बच्चे माँ-बाप की छाँव में ही बड़े होते हैं, इनकी परवरिश की ज़िम्मेदारी माँ बाप की ही होती है। हम बच्चों को जो जैसी शिक्षा और संस्कार देंगे, वहीं बच्चे सीखते हैं। कहा भी गया हैं कि जैसा बीज़ बोओगे वैसा ही तो पेड़ मिलेगा। सबसे पहले तो बच्चो में आदर की भावना का होना बहुत जरूरी है, उन्हें यह सीखाना जरूरी हैं कि घर मे बड़े और वृद्ध लोगो के पास जाकर जरूर बैठे, उनसे बात करें व उनके साथ खेलें। इससे बच्चे बड़ों के साथ समय भी बिता लेंगे और उन्हे अच्छी-अच्छी बाते भी सीखने को मिल जाएगी।
इसी तरह जब बच्चे छोटे होते है तो उन्हें खाना माँ खिलाती है, लेकिन जब बच्चे तीन साल के हो जाते है तो उन्हें भी टेबल कुर्सी पर बैठ कर ही खाना सिखाये| अगर आप उसे खुद से भी खिला रही है तो भी उसे टेबल कुर्सी पर बैठा कर ही खिलाये और उसे इस बात के बारे मे बताए कि हमे खाना खाते समय कैसे खाना चाहिए और टेबल की किन बातों को ध्यान मे रखना चाहिए।
आजकल की जैसी जीवन शैली हैं उसमें कई बार पार्टी मे जाना हो जाता हैं और ऐसे समय मे अगर आपका बच्चा खाना खाने के मेन्नर्स को नहीं जनता हो और खाने को सही तरीके से नहीं खाये तो हमे बहुत ही शर्मिंदगी महसूस होती है। इसी शर्मिंदगी को महसूस न करने के लिए आये बच्चो को टेबल मैनर्स सिखाने के कुछ टिप्स जानते हैं|
अपने बच्चे को टेबल मैनर्स कैसे सिखाये?
- हमे सबसे पहले अपने बच्चो को यह बताना चाहिए कि टेबल पर बैठते कैसे है, उसे यह सही तरीके से समझाना चाहिए क्योंकि बचपन की सीखी हुई बातें बच्चे जल्दी नहीं भूलते हैं।
- बच्चो को टेबल मैन्नर्स मे बर्तनो का इस्तेमाल करना जरूर बताएं, उन्हे यह बताएं कि कांटा और चम्मच कैसे पकड़ते है, सूप किस चम्मच से पीना चाहिए और डीजर्ट और सब्जी खाने के लिए कौन सी चम्मच उपयोग मे ली जाएगी। यह भी बताए कि पतली ग्रेवी वाली सब्जी के लिए छोटी कटोरी का इस्तेमाल करें। प्लेट की भी जानकारी दें।
- उन्हे यह भी बताएं कि जब खाना सर्व हो रहा हो तो पहले मुझे बोल कर शोर न करें। उनकी बारी आने पर उनको भी खाना दिया जाएगा।
- बच्चे अगर खुद से खाना ले रहे हो तो उन्हें यह समझाये कि थोड़ा-थोड़ा करके ही खाना प्लेट मे डाले, अच्छा लगने पर यदि और भूख हो तो और डलवा लेना।
- बच्चों को यह बताए कि खाना मुँह बंद करके अच्छे से चबाकर खाएँ और छोटे-छोटे टुकड़े बना कर खाना खाएँ, बड़ा टुकड़ा खाने पर उसका चेहरा खराब लग सकता है या फिर और लोग देख कर हँस भी सकते है।
- बहुत बच्चों की आदत होती है जल्दी-जल्दी पानी पीने की, जिस कारण से खराब भी लगता है और कपड़े भी गीले हो जाते है। इसकी वजह से उन्हें उलझन भी आ सकती हैं| इसलिये उन्हें बताये कि चाहे कितनी भी प्यास लगी हो पानी को आराम से ही पिए|
बच्चों को यह भी बताए कि किसी भी चीज को लेने के लिए हमेशा दाएँ हाथ का ही इस्तेमाल करें और खाना खाने के लिए भी एक ही हाथ का इस्तेमाल करें। जब बच्चा खाना अपनी प्लेट में ले तो बहुत सावधानी से लें व यह ध्यान रखे कि खाना टेबल पर नहीं गिरना चाहिए।
- टेबल मैन्नर्स मे सबसे जरूरी यह है कि अगर सभी लोग साथ मे खा रहे हो तो बड़ों के खाना शुरू करने का इंतज़ार करना चाहिए।
- खाना खाते समय ज्यादा नहीं बोलना चाहिए क्योंकि खाना फसने का डर रहता हैं।
- अगर खाना डिस्पोज़ेबल बर्तन मे खाया जा रहा हो तो उसे इधर-उधर नहीं फेंक कर कचरे के डब्बे मे ही डालें।
- बच्चो को खाना खाने के पहले और बाद मे हाथ धोने की आदत डालें।
- खाना खाते समय टेलीविज़न नहीं देखने दे, इससे वह अपने मैन्नर्स भूल जाएगा और खाना खाने मे भी बहुत अधिक समय लगाएगा।
- सबसे खास बात, शुरू से ही बच्चों मे अपने खाये हुए बर्तन को अपने आप ही उठाकर बेसिन मे रखने की आदत डालें।
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बस इन कुछ बातों को ध्यान मे रख कर अगर आपका बच्चा खाना खायेगा तो वह एक शिष्ट बच्चा कहलाएगा।
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