अगर आप पहली बार गर्भवती हुई हैं तो कुछ आवश्यक जानकारियां

अगर आप पहली बार गर्भवती हुई हैं तो कुछ आवश्यक जानकारियां

आपकी पहली गर्भावस्था मिली-जुली भावनाओं का एक चरण होता है। इस समय आप दुनिया में अपने छोटे से शिशु का स्वागत करने के बारे में उत्साहित होती हैं। लेकिन इस दौरान ऐसे कई सवाल ऐसे होते हैं जो आपके दिमाग में होंगे जो आपको बहुत परेशान करते होंगे। यह स्वभाविक है कि आप पहली बार प्रेगनेंट हो रहे हैं और ऐसे में यह शारीरिक बदलाव आपको विचलित कर सकते हैं। लेकिन सही जानकारी आपको गर्भावस्था का पूरा आनंद और स्वस्थ रहने में मदद करते हैं। आइयें जानते हैं पहली बार प्रेगनेंट (First Time Mom) होने पर आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए  

प्रेगनेंसी में आम शारीरिक बदलाव (Body Changes in Pregnancy)

पहली चीज जो आपको करने की जरूरत है वह है गर्भावस्था के संकेतों और लक्षणों को समझना। चार संकेत हैं जो आपको बताएंगे कि आपके लिए यह गर्भावस्था का परीक्षण करने का समय है:

#1. नरम स्तन (Tender Breasts)

यह आपकी पहली गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में से एक है। आपके अपने स्तनों में सूजन और कोमलता महसूस होगी। आपको यह भी महसूस होगा कि आपके स्तन भारी हो गए हैं। इसका कारण यह है कि जब आप गर्भवती होती हैं तो आपका शरीर बहुत सारे हार्मोनल परिवर्तनों से गुजर रहा होता है।  

#2. थकान (Fatigue)

पहली बार गर्भावस्था के दौरान आप महसूस करेंगी कि आपके पास सामान्य से कम ऊर्जा है। यह हार्मोनल परिवर्तनों का परिणाम भी है। इस दौरान आपके शरीर में प्रोजेस्टेरोन नामक हार्मोन बड़ी मात्रा में उत्पन्न होता है और यह हार्मोन आपकी ज्यादा नींद के लिए भी जिम्मेदार होता है। इसके अलावा आपका रक्तचाप कम हो सकता है और शरीर में पैदा होने वाली शर्करा बढ़ सकती है, जिससे आपको ऐसा महसूस होगा कि आपके पास सामान्य दिनचर्या की गतिविधियों को करने के लिए बहुत कम ऊर्जा या शक्ति है।  

#3. ऐंठन और खून बहना (Cramping and Bleeding)

इस समय आप योनि से थोड़ा रक्तस्राव देखेंगे जिसे आरोपण रक्तस्राव (implantation bleeding) भी कहा जाता है। यह तब होता है जब निषेचित अंडा गर्भाशय की दीवार से जुड़ जाता है। आप इसे अपने सामान्यता होने वाले रक्तस्राव से अलग महसूस कर सकती हैं क्योंकि इसमें खून का रंग हल्का होता है। आपको खून के धब्बे भी दिखाई देंगे। यह रक्तस्राव सिर्फ एक या दो दिन तक चलेगा। आप इस समय ऐंठन का भी अनुभव कर सकती हैं जो आपको माहमारी के दौरान अनुभव करती हैं।  

#4. जी मिचलाना (Nausea)

मतली या जी मिचलाने का अनुभव करने के लिए आपको अपनी गर्भावस्था में कई महीने होने की ज़रूरत नहीं है। जब आप गर्भधारण करते हैं तो मॉर्निंग सिकनेस काफी आम है। इस लक्षण के लिए हार्मोनल परिवर्तन जिम्मेदार हैं। चूंकि इस दौरान हार्मोन के स्तर में तेजी से वृद्धि होती है तो आप गंध को ज्यादा महसूस करेंगी, कुछ आहारों को खाने का आपका मन नही करेगा और हर समय आपको लगेगा कि आपका पेट भरा हुआ हैं क्योंकि भोजन गर्भावस्था के दौरान बहुत धीरे-धीरे पचता है। इन सभी परिवर्तनों को एक साथ महसूस करने से गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में मतली और उल्टी आना हो सकता है। इसे भी पढ़ेंः जानें कितने प्रकार से होती है डिलीवरी

पहली बार मां बनते समय रखें यह बातें ध्यान (Tips for First Time Mom or First Pregnancy Tips in Hindi)

प्रेगनेंसी टेस्ट करना आपकी गर्भावस्था की पुष्टि करने के लिए सबसे बेहतर है। अगर टेस्ट पॉजिटिव आता हैं तो उसके बाद आपको अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए और यह पक्का करना चाहिए कि आप गर्भवती हैं या नही ताकि आप अपनी स्वस्थ गर्भावस्था के लिए आवश्यक कदम उठा सकें और अपने आप को स्वस्थ रख सकें। इस दौरान आप नीचे दी गई बातों का अवश्य ध्यान रखें।  

#1. डॉक्टर की अपॉइंटमेंट (Doctor Appointment)

पहली बार मां बनने के बाद आपको डॉक्टर की अपॉइनमेंट कभी नहीं भूलनी चाहिए। सही समय पर सभी जांचे करवाएं। सारे अल्ट्रासाउंड व टेस्ट डॉक्टर द्वारा बताई गई तारीख पर ही करवाना बेहतर होता है।  

#2. पोषण का रखें ख्याल (Ensure proper nutrients)

पोषण एक सुरक्षित और स्वस्थ गर्भावस्था की कुंजी है। आपको फोलिक एसिड, आयरन और कैल्शियम की अतिरिक्त खुराक की आवश्यकता होती है जो इन सप्लीमेंट्स में पाया जाता है। दवाइयां हमेशा समय पर लें। दवाइयों के साथ अपने खान पान पर भी ध्यान रखें। इसे भी पढ़ेंः गर्भावस्था के दौरान उल्टी रोकने के घरेलू उपाय

#3. जीवनशैली में जरुरी बदलाव करें (Make necessary lifestyle changes)

कम कैफीन का सेवन, ऐसे खाद्य पदार्थों से परहेज करना जो आपकी गर्भावस्था के दौरान समस्या पैदा कर सकते हैं, पर्याप्त आराम करना, खुद को सक्रिय रखना, पर्याप्त पानी पीना और यह भी सुनिश्चित करना कि जब आप गर्भवती हों तो स्वस्थ आहार का सेवन इत्यादि इन सबका पालन करना बेहद आवश्यक है।  

#4. वजन बढ़ने पर नजर रखें (Keep an eye on weight gain)

आप यह भी सुनिश्चित करे कि आपका वजन लगातार बढ़ रहा हैं। इसके लिए आप अपने वजन की लगातार जांच भी करते रहे।  

#5. घबराएं नहीं (Don’t Panic)

पहली बार मां बनने के दौरान मॉर्निंग सिकनेस, उलटी, चक्कर आने या जी मचलाने जैसी समस्याएं काफी गंभीर लगती हैं। उन्हें लगता है यह सिर्फ उनके साथ ही हो रहा है लेकिन ऐसा नहीं होता। इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान कभी कभी खून आना, वेजाइनल डिस्चार्ज़, क्रैम्प, शिशु का हलचल ना करना भी सामान्य होता है। ऐसी स्थितियों में दिमाग पर काबू रखें और डॉक्टर के पास अवश्य जाएं।  

#6. दवाइयां खुद से ना लें (Don’t take Medicine without Doctor Advice)

पहली बार मां बनते समय दवाइयों का भी विशेष ध्यान रखें। अपनी मर्जी से कोई भी दवाई ना लें। गर्भावस्था के दौरान हमेशा डॉक्टर की सलाह के बाद ही दवाई लें। सर्दी जुकाम या बुखार होने पर भी पहले डॉक्टर से राय लें। लेकिन आयरन व कैल्शियम की दवाईयां हमेशा समय से लें।  

#7. खाने का समय निर्धारित करें  (Make Meal Time Table)

प्रेगनेंट होने के बाद गर्भ में पल रहा आपका बच्चा पोषण के लिए आप पर ही निर्भर होता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान खाना समय पर खाएं। सुबह का नाश्ता जल्दी करें और स्नैक्स के रूप में फल, ड्राई फ्रूट्स या अन्य हेल्थी चीजें लें। दिन में कम से कम एक फल अवश्य खाएं। दाल में प्रोटीन होता है यह कम से कम एक कटोरी अवश्य खानी चाहिए। मछली, अखरोट आदि डीएचए के स्त्रोत होते हैं जो दिमागी विकास के लिए जरूरी होते हैं। प्रेगनेंसी में पपीता, अनानास या ऐसी चीजें खाने से बचें जिन्हें नहीं खाना चाहिए।  

#8. पहले दो महीने और आखिरी दो महीने अधिक सावधानी (Important Time)

प्रेगनेंसी के दौरान पहले दो महीने और आखिरी दो महीने बेहद अहम होते हैं। पहले दो महीने में कोई भी भारी सामान उठाने, तेज सीढ़िया चढ़ने या शारीरिक संबंध बनाने से परहेज करना जरूरी होता है। वहीं आखिरी दो महीनों में भी ऐसे काम ना करें जिससे पीठ या घुटनों पर जोर पड़ें।  

#9. उठने, बैठने और सोने का ध्यान (Look out for Body Posture)

प्रेगनेंट होने के बाद आपकी जिंदगी काफी बदल जाती है। अब आपको अपने उठने, बैठने व सोने पर भी ध्यान देना जरूरी है। ज्यादा देर तक पेट के बल ना सोएं, एकदम से उठकर खड़े ना हों, ज्यादा देर तक बैठे ना रहें। इन सब बातों का ध्यान रखना पहली बार मां बनते समय अवश्य रखना चाहिए। इसे भी पढ़ेंः क्या सफेद पानी प्रेगनेंसी को करता है प्रभावित? क्या आप एक माँ के रूप में अन्य माताओं से शब्दों या तस्वीरों के माध्यम से अपने अनुभव बांटना चाहती हैं? अगर हाँ, तो माताओं के संयुक्त संगठन का हिस्सा बने। यहाँ क्लिक करें और हम आपसे संपर्क करेंगे।

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