बच्चों का दिमाग कैसे तेज बनाएं

बच्चों का दिमाग कैसे तेज बनाएं

अगर बच्चे का दिमाग तेज हो तो वो सभी काम आसानी से कर लेता हैं लेकिन अगर वही बच्चा चीजों को भूलने लगे तो उसका आत्मविश्वास भी कम होने लगता हैं। जिसके कारण वे छोटे से छोटे काम को भी करने से डरने लगते हैं। अगर बच्चो के खान-पान और रहन-सहन पर ध्यान दिया जाए तो इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि बच्चों का दिमाग कैसे तेज बनाएं (Dimag Tej Banane ke Upay)?

 

बच्चे शुरु से ही चंचल प्रवृति के होते हैं लेकिन अगर हम दिमाग की बात करे तो सभी बच्चो का दिमाग अलग-अलग होता हैं। कोई बच्चा पढ़ने मे तेज होते हैं तो कोई खेलने में। एक ही स्कूल मे बहुत से बच्चे पढ़ते हैं लेकिन सभी टोपर तो नहीं होते, समान परिवेश मिलने के बावजूद भी कोई बच्चा पढ़ने मे आगे निकलता हैं तो कोई खेल मे, तो कोई संगीत मे। आपने देखा ही होगा कि कभी-कभी बच्चे सब कुछ पढ़ने और याद करने के बाद भी भूल जाते हैं, उन्हे बहुत कोशिश करने के बाद भी कुछ याद नहीं रहता हैं। बच्चों का दिमाग तेज करने के कुछ उपाय निम्न हैं।

 

बच्चों का दिमाग तेज करने के उपाय (Bachho Ka Dimag Tej Karne Ke Upay)

#1. योग और प्राणायाम

जैसा कि हम जानते हैं योग और प्राणायाम हमारे शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक हैं। ठीक उसी प्रकार योग के द्वारा भी हम बच्चों पर ध्यान दे सकते हैं। हमे शुरू से ही बच्चों मे योग करने की आदत डालनी चाहिए, जब बच्चे नियमित योग करेंगे तो दिमाग और शरीर दोनों से स्वस्थ रहेंगे। कहा भी जाता है कि स्वस्थ शरीर मे ही स्वस्थ आत्मा का निवास होता है। हमें बच्चों को मेडिटेशन, हलासन, कपालभाती, अनुलोम विलोम, पद्मासन ये योगा करवाना चाहिए। इन सब योगा को करवाने से स्मरण शक्ति बढ़ती है और मन शांत होता है। पहले के समय मे विद्वान लोग महीनो महीनो तक ध्यान मुद्रा मे रहते थे जिससे उनका मन शांत होता था, स्मरण शक्ति और आत्मविश्वास भी बढ़ता था।

 

#2. खान-पान

बच्चो के दिमाग को तेज करने में खानपान भी एक अहम भूमिका निभाती हैं। बहुत से ऐसे पोषक तत्व से भरपूर आहार होते हैं जो बच्चे के लिए बहुत जरूरी होते हैं। जैसे कि दूध और दूध से बनी चीज़े, अंडा, केसर, हल्दी, दालचीनी, शहद, ओट्स, सेब, मछ्ली, तुलसी, रागी इत्यादि में केल्शियम, प्रोटीन, विटामिन, फ़ाइबर, एंटीओक्सीडेंट, ओमेगा 3 का बहुत अच्छा स्त्रोत हैं जो शरीर और मस्तिष्क के विकास के लिए बहुत जरूरी है। इससे बच्चे का दिमाग तेज़ होता है और इसे विकसित होने मे मदद मिलती है।

#3. दिमागी खेल खेलना

हमे बच्चों को दिमागी खेल भी खेलने के लिए देना चाहिए जैसे कि लुडो, अक्षर ढूढ्ने का खेल, पज़ल गेम, क्रॉस वर्ड, क्यूब गेम इन सब तरह के इंडोर गेम दिमाग तेज़ करने के लिए खेले जा सकते है। बच्चो को पहले उन खेल के बारें में अच्छे से बताए और फिर उनके साथ खेले और साथ ही अगर वो कोई गलती करे तो उन्हे अच्छे से समझाये।

#4. दिन मे सोना

दिन मे सोने से भी दिमाग तेज़ होता है क्योंकि जब बच्चा दिन में पढ़-लिख और खेल कर थक जाते है तब उनके शरीर और मस्तिष्क को थोड़े आराम की जरूरत होती हैं। इसलिए बच्चे अगर दिन मे एक घंटा भी सो जाता है तो उनकी थकान कम हो जाती है और बच्चा पढ़ाई दोगुनी तेज़ी और मन लगाकर करते है और वह पढ़ाई उनके दिमाग मे रहती हैं।

#5. समय देना

आज की भागदौड़ वाली जीवन शैली मे माता-पिता के पास अपने बच्चो के लिए समय नहीं है जिससे बच्चा गलत सोचने लगता है और अपने मम्मी पापा से दूर हो जाता हैं जिसका सीधा असर बच्चे के दिमाग पर पड़ता है। इसलिये बच्चो को समय दे, उससे दिनभर की बाते करे| इसके आलावा बच्चो के साथ कुछ खेलना भी चाहिए, उन्हे पार्क मे लेकर जाए और उनके साथ खेलें, उन्हे पेड़-पौधो की भी जानकारी दे, इससे उन्हे बाहरी चीज़ों की जानकारी भी मिलेगी और ताज़ी हवा भी। बाहरी हवा मिलने से शारीरिक और मानसिक क्षमता भी तेज़ होती है।

#6. नए शब्दो का प्रयोग

बच्चे माता-पिता के बहुत करीब होते हैं और उनसे ही बच्चे जल्दी सीखते हैं तो उनके साथ जितना हो सके बात करिए और बातों के क्रम मे कुछ नए शब्दों का भी उपयोग करे जिससे वह कुछ नए शब्द सुनेगे और उनका अर्थ भी जानेगे और साथ ही उसे उपयोग मे लायेगे भी।

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#7. सवालो को नज़रअंदाज़ न करे

आपने देखा होगा कि कभी-कभार बच्चे किसी नयी चीज या बात को सुन कर सवाल करते हैं और उनके माता-पिता उन सवालो का जवाब देना जरूरी नहीं समझते। पर ऐसा न करे, जब भी बच्चे आपसे कोई सवाल करे उसके बारें में उन्हे सही और प्यार से बताए। माता-पिता को एक दोस्त की तरह उनकी कोई भी परेशानी का हल करना चाहिए जिससे बच्चे कभी भी उनसे अपनी बातें शेयर करने में डरे नहीं।

बच्चो का दिमाग बहुत ही चंचल और मासूम होता है इसलिए जरूरी हैं आप इनपर ध्यान दे और कोई भी ऐसी बातें न करे जिससे बच्चे के दिमाग पर जोर पड़े। बच्चे का दिमाग समय के साथ विकसित होता है इसलिए बच्चे के साथ बहुत ही प्यार से पेश आए, उनके साथ कोई जबर्दस्ती न करे या उनपर किसी प्रकार का दबाब न डाले।

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