गर्भावस्था का समय बहुत ही मुश्किल भरा होता है जहां एक महिला को मां बनने की खुशी हो रही होती है तो वही उसे मूड स्विंग, बढ़ते हार्मोनल बदलाव और कई तरह के दर्द का सामना करना पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान एक महिला के हार्मोन में कई तरह के बदलाव आते है जिसकी वजह से उसके शरीर और दिमाग में बहुत सारे बदलाव आते हैं। घर के और बाहर के कामों के साथ-साथ इन बदलावों को संभालना बहुत मुश्किल हो जाता है हालांकि अधिकांश परिवर्तन महिला को पहले से पता होते हैं। डॉक्टर भी गर्भवती महिलाओं को इन सबके बारे में बता देते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे रोचक तथ्य जो गर्भावस्था (Facts about Pregnancy) के दौरान देखे जाते हैं।
गर्भावस्था के दौरान आपका गर्भाशय अपने आकार के करीब 500 गुना बड़ा हो जाता है। आप इस बात को इस तरह से सोच सकते हैं जैसे कि आपका गर्भाशय संतरे के आकार जितना हो और वह तरबूज जितना बड़ा हो जाए। गर्भाशय का इतना बड़ा होना शिशु के विकास के लिए आवश्यक होता है। यह बदलाव गर्भावस्था के तीसरे महीने से देखे जा सकते हैं।
यह हम शिशु के जन्म के बाद की बात नहीं कर रहे हैं। गर्भावस्था के आखिरी सप्ताह में जब आप शिशु के रोने की आवाज सुनती हैं तब आपके शरीर में अपने आप दूध बनने लग जाता है। एक महिला का शरीर गर्भावस्था के आखिरी हफ्ते में ही दूध बनाना शुरू कर देता है ताकि शिशु को जन्म के बाद उसके भोजन की जरूरत पूरी हो जाए। जब किसी और का बच्चा भी रो रहा होता है तब गर्भवती महिलाओं का दिमाग सिग्नल देने लगता है जिससे उनका शरीर अपने आप दूध बनाने लगता है जो कि आश्चर्यजनक बात है।
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गर्भवती महिलाओं को यह सलाह दी जाती है कि उन्हें कोई भारी चीज नहीं उठानी चाहिए और जो भी काम करें उसे बहुत ही आराम से करना चाहिए। यह इसलिए क्योंकि इस समय उनकी हड्डियां बहुत नाजुक हो जाती है। गर्भावस्था के दौरान रिलैक्सीन नाम का एक हार्मोन होता है जो महिला के कई अंगो और खासकर योनी के आसपास के क्षेत्र को बहुत नाजुक बना देता है ताकि वे शिशु के विकास में मदद कर सके। यह हार्मोन शरीर की बाकी सारी हड्डियों को भी नाजुक कर देता है।
यह एक आश्चर्यजनक बात है परंतु यह सच है कि एक महिला गर्भावस्था के दौरान भी गर्भवती हो सकती है। उदहारण के तौर पर, 2009 में अमेरिका में एक महिला जूलिया के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था। जूलिया जुड़वा बच्चों की उम्मीद कर रही थी परंतु अल्ट्रासाउंड में पता चला कि उनके गर्भाशय में दो अलग-अलग आकार के भ्रूण थे। ऐसा तब हुआ जब उन्होंने 2 हफ्ते के अंतराल में ही दो बार गर्भ धारण किया। दोनों भ्रूण अपनी-अपनी गति से बढ़ रहे थे और उनका जन्म भी अलग-अलग समय पर हुआ था। वैसे इस तरह की स्थिति बहुत कम आती है। ऐसे केस केवल 11 ही हैं और इसे सुपर फैटेशन (Superfetation) कहा जाता है।
जब शिशु मां की कोख में होता है तब मां का शरीर रक्त का उत्पादन करता है जो कि संपूर्ण रक्त आयतन के 50% तक बढ़ जाता है। शिशु को अपने विकास के लिए मां के शरीर के संपूर्ण रक्त का ⅕ भाग चाहिए होता है और रक्त का संचार भी मां की कोख में पहले से ज्यादा हो जाता है। रक्त के बढ़ते संचार के साथ-साथ मां के दिल का आकार भी बड़ा हो जाता है। इस दौरान आपकी नाक से भी खून बह सकता है।
अगर आप अपनी आसपास की महिलाओं से ज्यादा लंबी है या फिर आपका वजन आम महिलाओं के वजन से ज्यादा है तो हो सकता है कि आपको जुड़वा बच्चे हो।
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आप पहले से यह अनुमान नहीं लगा सकती है कि अगले अल्ट्रासाउंड में आपको क्या देखने को मिलेगा। अल्ट्रासाउंड में आप देखेंगे कि आपका नन्हा सा बच्चा कभी अंगूठा चूस रहा है, हाथ हिला रहा है, सर हिला रहा है इत्यादि। अगर जुड़वा हो तो वे एक दूसरे का हाथ पकडे हुए हैं या फिर एक दूसरे को लात मार रहे हैं आदि। तो यह आम बात है इसमें आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
जी हां, बच्चे मां की कोख में भी रो सकते हैं। यह बिल्कुल मुमकिन है क्योंकि वह एमनीओटिक द्रव से घिरे हुए होते हैं। इसलिए उनके रोने की आवाज मां को भी नहीं सुनाई देती। यह कहना दुखनिय है कि आपका बच्चा आपकी कोख में रो रहा है और आपको उसकी खबर भी नहीं परंतु यह शिशु के विकास की एक निशानी है।
मां के गर्भ में रहते-रहते ही लड़की के भ्रूण के सारे अंडे विकसित हो जाते हैं जो कि उसे पूरी जिंदगी भर चाहिए होते हैं जबकि लड़के के भ्रूण, मां की कोख में इन सबका उत्पादन नहीं कर पाते हैं।
गर्भावस्था के दौरान शिशु के पूरे शरीर पर बाल आ जाते हैं जिसे लेनूगो (Lenugo) कहते हैं। अधिकांश केसों में जन्म से पहले वे सारे बाल झड़ जाते हैं।
गर्भावस्था के दौरान एक महिला की जिंदगी में बहुत बदलाव आते हैं। उस समय में महिला को कई प्रकार के मूड स्विंग्स आते हैं पर उनको मां बनने के लिए इस सब से गुजरना पड़ता है। पिता में भी कुछ बदलाव देखे जा सकते हैं जैसे उनका भी वजन बढ़ जाता है। अगर आपको कुछ अलग बदलाव अपने शरीर में दिखे जिसके बारे में आपने पहले कभी सुना ना हो तो ऐसे में आपको डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए।
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