बचपन में डाली गई खान-पान की आदते उम्र भर रहती हैं| बच्चों को पोषक और अच्छा भोजन खाने की आदत डालकर उनके लिए स्वस्थ जीवन की आधारशिला रख सकते हैं| बच्चों का शरीर लगातार विकसित हो रहा होता हैं, वह शारीरिक रूप से भी बहुत सक्रिय होते हैं इसलिए पोषक भोजन से उनके विकास के साथ-साथ दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों के लिए उन्हें पर्याप्त ऊर्जा भी मिल जाती हैं|
बच्चों को कई पोषक तत्वों की आवश्यकता होती हैं जो एक साथ मिलकर उनके शरीर और मस्तिष्क का विकास कर सकें| 6 महीने तक के बच्चों के लिए स्तनपान जरूरी हैं जो 2 वर्ष तक जारी रखना चाहिए| 6 माह के बाद बाकि पोषक तत्वों की पूर्ति खाने से करनी होती हैं| उनके लिए माइक्रो और मैक्रो न्यूट्रिशंस दोनों ही बहुत जरूरी होते हैं|
नोट: एक गिलास = 250 मिलीलीटर
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यह वह पौष्टिक तत्व है जिसकी हमारे बच्चों को बहुत कम मात्रा में जरूरत होती हैं परंतु सारी उम्र होती हैं| इसमें विटामिन और मिनरल्स शामिल होते हैं जो कि स्वस्थ विकास के लिए बहुत जरूरी हैं| विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक विकासशील देशों में भारत में तीन में से एक व्यक्ति विटामिन और मिनरल्स की कमी से ग्रस्त हैं| जरूरी माइक्रोन्यूट्रिशंस जिनका ना होना कुपोषण की सबसे बड़ी वजह बन सकता हैं|
विटामिन ए: आंखों की रोशनी के लिए विटामिन ए अत्यंत आवश्यक हैं| यह हड्डियों, कोशिकाओं और उत्तको के विकास के लिए महत्तव्पूर्ण हैं व इम्यून तंत्र को मजबूत करता हैं|
कहां से प्राप्त करें: गाजर, शकरगंद, मेथी, पत्ता गोभी और हरी पत्तेदार सब्जियां|
विटामिन बी: शरीर की हर प्रक्रिया के लिए अत्यंत आवश्यक हैं| ऑक्सीजन ले जाने, मेटाबोलिज्म को दुरुस्त रखने के लिए यह आवश्यक हैं| कहां से प्राप्त करें: साबुत अनाज, अंडे, दूध, दुग्ध-उत्पाद, हरी पत्तेदार सब्जियां व फलियां इत्यादि|
विटामिन सी: यह इम्यून तंत्र को मजबूत बनाकर संक्रमण से बचाता हैं व साथ ही मसूड़ों को स्वस्थ रखता हैं| लाल रक्त कणिकाओं के निर्माण और मरम्मत के लिए इसकी जरूरत होती हैं| कहां से प्राप्त करें: खट्टे फल जैसे संतरा, मौसमी, स्ट्रोबेरी, टमाटर, खरबूजा इत्यादि|
विटामिन डी: यह शरीर में कैल्शियम की मात्रा को नियंत्रित करता है जो तंत्रिका तंत्र की कार्य प्रणाली और हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी हैं| कहां से प्राप्त करें: सूर्य की किरणें, दूध, अंडे, मछली इत्यादि|
विटामिन ई: समय पूर्व जन्मे बच्चों में जन्मजात ही विटामिन ई की कमी होती हैं| ऐसे बच्चों को विटामिन ई की खुराक अतिरिक्त देनी चाहिए ताकि उनका विकास प्रभावित ना हो| यह एलर्जी, कैंसर और ह्रदय रोग की रोकथाम में भी उपयोगी हैं| कहां से प्राप्त करें: बादाम और अखरोट, सूरजमुखी के बीज, पपीता, कद्दू इत्यादि|
विटामिन के: यह मजबूत हड्डियों के निर्माण, हृदय रोगों की रोकथाम व रक्त का थक्का बनाने में उपयोगी हैं| कहां से प्राप्त करें: पत्ता गोभी, फूल गोभी, हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक, मेथी इत्यादि|
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आयरन बच्चों में स्वस्थ रक्त बनाने के लिए आवश्यक होता हैं जो शरीर की सभी कोशिकाओं तक ऑक्सीजन ले जाता हैं|
कहां से प्राप्त करें: साबुत अनाज, फलियां, सूखे मेवे, हरी पत्तेदार सब्जियां इत्यादि|
यह बच्चों की लंबाई बढ़ाने में सहायता करता हैं| अगर बच्चों में कैल्शियम की कमी होगी तो बच्चों की मांसपेशियां ठीक तरह से विकसित नहीं हो पाती हैं|
कहां से प्राप्त करें: पालक, मेथी, दही, बथुआ, टोफू, दूध कम वसा वाला|
यह वायरस और दूसरे रोग फैलाने वाले सूक्ष्म जीवों से लड़कर बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता हैं व याददाश्त भी सुधारता हैं|
कहां से प्राप्त करें: फलियां, साबुत अनाज, सूखे मेवे, दूध, कोको|
प्रत्येक कौशिका और अंग को कार्य करने के लिए पोटेशियम की आवश्यकता होती हैं| ब्लड प्रेशर और हृदय के सुचारु रुप से कार्य करने के लिए भी यह जरूरी हैं|
कहां से प्राप्त करें: केले में प्रचुर मात्रा में होता हैं, इसके आलावा आलू, शकरकंदी, वसा रहित दूध, दही इत्यादि|
अगर बचपन में मैग्नीशियम का पर्याप्त मात्रा में सेवन नहीं किया जाए तो उम्र बढ़ने के साथ हृदय रोगों की चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती हैं|
कहां से प्राप्त करें: अनाज, ब्राउन राइस, फलियां, बादाम व सूखे मेवे|
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ये वो पोषक तत्व होते हैं जो हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं साथ ही शारीरिक विकास के लिए इनका अहम रोल हैं| इसके अलावा शारीरिक गतिविधियों में इनका योगदान होता हैं| मैक्रो का शाब्दिक अर्थ होता हैं- दीर्घ| इसका मतलब यह है कि अधिक मात्रा में पोषक तत्वों की आवश्यकता होती हैं| इनमें मुख्य हैं वसा, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन|
वसा बच्चों के लिए ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत हैं और यह आसानी से शरीर में संग्रहित हो जाती हैं| यह शरीर के द्वारा कुछ दूसरे पोषक तत्वों के उपयोग में भी सहायता करती हैं| वसा में घुलनशील विटामिनो के संचरण के लिए भी यह आवश्यक हैं|
कहां से प्राप्त करें: दूध और दुग्ध उत्पाद, सूखे मेवे, घी, मक्खन इत्यादि|
यह शरीर को वसा और प्रोटीन का उपयोग करने में सहायता करता हैं| बच्चों को स्टार्च और फाइबर अधिक मात्रा में और शुगर कम मात्रा में खानी चाहिए|
कहां से प्राप्त करें: ब्रेड, अनाज, चावल, पास्ता, आलू, शकरकंद इत्यादि|
यह कोशिकाओं का निर्माण करने में सहायता प्रदान करता हैं| प्रोटीन भोजन संक्रमण से लड़ने और ऑक्सीजन के संचरण के लिए आवश्यक हैं| यह शरीर के विकास और मांसपेशियों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं| बच्चों और किशोरों को प्रतिदिन 2 से 3 ग्राम प्रति किलो वजन पर प्रोटीन का सेवन करना चाहिए|
कहां से प्राप्त करें: डेयरी उत्पाद, फलियां, दाल व सूखे मेवे इत्यादि|
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