आजकल हम दौड़ भरी जिंदगी में अपने खान-पान पर ध्यान नहीं दे पाते हैं और साथ में बाजारी खाना और फास्ट-फूड का सेवन आजकल बहुत चलन में हैं| यह खाना खाने में तो चटपटा, तीखा और स्वादभरा होता है परंतु हमारे शरीर की पाचन क्रिया के लिए उतना ही हानिकारक होता हैं| ऐसा खाना खाने से ही हम पेट में दर्द, जलन, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याओं से घिरे रहते हैं और इन समस्याओं से बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी बच नहीं पाते हैं|
अक्सर देखा जाता हैं कि बच्चों के शरीर की होने वाली समस्याओं को माँ समझ नहीं पाती हैं और बच्चों के रोने का कारण ना समझ पाने के चलते मां उसे चुप कराने के प्रयास में लगी रहती हैं| लेकिन बच्चों की परेशानियां तब ज्यादा बढ़ जाती हैं जब उनके पेट में दर्द होने के साथ ही उल्टी का होना, मल से खून का आना या फिर मुंह से बार-बार कफ का निकलना जैसी समस्याएं सामने आती हैं| ऐसे समय में आप अपने बच्चे को लेकर तुरंत डॉक्टर के पास पहुंच जाती हैं पर कुछ बिमारियों को आप घर पर ही रहकर सुलझा सकती हैं|
एसिडिटी क्या हैं?
हमारा पाचन तंत्र हमारे खाने को पचाने के लिए एसिड बनाता हैं जिस कारण हमारा पाचन तंत्र नियंत्रित रहता हैं| इस एसिड की मात्रा अगर सही रहे तो हमारा पेट स्वस्थ रहता हैं लेकिन अगर इसकी मात्रा बढ़ जाए तो यह एसिडिटी या अम्लता बन जाती हैं|
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एसिडिटी होने के कारण
#1. खान-पान पर ध्यान ना देने से
#2. बाजारी, तीखा व चटपटे खाने के कारण
#3. वक्त पर खाना ना खाने से
#4. खाली पेट चाय पीने से
#5. चाय या कॉफी का अधिक सेवन करने से
#6. शरीर में अधिक गर्मी होना भी एसिडिटी का कारण होता हैं|
एसिडिटी होने के लक्षण
#1. खट्टी व कड़वी डकारो का अधिक आना
#2. घबराहट होना
#3. सिर दर्द होना
#4. पेट में गैस की समस्या
#5. खाली उबाक आते रहना
#6. कब्ज होना
#7. उल्टी आना इत्यादि|
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एसिडिटी से बचने के तरीके या परहेज
यदि हमें इन समस्याओं से बचना हैं तो हमें तीखे व चटपटे भोजन को छोड़कर पौष्टिक आहार लेना चाहिए| इन सबके अलावा हमे निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:
#1. सुबह-सुबह खाली पेट अपने बच्चे को पीतल के लोटे में रखा हुआ पानी पिलाये|
#2. दोपहर के समय नींबू पानी का सेवन करवाए|
#3. रोजाना एक केले की प्यूरी बनाकर अपने बच्चे को दे|
#4. भोजन के बाद थोडा सा गुड़ अपने बच्चे को खिलाये|
#5. नारियल पानी का खाली पेट सेवन करवाए|
#6. प्रतिदिन दही व लस्सी का सेवन करवाए|
#7. गाजर का जूस व कच्चे पपीते का रस भी दे|
#8. टमाटर व चावल का परहेज़ करे व उड़द की दाल को चावल के साथ अपने बच्चे को ना दे|
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