यूं तो हर माता-पिता और बुजुर्ग अपने बच्चों को अच्छी आदतें अपनाने को बोलते हैं लेकिन बहुत बार हम बच्चों की आदतों को नजरअंदाज कर देते हैं या उन्हें अच्छी आदतों का ज्ञान करवाने में लापरवाही कर देते हैं। जो उन्हें आगे चलकर बहुत नुकसान पहुंचाती है। आज हम आपको 10 ऐसी आदतें बताने जा रहे हैं जो हर माता-पिता को अपने बच्चों को जरूर सिखाना चाहिए।
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बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए उनको अच्छी आदतें सिखाना बहुत जरूरी हैं| सुबह जल्दी उठने में बड़ों को भी आलस आता हैं तो बच्चों की तो क्या बात करें परंतु अगर बच्चों में बचपन से ही सुबह उठने की आदत डाल दी जाए तो यह आदत उनमें ताउम्र रहती हैं। दरअसल सुबह जल्दी उठने से हमारा दिमाग तनाव मुक्त रहता हैं और दिनभर ताजगी बनी रहती हैं| साथ ही सुबह जल्दी उठकर आप व्यायाम के लिए समय निकाल सकते हैं जो आप को तंदुरुस्त रखता हैं| एक शोध में यह भी पाया गया हैं कि सुबह जल्दी उठने वालों में तनाव का खतरा काफी कम पाया जाता हैं।
आजकल लोग डाइनिंग टेबल पर बैठकर ही खाना खाना पसंद करते हैं। लेकिन हमारे बुजुर्गों के समय में ज्यादातर लोग जमीन पर बैठकर खाना खाते थे और यह स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद होता था। दरअसल जमीन पर बैठकर खाना खाने से हमारे शरीर का पोस्चर ऐसा होता हैं कि जिससे हमारी पाचन क्रिया सही रहती हैं और साथ ही इससे हमारी घुटने और कोनिया मजबूत होती हैं। इसके अलावा जमीन पर बैठकर खाना खाने से ना सिर्फ शरीर में रक्त संचार सुचारू रहता है बल्कि यह पेट की चर्बी कम करने में भी सहायक होता हैं।
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बच्चों की अक्सर यह आदत होती हैं कि वह खाना खाते समय बीच-बीच में पानी पीते हैं लेकिन इससे पाचन क्रिया बिगड़ती हैं और पेट को खाना पचने में समय लगता हैं| इससे पेट में अपच होना, गैस बनना और ब्लड शुगर बढ़ जाना जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
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आजकल की लाइफस्टाइल में लोग रात को भोजन काफी देर से करते हैं। दरअसल आयुर्वेद की मानें तो रात का खाना खाने का सही समय सूर्यास्त के समय ही है इससे शरीर और प्राकृतिक चक्र के बीच में तालमेल बना रहता है। जिससे सोने से पहले खाना पच जाता है और नींद भी अच्छी आती है। सूर्यास्त के समय भोजन कर लेने से मोटापे और अपच जैसी समस्याएं नहीं रहती और शरीर तरोताजा रहता हैं।
बच्चों को तेल और मसालेदार भोजन खाने को ना दें और ना ही खुद उनके सामने यह सब चीजें खाएं| बच्चें वही काम और आदतें अपनाते हैं जो वह अपने बड़ों को करता देखते हैं| उन को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि आप खुद भी स्वस्थ रहें। बच्चों को केवल हरी सब्जियाँ, फल, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट युक्त ही भोजन खाने को दें।
बच्चे खेल कूद में लगे रहते हैं ऐसे में उनके हाथ गंदे हो जाते हैं और उनके हाथों में कई तरह के बैक्टीरिया लग जाते हैं| जब वे इन्हीं हाथों से खाना खाते हैं तो उन्हें डायरिया, भोजन से जुड़े इन्फेक्शन और हेपेटाइटिस जैसी समस्या होने की संभावना बढ़ जाती हैं| इसलिए बच्चों में हमेशा यह आदत डालें कि खाना खाने से पहले और बाद में अपने हाथ जरूर धोएं ताकि हाथों में सफाई बनी रहे और गंदगी पेट में न जाए| पहले यह आदत अपने जीवन में अपनाएं और अपने आसपास भी सफाई रखें। आप खुद जितना साफ कपड़े डालेंगे, बच्चे भी उसी आदत को अपनाने लगेंगे| इसके अलावा बच्चों को खाना खाने के बाद मुंह धोने और कुल्ला करने की आदत भी डालें ताकि मुंह में कैविटीज और बेक्टेरिया होने का खतरा ना रहें।
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बच्चों को सुबह जल्दी उठने के बाद उनको व्यायाम करवाएं| ऐसा करने से बच्चों का शारीरिक विकास ठीक से होगा| आप भी बच्चों के साथ मिलकर व्यायाम करे व उनके साथ विभिन्न तरह के शारीरिक खेल खेले| इससे बच्चे खुशी और मस्ती में यह सब काम कर लेते हैं।
बच्चे बाहर खेलते हैं तो उनके शरीर पर कई तरह की गंदगी लग जाती हैं जिससे कई तरह के बैक्टीरिया पनपते हैं जो शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं| ऐसे में बच्चों को हमेशा सिखाए कि जब भी कहीं बाहर घूम कर आएं या खेल कर आए तो अपने हाथ पैर जरूर धोए या स्नान करें।
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बच्चों को शुरू से ही भगवान की पूजा के लिए कुछ समय निकालने की आदत डालें क्योंकि इससे बच्चों में आध्यात्म का ज्ञान बढ़ेगा| इसके अलावा कुछ देर आंखें बंद कर भगवान में ध्यान लगाने से एकाग्रता बढ़ती हैं और सकारात्मक उर्जा का प्रचार होता हैं। माँ-बाप को इस अच्छी आदत को भी जीवन का एक अभिन्न अंग बनाना चाहिए।
निश्चित रूप से हर माँ बाप अपने बच्चों को चम्मच से कैसे खाना हैं, यह सब सिखाते हैं लेकिन उसे चबाकर खाना चाहिए यह भी बताना चाहिए| इन सब के साथ-साथ यह भी सिखाना चाहिए कि उन्हें खाना टीवी देखते हुए नहीं खाना हैं और खाना सबके साथ मिलकर बड़े प्रेम से और अच्छे से चबा-चबा कर खाना हैं।
हर माँ-बाप की जिंदगी में उनके बच्चों से ज्यादा कोई और कुछ महत्वपूर्ण नहीं होता। माँ-बाप बच्चों की जिंदगी खुशहाल बनाने के लिए हर संभव कोशिश करते हैं। हर माँ बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा हमेशा स्वस्थ रहें और एक अच्छा इंसान बने। इसके लिए वह उन्हें हेल्थी डाइट के साथ-साथ अच्छी परवरिश भी देते हैं। बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए उन्हें बचपन से ही ऐसी अच्छी आदतें डाल देनी चाहिए ताकि आगे चलकर वह एक बेहतर इंसान बनें और स्वस्थ जिंदगी जिए।
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