना छोटा सा होता है लेकिन समय के साथ बढ़ता हुआ लाल रंग का हो जाता है और इसका मध्य भाग कुछ सफेद रंग का होता है जिसे पस कहते हैं।
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ऐसे तो त्वचा पर फोड़े फुंसी होने का मुख्य कारण यही बैक्टीरिया होता है जो त्वचा पर आए किसी भी घाव के द्वारा त्वचा के रोम छिद्रों में प्रवेश कर भीतर की त्वचा को नुकसान पहुंचाता है जो बाद में फोड़े फुंसी का रुप ले लेते हैं। इसके अलावा गर्मियों में फोड़े फुंसी होने के और भी कई कारण होते हैं जो निम्न है:
#1. खून में खराबी होने से
#2. मच्छर के काटने से
#3. बरसात के मौसम में गंदे पानी के कारण
#4. गर्मियों में अधिक मिर्च मसाला खाने से
#5. गर्मियों में आम का ज्यादा सेवन
#6. आसपास का प्रदूषित वातावरण होने के कारण
#7. कच्ची अम्बियो का सेवन अधिक करने से।
फोड़े फुंसी को पहचानना कोई मुश्किल काम नहीं है। उस जगह पर दर्द होता है और धीरे-धीरे इनका मुंह बनने लगता है जिससे खून निकलता है और पकने के बाद मवाद निकलती है। आंखों में दर्द जलन भी होती रहती है।
फोड़े फुंसी होने पर बच्चों के भोजन में देसी घी की जगह मक्खन का प्रयोग करना चाहिए। खाने में ज्यादा गर्म चीजें या ज्यादा मिर्च-मसाले, खट्टी चीजें, ज्यादा मीठा व टला-फला खाने से बचे। इस समय बच्चे को ताजे फल खाने चाहिए।
जब शरीर के किसी भी अंग पर फुंसी होती है तो यह बहुत तकलीफ होती है पर आप घर पर भी इसका उपचार कर सकती हैं। आइए हम आपको कुछ घरेलू उपचार बताते हैं जो बच्चों में फोड़े फुंसियों (fode phunshi ke gharelu upay) से निजात दिलाने में मदद करेंगे।
हल्दी को पीसकर थोड़े से सरसों के तेल के साथ मिलाकर, उसे एक कटोरी में डालकर तवे पर गर्म कर लें और फिर इसे रुई पर रखकर फुंसी पर बांध लें।
नीम की छाल और पत्तियों का लेप फोड़े फुंसी पर लगाएं। इससे काफी आराम मिलता है। इसमें आप नीम की निंबोली भी इस्तेमाल कर सकती है और नहाने के समय भी आप पानी में नीम की पत्तियां उबालकर उसे ठंडा करके उस पानी से अपने बच्चे को नहला सकती हैं।
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इसके लिए आपको एक चम्मच पिसा हुआ चन्दन, एक चम्मच पिसी हुई मुल्तानी मिट्टी व एक चम्मच नींबू के रस को अच्छे से मिलाकर लेप बना लें और इसका इस्तेमाल फुंसी पर लगाने के लिए करें।
मुल्तानी मिट्टी की तासीर ठंडी होती है और फुंसी में जलन बहुत होती है। इसलिए मुल्तानी मिट्टी को पानी में भिगोकर लगाने से ठंडक और राहत मिलती है। दो-तीन दिन तक लगातार लगाने से काफी आराम मिलता है।
दो कप पानी में थोड़ी सी मेहंदी डालकर उबाल लें और इसे छानकर रुई के फाहे से फुंसी को धोएं।
आलू का रस निकालकर इसे फुंसियों पर लगाएं। इसके साथ ही सुबह खाली पेट बड़ों के लिए 4 चम्मच और छोटों के लिए दो चम्मच आलू के रस का सेवन करें।
फोड़े फुंसी में सरसों का तेल काफी लाभदायक होता है। इसके लिए आप सरसों के तेल में थोड़ा तारपीन का तेल मिला लें और उसे फुंसी पर लगाएं। इससे जल्दी आराम मिलेगा।
फुंसी पर नारियल तेल में कपूर मिलाकर लगाने से भी आराम मिलता है।
एलोवेरा के गूदे को गर्म करके उसमें थोड़ी पिसी हुई हल्दी मिलाकर लगाने से फुंसी में आराम मिलता है।
खरबूजे के बीज को छिलके समेत पीसपर फोड़े पर लगाए। दिन में तीन से चार बार लगाने से इसलिए जल्दी ही आराम मिलेगा।
इनको पानी में उबालकर पीस ले और उसका लेप फोड़े पर लगाए। लगातार लेप लगाने से फोड़ा अपने आप फूट जाएगा।
गाजर को पीस कर उसे तवे पर जरा से तेल के साथ डालकर गर्म कर लें। इसे फोड़े-फुंसी फर किसी कपड़े से बांध दें।
यदि फोड़ा पक गया है और फूट नहीं रहा हैं तो केले की जड़ की एक गांठ धोकर पीस लें और उसमें थोड़ा सा गोमूत्र मिलाकर फोड़े पर लगाकर पट्टी बांधे।
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