मां के दूध को शिशु के लिए बहुत आवश्यक कहा गया हैं क्योंकि मां का दूध बच्चे के लिए शारीरिक और मानसिक विकास को तेजी से होने में मदद करने के साथ-साथ शिशु को रोगों से लड़ने के लिए भी सक्षम बनाता हैं। पहली बार मां बनने पर शिशु को स्तनपान व ब्रेस्ट फीडिंग (Breastfeeding) करवाते समय महिलाएं कई मुश्किलों का सामना करती हैं क्योंकि उस समय उसे इस बारे में अच्छे से पता नहीं होता हैं लेकिन धीरे-धीरे महिला को इसकी आदत हो जाती हैं। यदि आप चाहे तो स्तनपान कराते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इस बारे में अपनी नर्स से भी पूछ सकती हैं। आइए जानते हैं और भी बातें जिनका ध्यान स्तनपान करवाते (Breastfeeding Tips in Hindi) समय हर महिला को रखना चाहिए।
बच्चों को स्तनपान करवाने के बेसिक टिप्स (Breastfeeding Tips in Hindi)
#1. आराम से बैठे
प्रसव के बाद महिला को ज्यादा देर तक एक ही स्थान पर बैठने से परेशानी हो सकती हैं। इसलिए महिलाओं को स्तनपान करवाने के लिए आरामदायक स्थान चुनना चाहिए और साथ ही गोद में सिरहाना लेकर शिशु को लिटाना चाहिए ताकि वह भी आराम से दूध पी सके। इसके साथ ही अपनी कमर के पीछे भी एक सिरहाना रखना चाहिए।
#2. बच्चा आराम से दूध पी सके
बच्चे को दूध पिलाते समय इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि स्तन का आगे का उभरा हुआ भाग शिशु अच्छे से पकड़ सके और महिला को दो उँगलियों से स्तन को पकड़ कर रखना चाहिए ताकि बच्चा आराम से दूध पी सके। साथ ही आपको बच्चे को आराम से अपनी हथेली से सिर और गर्दन को सहारा देते हुए पकड़ना चाहिए जिससे बच्चे को आराम से दूध पीने में मदद मिलती हैं।
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#3. नाक ना दबे
महिला को ध्यान देना चाहिए कि स्तनपान करवाते समय आपके स्तन का भार बच्चे की नाक पर ना पड़े। अपने हाथ से स्तन को पकड़ कर रखें क्योंकि कई बार स्तन का भार पड़ने पर शिशु को सांस लेने में परेशानी का अनुभव हो सकता हैं।
#4. ज्यादा शोर वाले स्थान पर ना बैठे
स्तनपान करवाते समय आपको ऐसे स्थान पर बैठना चाहिए जहां ज्यादा शोर ना हो क्योंकि शोर होने के कारण शिशु दूध पीना छोड़ सकते हैं जिससे बाद में उसे जल्दी भूख लगती हैं और वह रोने लगता हैं। इसके कारण बच्चों को सोने में भी परेशानी का अनुभव हो सकता हैं।
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#5. बार-बार स्तन ना बदले
शिशु जब दूध पी रहा होता हैं तो उसे आराम से पीने देना चाहिए और उससे स्तन छुड़ाने का प्रयास नही करना चाहिए। यदि बच्चा अपनी मर्जी से स्तन छोड़ दे तो उसे दूसरा स्तन देना चाहिए। यदि उससे भी उसका पेट भर जाता हैं तो अगली बार बच्चे को दूध पिलाने की शुरुआत दूसरे स्तन से करनी चाहिए।
#6. दूध पीता हुआ बच्चा हिचकी ले तो रुके
यदि शिशु दूध पीते समय बीच में हिचकी लेने लगता हैं या खांसी लेने लगता हैं तो ऐसे में तुरंत स्तनपान करवाना रोक देना चाहिए क्योंकि इससे बच्चा उल्टी कर सकता हैं। उसके बाद यदि शिशु को भूख लगी हैं तो 5 मिनट बाद ही शिशु का स्तनपान करवाना चाहिए।
#7. बच्चे को कितना दूध पिलाए
नवजात शिशु को
हर 2 घंटे में मां का दूध पिलाना चाहिए और तब तक शिशु को दूध पिलाना चाहिए जब तक कि उसका पेट ना भर जाए क्योंकि यदि आप थोड़ा सा दूध पिलाकर बच्चों को हटा देती हैं तो इससे बच्चा बार-बार भूख के कारण रोता हैं। यदि शिशु खुद स्तन छोड़ दे तो अलग बात होती हैं।
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स्तनपान से शिशु को होने वाले फायदे (Benefits of Breastfeeing in Hindi)
- मां के दूध से बच्चे के विकास को और तेजी से होने में मदद मिलती हैं।
- स्तनपान से शिशु को रोगों से लड़ने के लिए सक्षम होने में फायदा मिलता हैं।
- बच्चों के विकास के लिए सभी जरूरी मिनरल्स इससे मिलते हैं।
- बच्चों को ही नहीं बल्कि मां को भी ब्रेस्ट कैंसर जैसी परेशानी से बचाव होने में मदद मिलती हैं।
- मानसिक रूप से भी बच्चे का विकास तेजी से होता हैं।
- बच्चे का वजन भी सही रहता हैं।
तो यह है कुछ टिप्स (Breastfeeding Tips in Hindi) जिसका ध्यान हर महिला को स्तनपान करवाते समय रखना चाहिए। इससे शिशु का पेट भी आराम से भर जाता हैं व महिला को भी किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती हैं। हर महिला को अपने बच्चों को 2 से 3 वर्ष तक स्तनपान जरुर करवाना चाहिए ताकि बच्चा भी तंदुरुस्त रहे और माँ भी।
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