बच्चे नींद में क्यों हंसते हैं?

बच्चे नींद में क्यों हंसते हैं?

पिछले हफ्ते हम अपने एक रिश्तेदार से मिलने उनके घर गए जिनके यहाँ नवजात शिशु ने जन्म लिया था। नींद में वो शिशु अचानक मुस्कुराने लगा। पहले मुझे लगा शायद यह मेरा भ्रम है लेकिन बच्चे का मुस्कुराना वहां उपस्थित सभी लोगों ने नोटिस किया था। वहां उपस्थित कुछ लोगों का कहना था कि बच्चे के नींद में हंसने का अर्थ होता है कि भगवान उसे हंसा रहे हैं या ऐसा भी माना जाता है कि छोटे बच्चों को अपने पिछले जन्म की याद रहती है और वही यादें शिशु को हंसने और रोने के लिए मजबूर करती हैं।

बच्चे का जागते हुए हंसना तो सामान्य है लेकिन अगर बच्चा सोते हुए हँसता है तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। कुछ शिशु तो पैदा होने के कुछ समय बाद से ही नींद में मुस्कुराने लगते हैं। आपने भी बच्चों को नींद में हंसते, मुस्कराते या खिलखिलाते हुए सुना होगा।

अब सवाल यह उठता है कि आखिर छोटे बच्चे नींद में क्यों हंसते (Neend Mein Hasna) हैं? क्या सच में वो पिछले जन्म की बातों को याद करते हैं या इसके पीछे कुछ अन्य कारण हैं। जानिए ऐसे ही कुछ तथ्यों (Babies Smiling in Sleep) के बारे में।

बच्चे नींद में क्यों हंसते हैं? (Why do Babies Smiling in Sleep in Hindi?)

#1. भावनात्मक विकास (Emotional Development)
बच्चा अपने जीवन के शुरुआती दिनों में बाहरी दुनिया में बहुत कुछ नया देखता है और तरह-तरह की आवाजें सुनता है। बच्चे का छोटा दिमाग जागते हुए जो भी चीज़ों का अनुभव करता है सोते हुए भी वो उन्हीं चीज़ों को अनुभव करना बंद नहीं करता।

विशेषज्ञों के अनुसार जागे होने के साथ-साथ नींद में भी बच्चों का भावनात्मक विकास होता रहता है। यही एक कारण है जिसके कारण बच्चे नींद में कभी हँसते, कभी मुस्कराते तो कभी-कभी रोते हैं।

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#2. आरईएम नींद (REM Sleep)
आरईएम नींद वो नींद है जिसमें हम सपने देखते हैं। अगर आपका बच्चा नींद में मुस्कुरा रहा है तो हो सकता है कि वो अभी आरईएम नींद में हो। हो सकता है कि इस अवस्था में बच्चा दिन की अच्छी बातों को सपने में देखकर मुस्कुरा रहा हो। बच्चों की नींद बड़ों की नींद से अधिक गहरी होती है।

बच्चे अगर एक या दो घंटे के लिए भी सो जाते हैं तो वो उस दौरान भी हंस या रो सकते हैं। बच्चे के नींद में रोने का कारण यह भी हो सकता है कि शायद दिन में ऐसा कुछ हुआ हो, जिससे वो खुश हुआ हो और उसी वो रात में सोते हुए देख रहा हो। अगर बच्चा नींद में हंस या रो रहा हो तो ऐसे में बच्चे को तंग न करें और ना ही एकदम उसे उठाये अन्यथा बच्चा चिड़चिड़ा हो जायेगा।

#3. मेडिकल कारण (Medical reasons)
कुछ मामलों में बच्चे के नींद में हंसने के पीछे मेडिकल कारण भी हो सकते हैं। हालाँकि ऐसा बहुत ही कम मामलों में होता है। लेकिन ऐसा हो सकता है कि कोई दौरा, बीमारी या अन्य मैडिकल समस्या बच्चों की नींद में निरंतर हंसी का कारण बन रही हो।

अगर बच्चे सोते हुए असमान्य हंसी हँसते हैं, बहुत अधिक रोते हैं, एकदम से उनका वजन कम हो रहा हो, नींद में समस्या आदि परेशानियां देखें तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें। सोते हुए बच्चा का असमान्य और अधिक हंसना या रोना आपके बच्चे के आराम के समय को बाधित कर सकता हैं जिससे बच्चे के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
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#4. गैस (Gas)
कुछ विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि बच्चे पेट में गैस होने से परेशान होते हैं लेकिन जैसे ही गैस पास हो जाती है तो वे आराम और अच्छा महसूस करते हैं। अच्छा महसूस होने के कारण उन्हें चेहरे पर हंसी आ जाती है।

गैस के पास होने को भी बच्चे के नींद में मुस्कुराने का एक कारण माना जाता है। नवजात शिशु से लेकर बड़े बच्चे भी नींद में ऐसा महसूस कर सकते हैं। हालाँकि वैज्ञानिक इस बात का समर्थन नहीं करते।

 

विशेषज्ञ तो यह मानते हैं कि तीन से चार माह का बच्चा ही नींद में हंसना शुरू करता है लेकिन नवजात शिशुओं को भी नींद में मुस्कराते हुए देखा जा सकता है। छोटे बच्चों की हंसी और मुस्कराहट किसी को भी खुश कर देती है। थोड़ा बड़ा बच्चा आसपास की आवाज़ों को नींद में सुनकर मुस्कुरा कर या हंसकर अपनी प्रतिक्रिया देता है।

बच्चों का नींद में हंसना, मुस्कुराना या खिलखिलाने का कोई नुकसान या दुष्प्रभाव नहीं है लेकिन अगर यह सामान्य से अधिक हो रहा हो तो डॉक्टर से अवश्य राय लें लें।

कितने दिन का बच्चा नींद में मुस्कुरा या हंस सकता है इसके बारे में एक सर्वेक्षण किया गया जिसमे यह निष्कर्ष निकला कि महज 17 दिन का बच्चा मुस्कुरा और तीन महीने का बच्चा नींद में खिलखिला कर हंस सकता है। इसके पीछे वैज्ञानिक मुख्य रूप से छोटे बच्चे में हो रहे भावनात्मक विकास को जिम्मेदार मानते हैं और इसके पीछे पिछले जन्म का कोई हाथ नहीं होता।

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